सभी आर्डर पर 300 रुपए की छूट 🎉🎁

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने से क्या होता है

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने से क्या होता है – Pregnancy mein Khatta Khane se Kya Hota Hai आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का क्या मतलब होता व प्रेगनेंसी में खट्टा खाना चाहिए कि नहीं। यदि आप गर्भवती हैं तो आपको अजीब-अजीब खाने से जुड़ी चीज़ों का सेवन करने का मन करता होगा जो कि शायद आपने पहले न खाई हों। कभी-कभी तो आपको ऐसी चीज़ें खाने का मन करेगा जो आप कभी खाना नहीं चाहेंगी या जो खाने की नहीं होती है। इस सब में महिलाओं का सबसे अधिक मन खट्टा खाने का होता है। क्या आपको पता है महिलाओं को गर्भवस्था में खट्टा खाने का मन क्यों करता है? अक्सर हमने लोगों को यह कहते सुना है कि गर्भवती महिलाओं को खट्टा खाने का दिल करता है। यदि कोई महिला ज्यादा खट्टी चीज़ें खा रही है तो प्रश्न यही आता है कि शायद महिला गर्भवती होगी। यह बात हम सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन करता है पर क्या आपको पता है ऐसा क्यों होता है?  आमतौर पर गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में खट्टा खाती है जो कि एक मानसिक स्थिति है। हालांकि महिलाएं गर्भावस्था में खट्टी चीज़ें क्यों खाती हैं इसके कई वैज्ञानिक कारण हैं जो कि गर्भावस्था के शुरू होने से ही आरम्भ हो जाते हैं। निम्न तीन मुख्य कारणों की वजह से महिलाओं को गर्भवस्था में खट्टा खाने का मन करता है –  गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिला के शरीर में गैस्ट्रिक एसिड का बनना कम हो जाता है जिससे पाचन करने वाले एंजाइम कम बनते हैं जिसके कारण गर्भवती महिला को चक्कर आना, जी मिचलाना, भूख कम लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। खट्टा खाने से पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनने लगता है और पाचन करने वाले एंजाइम भी बनने लग जाते हैं जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टिनल पथ में कार्य शुरू हो जाता है जिसके कारण पाचन और भोजन के अवशोषण में मदद मिलती है। तो अगर कोई गर्भवती महिला एसिडिक या खट्टा पदार्थ कहती है तो वो इसलिए ताकि उसे जी मिचलाना, उलटी आना आदि लक्षणों से आराम मिल सके और इनके कारण गर्भवती महिला की भूख भी बढ़ जाती है।  गर्भावस्था के दूसरे व तीसरे महीने में शिशु की हड्डियाँ व कंकाल बनना शुरू होता है जो कि कैल्शियम से बना होता है लेकिन कैल्शियम को फ्री फॉर्म में हड्डियों में ज़माने के लिए एसिडिक फ़ूड या विटामिन सी की जरूरत होती है। इसलिए इस समय में महिला का खट्टा खाने का मन करता है।  गर्भवती महिला यदि खट्टे पदार्थ खाती है तो उसका शरीर आयरन के अवशोषण, हमोग्लोबिन को बनने में मदद करने के लिए इन खट्टी चीज़ों की मांग करता है। विटामिन सी माता व शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। भ्रूण अपने लिए कनेक्टिव टिशू सेल का उत्पादन करने के लिए मैट्रिक्स प्रोडक्शन की संरचना कर रहा होता है और साथ ही हेमाटोपोईएटिक की संरचना भी हो रही होती है जो कि शिशु के कार्डियो वेस्कुलर विकास और वृद्धि में मदद मिलती है। विटामिन सी से माता की इम्युनिटी बढ़ जाती है और आयरन के अवशोषण व प्रयोग को बढ़ावा देता है और खट्टी चीज़ें अधिकतर विटामिन  सी से बनी होती है  इससे गर्भवती माँ अपने आप को व शिशु को विटामिन सी दे पाती है। साथ ह आयरन एक जरूरी ट्रेस पदार्थ है हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आयरन बहुत ही जरूरी है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी हो सकती है। ऐसे में विटामिन सी एनीमिया को ठीक करने में मदद करता है। केवल एसिडिक स्थितियों में फ्रिक आयरन डाईवेलेंट आयरन में बदल सकता है जो कि पेट द्वारा अवशोषित होता है।

