2 mukhi
2 मुखी रुद्राक्ष माला – 2 mukhi rudraksha mala
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2 मुखी रुद्राक्ष माला – 2 mukhi rudraksha mala

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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्षों को दिव्य स्थान दिया गया है। ऐसा कहा गया है की जन्म कुंडली में विराजमान ग्रहों की दशाओं के अनुसार विधिवत रूप से रुद्राक्ष को धारण करने से ग्रहों की अशुभ दशा से प्राप्त होने वाले बुरे परिणामों को दूर कर जीवन में सफलता पाई जा सकती है। साथ ही यह भी कहा गया है कि उनसे पूर्ण शुभता की प्राप्ति के लिए उन्हें विधिवत संस्कारित करना अत्यंत आवश्यक होता है और यह कार्य किसी विद्वान, ब्राह्मण के द्वारा ही करवाना चाहिए।

2 मुखी रुद्राक्ष देवी देवता का स्वरूप माना गया है। 2 मुखी रुद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर का प्रतीक भी माना गया है। 2 मुखी रुद्राक्ष द्वैत और अद्वैत का, आत्मा व परमात्मा का, ब्रह्मा व जीव का, पुरुष और नारी का, ईश्वर और माया का प्रतीक बीज भी है।

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनेक प्रकार के पाप, अपराध,गुनाह दोष का नाश होता है और धारण करने वाला व्यक्ति जीवन के दौरान हर प्रकार के सुख प्राप्त करते हुए सुखी रहता है।

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2 मुखी रुद्राक्ष और ग्रह दोष – Original 2 mukhi rudraksha mala

दो मुखी रुद्राक्ष का संबंध चंद्र से है। चंद्र से सम्बंधित समस्त दोषों के निवारण के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। इस ग्रह की अशुभ दशा में जातक को गंभीर शारीरिक रोगों का सामना करना पड़ता है। मुख्य रूप से गुर्दे और आंख के रोग होते हैं। पारिवारिक संबंधों की मधुरता भी जाती रहती है।

दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से उक्त प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं, समस्त प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होती है ,धन-धान्य की वृद्धि होती है, द्विसपनोँ का नाश होता है, गहरी नींद आती है। जिसके फलस्वरूप एकाग्रता बढ़ती है, मन स्थिर होता है और मानसिक शांति प्राप्त होकर आध्यात्मिक उन्नति होती है।

अगर चंद्रमा और शुक्र अपनी दशा में बुरे प्रभाव दे रहे हैं तो, दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इन ग्रहों के बुरे एवं दुष्प्रभाव दूर होते हैं। इन ग्रहों की मारक दशा में दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कष्टों का निवारण होता है। दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और किसी भी तरह की चोट लगना एक्सीडेंट होने से भी बचाव होता है।

2 मुखी रुद्राक्ष माला पहनने से क्या फ़ायदा होता है – 2 mukhi rudraksha mala benefits in hindi

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सुख, शांति ,धन लाभ, घर, मकान, संपत्ति, शिक्षा, ज्ञान एव मोक्ष प्रदान करता है। दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला जातक समाज द्वारा पसंद किया जाता है, उसे संपन्ता प्राप्त होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है। ठंडक, खांसी, खिन्नता, बाई आंख, मानसिक कष्ट, हृदय, फेफड़े, गुर्दा, खून व जल संबंधित रोग, मासिक धर्म, आदि रोगों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने पर सहायक होता है।

  • ज्योतिष के अनुसार कर्क राशी के जातकों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना शुभ माना गया है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ मिलती है।
  • पति-पत्नी में आपसी कलह को दूर करने में भी दो मुखी रुद्राक्ष लाभकारी माना गया है।
  • शारीरिक बिमारियों में यह मोटापे और ह्रदय रोग को दूर करने में लाभकारी है।
  • अपने कार्य क्षेत्र में सम्मान प्राप्ति हेतु दो मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाना चाहिए।
  • यदि आप क़र्ज़ से पीड़ित है और कर्ज बढ़ता ही जा रहा है तो ऐसे में दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करना आपके लिए जीवन में नई खुशियाँ ला सकता है | दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से क़र्ज़ से मुक्ति पाने के द्वार खुलने लगते है।
  • यह एक मात्र ऐसा रुद्राक्ष है जिसे धारण करने से शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • यह ऊपरी बाधाओं को भी दूर करने में सक्षम माना गया है | भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियाँ दो मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से दूर होती है।
  • अंतिम समय में यदि इस रुद्राक्ष को धारण किया जाये तो व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पाकर स्वर्ग को प्राप्त होता है।

