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8 mukhi Rudraksha

8 mukhi rudraksh mala

8 मुखी रुद्राक्ष माला क्या है – 8 mukhi rudraksh mala kya hai

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की धीमी और तेज गति दोनों ही जीवन को काफी प्रभावित करती है। तेज गति वाले ग्रह जीवन को काफी छोटी अवधि के लिए प्रभावित करते हैं जबकि धीमी गति वाले ग्रहों लोगों के जीवन को लंबी अवधि के लिए प्रभावित करते हैं। इसके कारण प्रत्येक जन्म कुंडली में अच्छे और बुरे दोष होते हैं, जिनमें से एक सबसे आम और नकारात्मक दोष है कालसर्प दोष। यह दोष की अवधि लंबे समय तक रहती है और जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। 8 मुखी रुद्राक्ष पहनने से काल सर्प दोष के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है, साथ ही पेरशानियों और बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ – 8 mukhi rudraksh pahanane ke labh

  • यह पहनने वाले को व्यवसाय और लॉटरी से संबंधित अवसरों और स्टॉक एक्सचेंज आदि क्षेत्र में मदद करता है।
  • यह जीवन में अप्रत्याशित हो रही देरी को दूर करने में मदद करता है
  • यह विफलताओं और बाधाओं से निपटने में मदद करता है
  • यह मानसिकता को बदलने में मदद करता है और आपको प्रतिकूलताओं से निपटने में सक्रिय बनाता है
  • यह मूलाधार चक्र को विनियमित करने का काम करता है
  • यह केतु के ग्रह प्रभाव को दूर करने में मदद करता है
  • यह काल सर्प दोष के प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करता है
  • यह फेफड़े, लीवर और पेट संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है
  • यह पहनने वाले में ज्ञान और जागरूकता बढ़ाता है
  • यह रुद्राक्षधारी को मजबूत बनाता है और उसे जीवन में चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने में सक्षम बनाता है
  • यह पहनने वाले के जीवन में सफलता लाने में मदद करता है
  • यह पहनने वाले को ऊर्जावान बनाता है और जीवन से नीरसता को दूर करता है
  • यह व्यक्ति में सकारात्मकता, संतुष्टि और प्रसन्नता का संचार करता है
  • यह पैर या हड्डी से संबंधित समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है
  • यह पहनने वाले को इच्छा शक्ति और स्थिरता प्रदान करता है
  • यह मानसिक सुस्ती को दूर करने में मदद करता है
  • यह पहनने वाले को किसी भी तरह के नकारात्मक गतिविधि से बचाए रखता है
  • यह धारक से वासना और लालच को दूर करता है

राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष – rashi ke anusaar dhaaran karen rudraksh

मेष राशि: मेष राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष दारण करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना गया है।

वृष राशि: वृषभ राशि के जातक अगर लाइफ में शुभ फलों की प्राप्ति का इंतजार कर रहे हैं, तो चार मुखी, छह मुखी और चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

मिथुन राशि: मान्यता है कि इस राशि के जातक रुद्राक्ष की प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर चार, पांच या तेरह मुखी रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कर्क राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के लोग तीन, पांच या फिर गौरी शंकर रुद्राक् भी धारण कर सकते हैं।

सिंह राशि: इस राशि के जातकों को एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कन्या राशि: इस राशि के जातक जीवन में सकारात्मक परिणाम और भगवान शिव की  कृपा पाने के लिए चार, पांच या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

तुला राशि: इन्हें चार, छः अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है। इसलिए शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ये धारण करें।

वृश्चिक राशि: जीवन ने सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए वृश्चिक राशि के लोगों को तीन, पांच मुखी या गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

धनु राशि: एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना धनु राशि वालों के लिए शुभ माना गया है।

मकर राशि: मकर राशि के जातक भगवान शिव की कृपा पाने  के लिए चार मुखी, छः या चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। ये रुद्राक्ष इनके लिए शुभ फलदायी होते हैं।