401485 2939209 updates

Depression in Hindi – डिप्रेशन का लक्षण और उपचार

अवसाद यानी डिप्रेशन क्या होता है? – What is Depression in Hindi आज हम आपको डिप्रेशन (Depression) के लक्षण (Symptoms) कारण (Causes) और इलाज (Treatment) के बारे में बताएंग। डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद कहा जाता है जो कि एक मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति को अत्यधिक दुःख, क्षति का एहसास होता है। कई बार व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा भी आ सकता है जिससे व्यक्ति का सामान्य जीवन प्रभावित होता है। यह बहुत ही सामान्य स्थिति है। एक शोध के अनुसार यह पता चला है कि अमेरिका में बीस वर्ष के युवाओं में 8.1 युवा डिप्रेशन का शिकार होते हैं।  डिप्रेशन व्यक्ति को अलग-अलग तरह से महसूस होता है। यह आपके रोजाना के कार्यों को भी प्रभावित करता है . इसके कारण व्यक्ति के समय की अधिक बर्बादी होती है और काम भी कम हो पाता है। इससे व्यक्ति के निजी रिश्ते भी प्रभावित होते हैं साथ ही डिप्रेशन का बहुत अधिक प्रभाव स्वास्थ्य स्थितियों पर भी पड़ता है।  ऐसी स्थितियां जो कि डिप्रेशन के कारण और अधिक खराब हो सकती हैं उनमें निम्न शामिल हैं  आर्थराइटिस  अस्थमा  कार्डियोवैस्कुलर रोग  कैंसर  डायबिटीज  मोटापा  यह समझना और महसूस करना बेहद जरूरी है कि जीवन में दुःख महसूस करना जीवन का एक अंग है। दुखद घटना सभी के जीवन में होती है। लेकिन अगर आप लगातार ना उम्मीद महसूस कर रहे हैं तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन के शिकार हैं।  डिप्रेशन को एक गंभीर मानसिक स्थिति माना जाता है जो कि सही इलाज न मिलने के कारण और अधिक खराब हो सकती है। जो लोग डिप्रेशन का ट्रीटमेंट लेते हैं उनके लक्षणों में कुछ हफ्तों में ही सुधार दिखाई देने लगता है।  डिप्रेशन दुनियाभर में बहुत ही सामान्य स्थिति है, इससे लगभग 264 मिलियन लोग प्रभावित हैं। डिप्रेशन सामान्य मूड स्विंग या मन में थोड़े समय के लिए रहने वाली भावनाओं से बहुत अलग होता है। यदि डिप्रेशन लंबे समय से और अलग-अलग गंभीरता के साथ व्यक्ति को प्रभावित करता है तो यह  स्वास्थ्य स्थिति बन सकता है। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति घर पर ऑफिस में या स्कूल में ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता है। डिप्रेशन की अधिकता में व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है। विश्व भर में एक साल में आठ लाख लोग आत्महत्या से मरते हैं जिसका सबसे कारण आत्महत्या है। 15-29 वर्ष के युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है। हालांकि मानसिक विकारों के लिए कई प्रभावकारी ट्रीटमेंट हैं लगभग 76 प्रतिशत गरीब देशों के लोगों तक डिप्रेशन की दवाएँ पहुंच नहीं पाती हैं। अच्छी तरह से केयर करने के लिए जरूरी स्रोत, संसाधन, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और बाहरी तनाव के कारण मानसिक रोगों का इलाज नहीं हो पाता है। दुनियाभर के देशों में डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों का इलाज ठीक तरह से नहीं हो पाता है और साथ ही वे लोग जिन्हें डिप्रेशन नहीं भी होता है उन्हें एंटी डिप्रेस्सेंट दी जाती हैं।  डिप्रेशन व अन्य मानसिक स्थितियों का भार आज विश्व भर में बढ़ता जा रहा है। जीवन की बड़ी घटनाएँ जैसे किसी प्रेमी का छोड़ कर चले जाना, किसी प्रिय का बिछड़ना, नौकरी छूटना आदि के कारण व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि यदि दुःख लंबे समय तक बना रहता है तो यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है। डिप्रेशन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है न कि गुजरने वाली। यह भिन्न एपिसोड या भिन्न भागों में व्यक्ति को प्रभावित करती है जिसके लक्षण दो हफ्तों तक दिखाई दे सकते हैं। डिप्रेशन कुछ हफ़्तों, महीनों या सालों तक भी चल सकता है। इसमें व्यक्ति को अकेलापन महसूस होता है। व्यक्ति सबके साथ रह कर भी अलग-थलग महसूस करता है। आइये डिप्रेशन के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तृत रूप से जानें।  डिप्रेशन का लक्षण – Depression Symptoms in Hindi हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी दुःख महसूस होता है लेकिन कभी-कभी यह कुछ दिनों तक रहता है और फिर ठीक हो जाता है। डिप्रेशन इन सभी से अलग होता है। यह आपके पूरी जीवनशैली को प्रभावित करता है और जीवन को और मुश्किल बना देता है। आपको ठीक होने के लिए इलाज की और काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है।  डिप्रेशन के कई सारे संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे सभी लक्षण आपको भी दिखाई दे। प्रत्येक व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण अलग हो सकते हैं और अलग तरह की गंभीरता से व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।  डिप्रेशन में क्या होता है – Depression mein kya hota hai दुखी, खाली और बेचैन। ये भावनाएं व्यक्ति के मन में बनी रहती हैं और जीवन में ख़ालीपन का एहसास होता है। बहुत से लोगों के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस करना।  किसी बात का अत्यधिक बुरा लगना, लाचार, बेसहारा और बेबस महसूस करना। व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में बुरा महसूस हो सकता है। हो सकता है कि व्यक्ति अपने जीवन के बारे में बहुत अधिक सोचता हो।  बेबस महसूस करना। हो सकता है कि व्यक्ति बहुत निराश महसूस करे और उसे हर समय यही लगता रहे कि उसके जीवन में कुछ अच्छा नहीं होने वाला है। व्यक्ति को इस समय आत्महत्या के ख्याल भी आते रहते हैं।  चिड़चिड़ापन। व्यक्ति अत्यधिक चिड़चिड़ा हो सकता है या फिर सामान्य से अधिक गुस्सा कर सकता है।  किसी भी काम में मन न लगना। किसी भी खेल या हॉबी को न कर पाना। हो सकता है कि व्यक्ति के खाने-पीने, खेलने और सेक्स तक की इच्छा खत्म हो जाए।  ऊर्जा की कमी। व्यक्ति में कुछ भी नया करने की इच्छा और ऊर्जा न होना भी डिप्रेशन का एक संकेत हो सकता है। रोजाना के कार्य और अन्य काम को करना बहुत बोझिल लगे। साथ ही व्यक्ति बहुत थका हुआ भी महसूस कर सकता है।  ध्यान लगाने में परेशानी। हो सकता है कि व्यक्ति को अपना ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो। सामान्य कार्य जैसे अखबार पढ़ना, टीवी देखना आदि में भी मन न लगना। व्यक्ति को कोई भी निर्णय लेने में भी परेशानी हो सकती है। साथ ही हो सकता है कि व्यक्ति को कुछ भी याद न रहे।  स्लीपिंग पैटर्न में गड़बड़ी। हो सकता