दो मुखी रुद्राक्ष माला को धारण करने की विधि

सबसे पहले रुद्राक्ष को पंचामृत( दूध-दही-घी-शहद-गंगाजल के मिश्रण) से स्नान कराये। इसके पश्चात् शुद्ध जल से स्नान कराये अब रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान कराये।  इतना करने के उपरांत रुद्राक्ष को पूजास्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर रख दे। अब दीपक प्रज्वल्लित करें व रुद्राक्ष की विधिवत पूजा करें रुद्राक्ष को कुमकुम से तिलक करें, पुष्प अर्पित करें, अक्षत(चावल) अर्पित करें, मीठे का भोग लगाये।

रुद्राक्ष पूजन के पश्चात् हाथ में जल लेकर परमपिता परमेश्वर से इस प्रकार आग्रह करें : – हे परमपिता परमेश्वर मैं( अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) दो मुखी को अभिमंत्रित करने हेतु ॐ नमः शिवाय मंत्र के जप कर रहा हूं मुझे इस कार्य में सफलता प्रदान करें, मेरे कार्य में किसी प्रकार की कोई गलती हो गयी हो तो मुझे क्षमा करें। ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे। अब भगवान शिव का ध्यान करते हुए अधिक से अधिक संख्या में ॐ नमः शिवाय मन्त्र के जप करें।

राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष 

मेष राशि: मेष राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष दारण करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना गया है।

वृष राशि: वृषभ राशि के जातक अगर लाइफ में शुभ फलों की प्राप्ति का इंतजार कर रहे हैं, तो चार मुखी, छह मुखी और चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

मिथुन राशि: मान्यता है कि इस राशि के जातक रुद्राक्ष की प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर चार, पांच या तेरह मुखी रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कर्क राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के लोग तीन, पांच या फिर गौरी शंकर रुद्राक् भी धारण कर सकते हैं।

सिंह राशि: इस राशि के जातकों को एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कन्या राशि: इस राशि के जातक जीवन में सकारात्मक परिणाम और भगवान शिव की  कृपा पाने के लिए चार, पांच या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

तुला राशि: इन्हें चार, छः अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है। इसलिए शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ये धारण करें।

वृश्चिक राशि: जीवन ने सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए वृश्चिक राशि के लोगों को तीन, पांच मुखी या गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

धनु राशि: एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना धनु राशि वालों के लिए शुभ माना गया है।

मकर राशि: मकर राशि के जातक भगवान शिव की कृपा पाने  के लिए चार मुखी, छः या चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। ये रुद्राक्ष इनके लिए शुभ फलदायी होते हैं।

कुंभ राशि: इस राशि के जातक चार, छः या फिर चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण करें।

मीन राशि: जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए इस राशि के जातकों को तीन, पांच या गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।

सोते समय नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष

रुद्राक्ष पहन कर कभी सोना भी नहीं चाहिए। जब आप सोने के लिए जाते हैं तो रुद्राक्ष को उतार कर इसे तकिए के नीचे या मंदिर वाली जगह पर रख दें। तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखने से बुरे सपने व नींद टूटने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें। रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें। रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष की माला को जागृत कैसे करें

मेरू मणि पर स्पर्श करते हुए ऊं अघोरे भो त्र्यंबकम् मंत्र का जाप करें। यदि एक ही रुद्राक्ष सिद्ध करना हो तो पहले उसे पंचगव्य से स्नान कराएं। इस के बाद गंगा स्नान कराएं. बाद में उसकी षोडशोपचार पूजा करें, फिर उसे चांदी के डिब्बे में रखें।

रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए

नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष से बचना चाहिए। संभोग के समय कभी भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान या मासिक धर्म होने पर रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें।

रुद्राक्ष कितने बजे पहनना चाहिए

अगर, फिर भी आप इसे धारण करना चाहते हैं तो पहले खुद को शराब और तामसिक भोजन का त्याग करने के लिए तैयार कर लीजिए, अन्यथा आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। सोते समय उतार दें रुद्राक्ष सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है।

2 मुखी रुद्राक्ष माला का कीमत क्या है

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2 मुखी रुद्राक्ष माला धारण करके क्या ना करे

  • रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करें।इ सके साथ ही शिव मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
  • रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • रुद्राक्ष माला को आपने धारण कर लिया है तो अब इसे किसी और को बिल्कुल न दें। इसके साथ ही दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करें।
  • रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए। लेकिन 27 मनकों से कम नहीं होनी चाहिए।
  • रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें। मनके के छिद्रों में धूल और गंदगी जम सकती है। जितनी बार हो सके इन्हें साफ करें.. अगर धागा गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसे बदल दें। सफाई के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो लें। यह इसकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।
  • रुद्राक्ष गर्म प्रकृति के होते हैं। जिसके कारण कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। इसलिए बेहतर है कि इसका उपयोग न करें बल्कि पूजा घर में रखकर रोजाना पूजा करें।