कुंभ राशि: इस राशि के जातक चार, छः या फिर चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण करें।

मीन राशि: जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए इस राशि के जातकों को तीन, पांच या गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।

सोते समय नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष – sote samay nahin pahanana chaahie rudraksh

रुद्राक्ष पहन कर कभी सोना भी नहीं चाहिए। जब आप सोने के लिए जाते हैं तो रुद्राक्ष को उतार कर इसे तकिए के नीचे या मंदिर वाली जगह पर रख दें। तकिए के नीचे रुद्राक्ष रखने से बुरे सपने व नींद टूटने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें। रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें। रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नमः शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष की माला को जागृत कैसे करें – rudraksh kee mala ko jaagrt kaise karen

मेरू मणि पर स्पर्श करते हुए ऊं अघोरे भो त्र्यंबकम् मंत्र का जाप करें। यदि एक ही रुद्राक्ष सिद्ध करना हो तो पहले उसे पंचगव्य से स्नान कराएं। इस के बाद गंगा स्नान कराएं. बाद में उसकी षोडशोपचार पूजा करें, फिर उसे चांदी के डिब्बे में रखें।

रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए – rudraksh kise nahin pahanana chaahie

नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष से बचना चाहिए। संभोग के समय कभी भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान या मासिक धर्म होने पर रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें।

रुद्राक्ष कितने बजे पहनना चाहिए – rudraksh kitane baje pahanana chaahie

अगर, फिर भी आप इसे धारण करना चाहते हैं तो पहले खुद को शराब और तामसिक भोजन का त्याग करने के लिए तैयार कर लीजिए, अन्यथा आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। सोते समय उतार दें रुद्राक्ष सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है।

1 मुखी रुद्राक्ष माला का कीमत क्या है – 1 mukhi rudraksh maala ka kimat kya hai

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8 मुखी रुद्राक्ष माला को अभिमंत्रित व सिद्ध करने की विधि – 8 mukhi rudraksh mala ko abhimantrit va siddh karane kee vidhi

8 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने हेतु सर्वप्रथम रुद्राक्ष को पंचामृत( दूध-दही-घी-शहद और गंगाजल के मिश्रण) से स्नान कराये | इसके पश्चात् शुद्ध जल से स्नान कराये | अब रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान कराये | इतना करने के उपरांत रुद्राक्ष को पूजास्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर रख दे | अब दीपक प्रज्वल्लित करें व रुद्राक्ष की विधिवत पूजा करें( रुद्राक्ष को कुमकुम से तिलक करें, पुष्प अर्पित करें, अक्षत(चावल) अर्पित करें, मीठे का भोग लगाये) |

रुद्राक्ष पूजन के पश्चात् हाथ में जल लेकर परमपिता परमेश्वर से इस प्रकार आग्रह करें : – हे परमपिता परमेश्वर मैं( अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) आठ मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने हेतु ॐ नमः शिवाय  या ॐ हूं नमः (दोनों में से किसी एक मंत्र का जप करें) मंत्र के जप कर रहा हूं मुझे इस कार्य में सफलता प्रदान करें, मेरे कार्य में किसी प्रकार की कोई गलती हो गयी हो तो मुझे क्षमा करें | ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे | अब भगवान शिव का ध्यान करते हुए अधिक से अधिक संख्या में ॐ नमः शिवाय या ॐ हूं नमः मन्त्र के जप करें मंत्र जप पूर्ण करने के उपरांत आप स्थान छोड़ दे और रुद्राक्ष में धागा डालकर माला बना ले | अब शिवमंदिर जाकर वहां विधिवत शिवलिंग पूजा करें | अंत में रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए रुद्राक्ष को गले में धारण करें।