एम.एस धोनी और केदारनाथ जैसी हिट फिल्मों के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने की ख़ुदकुशी 

2020 में जहां चारों-तरफ कोविड-19 का कोहराम मचाया हुआ है वहीं बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के निधन हो रहे हैं। पूर्व टीवी एक्टर और बहुत ही प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई के बांद्रा में मौजूद अपने घर में ख़ुदकुशी की है। सुशांत ने अपने घर में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की है। यह खबर बहुत ही चौंकाने वाली है। खबरों के मुताबिक सुशांत पिछले छह माह से डिप्रेशन के शिकार थे। सुशांत की मौत से एक हफ्ते पहले ही उनकी मैनेजर दिशा सालियन ने भी मुंबई के एक अपार्टमेंट से कूद कर अपनी जान दी थी। उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया है। डिप्रेशन की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है।  सुशांत की मृत्यु एक बड़ा चौंकाने वाला वाक़या है। पिछले दो माह में बॉलीवुड की यह चौथी मौत है। इससे फिल्म जगत व उनके फैन ग़मगीन हैं। सुशांत की उम्र 34 वर्ष थी। बीती रात वे अपने दोस्तों के साथ थे। अब उनके दोस्तों से पूछताछ की जा रही है। सुशांत सिंह राजपूत पटना,बिहार के रहने वाले हैं।  छिछोरे फिल्म में अपने बेटे को ख़ुदकुशी करने से रोकने के लिए जीवन के संघर्ष की कहानी बताते सुशांत खुद जिंदगी के संघर्ष की जंग हा   र गए। यह बेहद स्तब्ध कर देने वाली खबर है।  सुशांत ने बॉलीवुड में काई पो चे फिल्म से डेब्यू किया था जो कि एक हिट फिल्म थी। सुशांत को छोटे पर्दे के धारावाहिक पवित्र रिश्ता के माध्यम से अधिक प्रसिद्धि मिली। सुशांत धोनी के बड़े फैन थे और यह अंदाज़ा एम एस धोनी उनकी बेहतरीन अदाकारी से लगाया जा सकता है। उनकी आखिरी फिल्म छिछोरे थी जो एक बहुत बड़ी हिट फिल्म है और  ख़ुदकुशी पर ही आधारित थी। सुशांत की प्रत्येक फिल्म में एक मैसेज हुआ करता था चाहे वह पीके, एमएस धोनी, काई पो चे या फिर छिछोरे हो। उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी दिया गया था। सूत्रों के अनुसार वे डिप्रेशन के शिकार थे। इससे पहले भी बॉलीवुड के कई कलाकारों ने ख़ुदकुशी की है। यह बात तो बिलकुल साफ़ है कि चकाचौंध से अलग भी एक दुनिया होती है जहां पैसा और प्रसिद्धि काम नहीं आती है। यह बात उनके आखिरी इंस्टाग्रम पोस्ट से साफ़ होती है जिसमें उन्होंने अपनी मां की तस्वीर को साझा करते हुए धुंधले  अतीत और क्षणभंगुर जीवन की बात कही है। बता दें सुशांत की माता का साल 2002 में ही निधन हो गया था।  बॉलीवुड अपना शोक ट्विटर के माध्यम से जता रहा है। अनुपम खेर जिन्होंने एमएस धोनी में सुशांत के पिता का किरदार निभाया लिखते हैं – “मेरे प्यारे सुशांत आखिर, क्यों, क्यों”  सतीश कौशिक लिखते हैं “बहुत दुखद आखिर तुमने यह क्यों किया सुशांत”   

81950060

अश्वगंधा क्या होता है जाने इसके उपयोग, विधि और नुकसान – Ashwagandha Benefits and Side Effects in Hindi

अश्वगंधा क्या होता है? – What is Ashwagandha in Hindi अश्वगंधा एक प्राचीन जड़ी बूटी है जिसे कई वर्षों से आयुर्वेद में इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस आयुर्वेदिक औषधि को एडाप्टोजेन वर्गीकृत किया गया है जिसका अर्थ होता है शरीर के स्ट्रेस को कंट्रोल करना। अश्वगंधा शरीर और मस्तिष्क को कई प्रकार के फायदे पहुंचाता है। जिसमें एंग्जायटी और डिप्रेशन को कम करना भी शामिल है। इसके साथ ही यह आयुर्वेदिक मेडिसन मस्तिष्क के कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने, ब्लड शुगर को कम करने और कोर्टिसोल के स्तर को नियमित करने में मदद करती है। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे – अश्वगंधा के फायदे, अश्वगंधा के गुण, अश्वगंधा कैप्सूल के लाभ, पतंजलि अश्वगंधा पाउडर के फायदे, अश्वगंधा के नुकसान, अश्वगंधा के साइड इफेक्ट्स, अश्वगंधा में परहेज, अश्वगंधा का सेवन विधि, अश्वगंधा का सेवन कब करें, अश्वगंधा को कैसे खाये, अश्वगंधा को कैसे खाना चाहिए, अश्वगंधा को कैसे इस्तेमाल करें, अश्वगंधा को कैसे यूज़ करें, अश्वगंधा को कैसे पहचाने, अश्वगंधा और दूध के लाभ, अश्वगंधा के पत्ते कैसे होते हैं, अश्वगंधा के बीज का उपयोग, अश्वगंधा शतावरी के फायदे, अश्वगंधा का पौधा, अश्वगंधा की पहचान और अश्वगंधा की कीमत। अश्वगंधा खाने के फायदे – Benefits of Ashwagandha in Hindi अष्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसके कई सारे फायदे हैं। यह संपूर्ण शरीर, मांसपेशियों, शुक्राणुओं और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से व्यक्ति ऊर्जावान बनता है जिससे उनकी सेक्स लाइफ को भी बेहद फायदा पहुंचता है। इस औषधि को 3000 सालों से स्ट्रेस कम करने, ऊर्जा बढ़ाने और एकाग्रता को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अश्वगंधा संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है घोड़े की सुगंध। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी महक घोड़े जैसी होती है व यह घोड़े जैसी शक्ति भी प्रदान करता है। इस औषधि को चीन की मशहूर चिकित्सक व प्राचीन जड़ी बूटी के नाम से भी जाना जाता है – भारतीय जिनसेंग। तो चलिए अब जानते हैं कि आखिर अश्वगंधा आपके स्वास्थ्य को किस प्रकार के फायदे पहुंचाता है – अश्वगंधा के आयुर्वेदिक गुण – Ashwagandha ke Ayurvedic Fayde अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जिसमें कई गुण मौजूद हैं। अपने ऊर्जावान गुणों के चलते इसे आयुर्वेद में प्राथमिक दवा का दर्जा दिया गया है। बालों को घना और काला बनाने से लेकर इसके कई गुण यौन स्वास्थ्य को मजबूत और ताकतवर बनाने में मदद करते हैं। अश्वगंधा के गुण आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह हृदय, गुर्दे, लिंग, लिवर, चयापचय, कामोत्तेजना, कैंसर, डिप्रेशन, संक्रमण, मोतियाबिंद, चोट, मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। अश्वगंधा के इन गुणों पर कई शोध भी किए जा चुके हैं। जिनके अनुसार रोजाना नियमित रूप से इसका सेवन करने से व्यक्ति को अत्यधिक ऊर्जा मिलती है और साथ ही संभोग करने की प्रकियाओं में वृद्धि होती है। अश्वगंधा के गुण एनीमिया की स्थिति से भी छुटकारा दिलाते हैं। इसके सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं भी बढ़ोत्तरी होती है जिससे शरीर के सभी ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंच पाती है। अश्वगंधा के ऐसे ही कई सारे फायदे हैं जिनके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। अश्वगंधा का सेवन डायबिटीज के पेशेंट को भी फायदा पहुंचता है। अध्ययनों के अनुसार रोजाना अश्वगंधा का सेवन करने से लोगों में खाना खाने के बाद होने वाली ब्लड शुगर लेवल में कमी आती है जिससे मधुमेह के लक्षण कम होने लगते हैं। अगर आपको लगता है कि आप में अत्यधिक मीठा खाने की वजह से डायबिटीज होने का खतरा है तो जल्द ही अश्वगंधा पाउडर का सेवन शुरू कर दें। शुद्ध अश्वगंधा पाउडर व कैप्सूल आर्डर करने के लिए यहां क्लिक करें – अश्वगंधा चूर्ण के फायदे – Ashvgandha Powder ke Fayde अश्वगंधा के चूर्ण (Ashwagandha powder) में भी वही आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो इसके सामान्य पत्तों व कैप्सूल और अन्य सप्लीमेंट्स में पाए जाते हैं। अश्वगंधा चूर्ण को यौन स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। रोजाना इसके एक चम्मच सेवन से व्यक्ति को ऊर्जा व शक्ति प्राप्त होती है जिससे उसकी सेक्स करने की क्षमता में वृद्धि आती है। प्राचनी काल के आयुर्वेद में अश्वगंधा को कामोतेजना बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके इन्हीं गुणों व कारगर फायदों के चलते मॉडर्न समय के डॉक्टर भी यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इसका इस्तमाल करते हैं। अगर आप शीघ्रपतन, स्टैमिना की कमी व अपने पार्टनर को संतुष्ट करने में सक्षम नहीं हैं तो तुरंत अश्वगंधा चूर्ण आर्डर करें और कल ही से इसका सेवन शुरू करें। पतंजलि से बेहतर व सस्ता अश्वगंधा चूर्ण मगवाने के लिए यहां क्लिक करें। थायराइड के लिए अश्वगंधा का सेवन – Ashwagandha Benefits in Thyroid in Hindi थायराइड हमारे गले के निचे एक फूल जैसा दिखने वाला अंग होता है जो मेटाबोलिज्म, हड्डियों के स्वास्थ्य और वृद्धि में मदद करता है। थायराइड के दो मुख्य विकार होते हैं – हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म। लोगों पर किए गए अध्ययनों के अनुसार अश्वगंधा दोनों ही प्रकार के थायराइड को कम करने में मदद करता है। इसके 8 हफ्तों तक सेवन करने से थाइरोइक्सिन के स्तर में कमी आती है व स्ट्रेस भी कम होने लगता है। मनुष्यों पर अभी अधिक अध्ययन नहीं किए गए हैं जिसके कारण थाइराइड के लिए अश्वगंधा का सेवन करना कितना फायदेमंद है इस बात की पुष्टि करना मुश्किल है। प्रतिरक्षा प्रणाली में अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे – Benefits of Ashwagandha for Immunity in Hindi इम्यून सिस्टम एक ऐसी चीज है जिसके मजबूत रहने से व्यक्ति को कई सारे संकरण और बैक्टीरिया कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते। भारत में कई वर्षों से प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके इन्हीं फायदों व गुणों के चलते इस औषधि पर कई अमेरिकी कंपनियों ने शोध किए। जिनके परिणाम स्वरुप यह पाया गया कि अश्वगंधा से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग करने में मदद मिलती है। अश्वगंधा के नियमित सेवन से लाल व सफेद रक्त कोशिकाओं को भी फायदा पहुंचता है। इनमें वृद्धि आने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है। अश्वगंधा के सही इस्तेमाल