8 मुखी रुद्राक्ष की पहचान – 8 mukhi rudraksh kee pahachaan

8 मुखी रुद्राक्ष के ऊपर प्राकृतिक रूप से आठ धारियां पाई जाती है, जो मुखों के रूप में अलंकृत की जाती है, प्राकृतिक रूप से जो धारियां एक रुद्राक्ष के ऊपर रहती है, वह एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक बिना किसी त्रुटि के लगातार रेखा रहती है, उसमें किसी भी प्रकार का तोड़ मोर या टेढ़ापन जैसी चीजें देखने को नहीं मिलती है ।

यदि रेखा स्पष्ट रूप से एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक नहीं मिल रही है, तो इसका तात्पर्य है, कि वह एक नकली रुद्राक्ष है, इसके साथ ही प्रत्येक 8 मुखों के बीच समान दूरी रहती है, तब भी उसे प्राकृतिक रुद्राक्ष माना जाता है, जबकि यदि मुखों के बीच की दूरी समान नहीं है, तो वह एक कृत्रिम रूप से निर्मित रुद्राक्ष है।

रुद्राक्ष के रंग हैं

  • सफेद रुद्राक्ष- जो लोग सफेद रंग का रुद्राक्ष धारण करते हैं उनमें आत्मविश्वास की शक्ति प्रबल होती है, शारीरिक रूप से स्वस्थ हो जाते हैं और यह पहनने वाले के जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर कर देता है।
  • लाल रुद्राक्ष – ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी इस लाल रुद्राक्ष को पहनता है या उसकी पूजा करता है, वह पिछले जन्म के सभी पापों से मुक्त हो जाता है और प्रभावी रूप से जल जाता है।
  • पीला रुद्राक्ष – पीले रंग का रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति सुखमय जीवन प्राप्त करते हैं।
  • काला रुद्राक्ष – इस रुद्राक्ष का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि इसे पहनने वाले को स्वास्थ्य लाभ, आध्यात्मिक लाभ, धन, सफलता मिलती है, सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है और लोगों की समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है।

आठ मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है – aath mukhi rudraksh ka kya mahatv hai

आठ मुखी रुद्राक्ष इसे पहनने वाले के जीवन से सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

यह समग्र उपलब्धि सुनिश्चित करता है और पहनने वाले को कभी भी अपने विरोधियों से हार का सामना नहीं करना पड़ता है।

राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को आसानी से दूर कर सकता है यह मनका

यह रहस्यमय प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में सहायक है और बुरी आत्माओं, बुरे सपने, त्वचा रोगों और फेफड़ों, पैरों, त्वचा और हाइड्रोसेओल के रोगों के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है।

यह पहनने वाले को बार-बार विफल होने के कारण तनाव, मानसिक दबाव और चिंता से बचाता है।

यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए भी बहुत अच्छा है जिनकी कुंडली में “सर्प दोष” (पांचवें घर में राहु ग्रह) है।

आठ मुखी रुद्राक्ष का व्यापक रूप से भोगवाद में रुचि रखने वाले लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है क्योंकि यह उनके लिए बहुत अच्छा है।

8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के क्या करें और क्या न करें – 8 mukhi rudraksh dhaaran karane ke kya karen aur kya na karen

  • प्रतिदिन इसकी पूजा करें।
  • इस पर हमेशा भरोसा रखें।
  • इसे किसी को मत दिखाओ।
  • टूटा हुआ मनका न पहनें।
  • अपना मनका किसी को न दें।
  • इसे पहनने के बाद केमिकल वाले साबुन का इस्तेमाल न करें।
  • इसे पहनने के बाद मांसाहारी भोजन न करें।
  • इसे पहनने के बाद शराब का सेवन न करें।
  • अंतिम संस्कार सेवा में जाने से पहले इसे हटा दें।
  • सुनिश्चित करें कि अष्टमुखी रुद्राक्ष की माला न पहनें क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली होती है।
  • सोने से पहले इसे उतार लें और जहां आप भगवान की पूजा करते हैं वहां रख दें।
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