मेकअप के बिना पहली बार गर्लफ्रेंड को देखने पर क्या सोचते हैं लड़के

लड़कियों को मेकअप करना बहुत पसंद होता है और खासतौर पर जब वो अपने ब्‍वॉयफ्रेंड से मिलने या डेट पर जाती हैं तो इस बात का खास ख्‍याल रखती हैं कि वो बेहद खूबसूरत दिखें। खूबसूरत दिखने का सबसे आसान तरीका है मेकअप और आजकल तो कई मेकअप प्रॉडक्‍ट्स आ गए हैं जो मिनटों में शक्‍ल-ओ-सूरत बदल सकते हैं। वैसे ऐसा जरूरी नहीं है कि लड़कियां लड़कों को इंप्रेस करने के लिए ही मेकअप करती हैं बल्कि वो अपनी पर्सनैलिटी को निखारने के लिए भी मेकअप करती हैं। लेकिन अगर आप भी मेकअप करती हैं और डेट पर जाने से पहले मेकअप करना बेहद जरूरी समझती हैं तो आपको ये बात जान लेनी चाहिए कि लड़के मेकअप के बारे में क्‍या सोचते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी लड़के मेकअप को लेकर एक ही राय रखते हैं। कुछ पुरुषों को अपनी पार्टनर का मेकअप करना अच्‍छा लगता है। आज हम आपको इस लेख के ज़रिए बताने जा रहे हैं जब लड़कियां बिना मेकअप के किसी लड़के के सामने आती हैं तो उसके मन में क्‍या ख्‍याल आते हैं। और पढ़ें – लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय असल में ऐसी दिखती है कुछ लड़के अपनी पार्टनर को बिना मेकअप के देखकर चैन की सांस लेते हैं क्‍योंकि उन्‍हें कई दिनों बाद मेकअप की कई परतों के नीचे छिपा अपनी पार्टनर का असली चेहरा देखने को मिलता है। मेकअप से ये छिपाती थी पहली बार किसी लड़के के सामने मेकअप के बिना जाने पर वो ये भी सोचने लगते हैं कि आप मेकअप के साथ ही अच्‍छी लगती है और आपको मेकअप की असल में जरूरत है। उन्‍हें आपके चेहरे की खामियां देखकर मेकअप ही प्‍यारा लगने लगता है। और पढ़ें – बॉयफ्रेंड बनाने वाली लड़कियों में होती हैं ये खास खूबियां दोबारा मेकअप करके आए कई पुरुष सीधे तौर पर आपसे ये बात नहीं कहेंगे लेकिन मन में वो सही सोचेंगे कि आपका चेहरा मेकअप के साथ ही हसीन लगता है। काश! आप दोबारा मेकअप कर लें। इतने मेकअप की क्‍या जरूरत थी पहली बार आपको बिना मेकअप के देखने के बाद लड़के ये भी सोचने लगते हैं कि आपको इतना मेकअप करने की जरूरत ही क्‍या है। आपको नैचुरली ही इतनी खूबसूरत हैं। उन्‍हें आप मेकअप से ज्‍यादा सिंपल लुक में अच्‍छी लग सकती हैं। और पढ़ें – Condom Uses, Benefits and Side Effects in Hindi – कंडोम के फायदे और नुकसान इसके अलावा और क्‍या झूठ है मेकअप के बगैर आप वो होती हैं जो आप असल में हैं। मेकअप के पीछे छिपे आपके असली चेहरे को देखने के बाद उन्‍हें ऐसा लगता है आपने अपने चेहरे के अलावा उनसे और क्‍या-क्‍या छिपा रखा है। अगर आप भी बहुत ज्‍यादा मेकअप करती हैं और कभी भी डेट पर बिना मेकअप के जाना पसंद नहीं करती हैं तो पहले जान लें कि आपके पार्टनर को आपका ऐसा करना पसंद है या नहीं। ऐसा ना हो के वो आपसे मिलने पर मेकअप की कई परतों में छिपा आपका असली चेहरा ढूंढने में लगे रहते हों। अपनी असली खूबसूरती उनसे छिपाना सही नहीं है, इसका गलत असर आपके रिश्‍ते पर भी पड़ सकता है। आप जैसी भी हैं उनके सामने वैसी ही रहें। अगर वो आपसे सच में प्‍यार करते होंगे तो आपको ऐसे ही अपना लेंगे। अन्य लेख – जन्म से मुस्लिम नहीं थे जिन्ना, फिर क्यों चाहते थे पाकिस्तान गर्भ में लड़की हो तो मिलते हैं ये संकेत, ऐसे करें लड़की होने के लक्षण की पहचान सेक्स से जुड़े 10 मिथक, जिन्हें मान बैठें हैं आप सच पाक के मैन ऑफ द मैच को भारत के मुकाबले मिलते हैं इतने पैसे

Lal Chandan ki Mala 1

गर्भ में लड़की हो तो मिलते हैं ये संकेत, ऐसे करें लड़की होने के लक्षण की पहचान

[simple-author-box] डॉक्टर से बात करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर दर्ज करें [rainmaker_form id=”812″] गर्भ में लड़की पैदा होने के कई लक्षण व संकेत होते हैं जिनकी मदद से आप यह पता लगता सकते हैं की आपका बच्चा लड़का है या लड़की। गर्भावस्था में लड़का होगा या लड़की? इस बात को लेकर कई लोगों के मन में सवाल आते हैं। बहुत कपल इस बात का पता लगाने के लिए अल्ट्रा साउंड का भी इस्तेमाल करते हैं जो की गैर कानूनी माना जाता है। हालांकि, अगर आप गर्भ में पानी नन्ही सी बच्ची की पहचान करना चाहते हैं तो इन प्राकृतिक लक्षणों व संकेत की मदद से ऐसा कर सकते हैं। बहुत से कपल कंसीव करने से पहले ही बच्चे के लिंग के बारे में सोचना शुरू कर दते हैं। कई माता-पिता चाहते हैं की उनका बच्चा लड़का हो तो कई की चाह होती है कि उनके घर में एक नन्ही सी परी जन्म ले। बता दें की गर्भधारण के कुछ हफ्तों बाद से ही आप प्रेगनेंसी के विभिन्न लक्षणों की मदद से यह पता लगा सकते हैं कि आपके शिशु का लिंग क्या होगा। तो चलिए जानते हैं गर्भ में लड़की पैदा होने के लक्षण क्या होते हैं। और पढ़ें – प्रेग्नेंट होने की बेस्ट सेक्स पोजीशन – Best position to get pregnant in Hindi लड़की पैदा होने के लक्षण क्या होते हैं? – Ladki Paida Hone Ke Lakshan in Hindi गर्भ में लड़की पैदा होने के संकेत को लेकर कई अध्ययन किए जा चुके हैं। जो इस बात की पुष्टि करते हैं की कुछ साधारण से लक्षणों की मदद से इस बात को निर्धारित किया जा सकता है कि आपका शिशु लड़की होगा या लड़का। लड़की पैदा होने का पहला संकेत जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अधिक मूड स्विंग्स (लगातार व्यवहारिक बदलाव) आते हैं उनके लड़की होने की संभावना अधिक होती है। इसके पीछे बेहद लॉजिकल कारण है। महिलाओं के अधिक मूडी होने की वजह उनके एस्ट्रोजन में बढ़ोत्तरी होती है। गर्भ में लड़की के होने से ही एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि किसी स्टडी द्वारा नहीं की गई है। और पढ़ें – जुड़वा बच्चे होने के लक्षण, कारण, कैसे पैदा होते हैं गर्भ में लड़की पैदा होने का दूसरा लक्षण अगर गर्भ में पल रहे शिशु की दिल की धड़कन ज्यादातर समय तेज रहती है तो इसका मतलब है की आपके घर नन्ही सी बच्ची आ सकती है। लड़कों के मुकाबले गर्भ में लड़कियों के दिल की धड़कन तेज होती है। इस संकेत का पता आप अल्ट्रासाउंड से लगा सकते हैं। अगर बच्चे के दिल की धड़कन 140 प्रति मिनट से ज्यादा होती है तो यानी की लड़की पैदा होने की संभावना ज्यादा है। लड़की पैदा होने का तीसरा सटीक लक्षण आप लहसुन की मदद से घर पर ही लड़की पैदा होने के संकेत का पता लगा सकते हैं। अगर लहसुन का सेवन करने के बाद आपके शरूर की महक बदल जाती है तो इसका संकेत है कि आपके गर्भ में लड़की पल रही है। और पढ़ें – सेक्स से जुड़े 10 मिथक, जिन्हें मान बैठें हैं आप सच पेट में लड़की होने का चौथा लक्षण जिन महिलाओं के गर्भ में लड़की पल रही होती है उनको खट्टी चीजे खाने की बजाए मिट्ठी चीजे खाने की क्रेविंग (लालसा) होती है। यदि आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान मिठाई खाने का मन करता है तो यह लड़की होने का संकेत है। गर्भ में लड़का होगा या लड़की इस विषय को लेकर फिलहाल अधिक परीक्षण व अध्ययन नहीं किए गए हैं। जिसके कारण गर्भ में बच्चे का पता लगाने के लिए सबसे बेहतर रहता है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका शिशु लड़का होगा या लड़की तो यहां क्लिक करें और डॉक्टर से सलाह लें – डॉ. पूनम मल्होत्रा (गायनोकॉलोजिस्ट – महिलाओं की चिकित्स्क) अन्य लेख लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय लिंग मोटा, लंबा और बड़ा करने का तरीका – Ling mota, lamba aur bada karne ka tarika in Hindi क्या दो कंडोम से प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है? योनि में इन्फेक्शन और खुजली के लक्षण, कारण और इलाज – Vaginal Itching and Infection in Hindi

जुड़वा बच्चे होने के लक्षण, कारण, कैसे पैदा होते हैं

[simple-author-box] डॉक्टर से बात करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर दर्ज करें [rainmaker_form id=”812″] जुड़वा बच्चे लगभग हर किसी को पसंद होते हैं। बहुत से कपल जुड़वे बच्चे पैदा करने के कई प्रयास भी करते हैं। ऐसा नहीं है की इसमें किसी प्रकार की बुराई या नुकसान हो। हालांकि, जुड़वा बच्चा पैदा करना गर्भवती महिला के लिए खतरनाक हो सकता है। गर्भ में एक साथ दो बच्चे होने से गर्भावस्था संबंधित जटिलताओं की आशंका बढ़ जाती है। इन जोखिम को जानने के बाद भी कई कपल ऐसे होते हैं जो फिर भी जुड़वा बच्चों की चाह रखते हैं। अगर आप भी उन्हीं कपल में से हैं तो बता दें की आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की जुड़वा बच्चे कैसे पैदा करें और इसके लक्षणों को कैसे पहचाने? जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं और उनके प्रकार – Judwa Bache Kaise Paida Hote Hai in Hindi जुड़वा बच्चे मुख्य रूप से दो प्रकार के ही होते है। पहला एक सामान दिखने वाले और एक जैसे न दिखने वाले। एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चों की संभावना एक जैसे न दिखने वालो से कम होती है। 1/3 मामलों में दोनों बच्चे एक जैसे दीखते हैं। एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चे (मोनोजायगोटिक ट्विन्स) कैसे पैदा होते हैं? जब स्पर्म एक अंडे से फर्टिलाइज (निषेचित) होता है लेकिन बाद में अलग हो जाता है। तो एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चों का निर्माण होता है। इन दोनों बच्चों का लिंग एक ही होता है। दोनों या तो लड़के होंगे या लड़कियां। और पढ़ें – लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय एक जैसे न दिखने वाले जुड़वा बच्चे (डायजाइगॉटिक ट्विन्स) कैसे पैदा होते हैं? इस स्थिति में स्पर्म दो अलग-अलग अंडो में फर्टिलाइज होते हैं। जन्म के बाद बच्चों की शक्ल अलग होती है और इनका लिंग व एक जैसा हो सकता है। इस प्रकार के जुड़वा बच्चों की संभावना अधिक होती है। जुड़वा बच्चे होने का कारण क्या है? – Judwa Bacche Kaise Paida Kare जुड़वा बच्चे होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में निम्न परिस्थितियों में जुड़वा बच्चा होने की संभावना अधिक होती है – नस्ल (Breed) – अनुवांशिकता की ही तरह आपकी नस्ल का भी जुड़वा बच्चे पैदा करने पर असर पड़ता है। अफ्रीकी नस्ल के  लोगों में अन्य प्रजातियों के मुकाबले जुड़वा बच्चे होने की संभावना अधिक होती है। अनुवांशिकता – अगर आप या आपके परिवार में कोई जुड़वा है तो आपके जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही आपके पार्टनर के ट्रेट भी इसमें एक सामान मायने रखते हैं। शारीरिक गुण और उम्र – जिन महिलाओं की लंबाई अधिक होती है उनमें जुड़वा बच्चे होने की ज्यादा उम्मीद होती है। इसके साथ ही पतली महिलाओं में दो बच्चे होने की संभावना कम रहती है। सही पोषण और स्वास्थ्य वाली महिलाओं में जुड़वा बच्चे होने की संभावना अधिक होती है और साथ ही उनमें गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम भी कम रहता है। और पढ़ें – सेक्स से जुड़े 10 मिथक, जिन्हें मान बैठें हैं आप सच जुड़वा बच्चे पैदा करने का उपाय – Judwa Bacche Paida Karne Ke Upay दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन गर्भनिरोधक दवाओं से परहेज स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में अधिक संभावना पुरुष का जिंक युक्त आहार का ज्यादा सेवन करना जुड़वा बच्चे पैदा करने का तरीका और विधि – Judwa Bacche Paida Karne Ka Tarika माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार की यौन मुद्राओं की मदद से जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप जुड़वा बच्चे पैदा करने का तरीका चाहते हैं तो निम्न कुछ खास पोजीशन अपनाएं – मिशनरी पोजीशन स्टैंडिंग अप साइड बाय साइड डॉगी स्टाइल या पीछे से संबंध बनाना और पढ़ें – प्रेग्नेंट होने की बेस्ट सेक्स पोजीशन – Best position to get pregnant in Hindi जुड़वा बच्चे पैदा करने का अचूक उपाय – Judwa Bacche Paida Karne Ka Achuk Upay अगर आप जुड़वा बच्चों की बेहद चाह रखते हैं तो आप आईवीएफ तकनीक का भी उपयोग कर सकते हैं। आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया होती है जो शरीर के बाहर लैब में जुड़वा बच्चों का निर्माण करते हैं। इसके बाद अंडो को गर्भाशय में प्रवेश करवाया जाता है। आईवीएफ से जुड़वा बच्चे होने की संभावना सबसे अधिक होती है। अधिक जानकारी के लिए हमारे डॉक्टर से संपर्क करें – डॉक्टर से बात करने के लिए यहां क्लिक करें [simple-author-box] [rainmaker_form id=”812″]

हिन्दू लड़को व लड़कियों के लोक्रप्रिय और यूनिक नाम

आज के युग में माता पिता बच्चों का नाम रखने में काफी खोजबीन करते हैं हर पैरेंट्स की चाहत होती हैं की उसके बच्चे का नाम सबसे अनोखा और अर्थ पूर्ण हो। आज आपकी इस ख्वाइश को पूरा करने में हम आपकी मदद करेंगे। हम आपको बेबी गर्ल और बेबी बॉय के कुछ ऐसे नामो की सूची बताएँगे जो आज के युग में काफी पसंद किये जाएँगे। माता पिता बनने की चाह हर परिवार को होती है। जब आपको इस बात की खबर मिलती हैं की आपकी दुनिया में एक नन्हा मेहमान आपके जीवन में आने वाला हैं आपके जीवन में एक ख़ुशी की लहर सी आ जाती हैं.आप ही नहीं बल्कि आपके परिवार वाले भी आपको बहुत से नामो के सुझाव देने लगते हैं। ये खुशख़बरी मिलते ही आप सोचने लग जाते हैं की लड़का होगा तो ये नाम रखेंगे और अगर लड़की होगी तो उसके लिए ये नाम बहुत प्यारा होगा। जो नाम सबसे ज़्यादा प्रचलित होंगे 2020 उन नामो के हम आपको सुझाव देते हैं। हिन्दू लड़कों के यूनिक नाम लड़कों के नाम में आर्य, अभिलाष, अरहान,आदित्य और अरमान इस साल भी काफी ट्रैंड में रहने वाले हैं। जबकि कुछ नाम इस प्रकार हैं। चिराग – दीपक देवांश – देवो का अंश चैत्य – मन की इच्छा पूरी करना, आत्मा बादल – अबर दर्शित – सम्मान पाने वाला अबान – फरिश्ते का नाम अभीभावा – शक्तिशाली दिविज – स्वर्ग में जन्मा हिन्दू लड़कियों के लिए लोकप्रिय नाम अदिरा – मजबूत कियारा – प्रिय चार्वी – खूबसूरत इला – धरती आलिया – उत्तम अनिशा – विशेष पंछी – पक्षी दिव्यांका – दिव्य नीना – सुंदर आँखे वैसे प्रिया, ख़ुशी, प्रेरणा, कनक पहले से ही बेबी गर्ल्स के लिए पसंदीदा नामों में टॉप पर रहने वाले हैं।

83754600

बिना मेहनत किए एक हफ्ते में घटाएं वजन – Weight loss in one week in Hindi

आजकल की आधुनिक जिंदगी में सबसे बड़ी और खतरनाक बीमारी बनती जा रही है मोटापा। भागती-दौड़ती जिंदगी में अब हमारे पास इतना भी समय नहीं होता है कि हम स्‍वस्‍थ आहार और एक्‍सरसाइज़ कर पाएं और इसका नतीजा होता है बढ़ता हुआ वजन। कई लोग घर पर ही वजन घटाना (Weight loss at Home) चाहते हैं और ये संभव भी है। जिन लोगों के पास पैसा और खूब सारा वक्‍त होता है वो तो जिम जाकर वेट लॉस कर लेते हैं लेकिन जिनके पास पैसे और समय दोनों की ही कमी होती है उनके लिए प्राकृतिक वेट लॉस टिप्‍स (Natural Weight loss tips) बहुत कारगर साबित होते हैं। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बिना मेहनत किए आप अपना मोटापा आसानी से घटा सकते हैं। वेट कम करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कुछ आदतों को कंट्रोल करना होगा। अगर आप ये कर पाने में सफल हो पाते हैं तो आपको वजन घटाने के उपाय करने की जरूरत नहीं है। तो चलिए जानते हैं वेट लॉस के लिए आपको किन आदतों को छोड़ना चाहिए। वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट जो लोग वेट लॉस करना चाहते हैं तो उन्‍हें ये बात समझनी चाहिए कि एक दिन में एक ही तरह का फूड बार-बार नहीं खाना चाहिए। जैसे कि अगर आपने नाश्‍ते में व्‍हाइट ब्रेड ली है तो फिर लंच या डिनर में चावल या जिसमें कार्बोहाइड्रेट हो उसे ना खाएं। इससे मोटापा नहीं बढता है। बींस और दाल से घटाएं वजन लो कैलोरी, फाइबर और प्रोटीन के लिए दालें और बींस को अपने आहार में शामिल करें। इससे शरीर की चर्बी कंट्रोल में रहती है और वेट लॉस होने लगता है। इसके अलावा आपका वजन घटाने वाले फल भी खा सकते हैं। बेहतरीन क्वालिटी और सस्ते दाम पर दाल खरीदने के लिए यहां क्लिक करें – Sampann Moong Split 500 कम नमक का इस्‍तेमाल वजन घटाने के के घरेलू उपाय में आहार में कम नमक का सेवन करना भी शामिल है। इसके अलावा प्रोस्‍टेट फूड्स भी कम या ना के बराबर खाएं। इनसे वेट बढ़ सकता है। इनकी जगह पोटाशियम के लिए केला और पालक खाएं। मैदा, शुगर जैसे रिफाइंड फूड्स भी कम खाएं क्‍योंकि ये बॉडी में पानी के जमाव को बढ़ाती हैं जिससे वजन बढ़ने लगता है। साधारण नमक की बजाए रसायन मुक्त नमक का इस्तेमाल करें – Puro Healthy Salt, 1kg (Pack of 2) वजन घटाने वाले व्‍यायाम रोज़ सुबह 30 मिनट की सैर करें। सूर्य मुद्रा योग, सूर्य नमस्‍कार, जुम्‍बा, स्‍वीमिंग, स्‍क्‍वॉयट और जैम कार्डियो एक्‍सरसाइज़ से वेट लॉस करने में मदद मिलती है। वजन घटाने के टिप्‍स – Weight loss tips Hindi अगर आप भी एक हफ्ते में वजन घटाने की सोच रहे हैं तो इस काम में ये टिप्‍स आपकी मदद कर सकते हैं: स्‍वस्‍थ काया और संतुलित वजन के लिए पर्याप्‍त नींद बहुत जरूरी है। हंसना सबसे अच्‍छी मोटापा घटाने की दवा है। जितना हो सके हंसे और वेट घटाएं। ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्‍म सिस्‍टम ठीक होता है इसलिए दिन में दो बार ग्रीन टी जरूर पीएं। ब्रेकफास्‍ट जरूर करें क्‍योंकि खाली पेट रहने से भी मोटापा बढ़ता है। ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीएं और 8 बजे से पहले डिनर कर लें। खाने से पहले फल खाएं। इन आसान नैचुरल टिप्‍स (Natural Weight loss tips) से घर बैठे आप कुछ ही दिनों में वजन घटा सकते हैं। अगर आप सच में ठान लें तो कोई काम मुश्किल नहीं है।

Free shipping in All over India

On all orders

Easy 7 days returns

7 days money back guarantee

100% Genuine & Certified Products

Offered in the country of usage

100% Secure Checkout

PayPal / MasterCard / Visa