चंद्रमा को मन का कारक कहा जाता है और भावनाओं एवं विचारों को चंद्रमा ही नियंत्रित करता है। जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने पर मोती धारण करने से अत्यंत लाभ होता है।
मोती रत्न सफेद रंग का होता है और ये ज्यादातर गोल आकार में ही आता है। आभूषणों में भी मोती का बहुत इस्तेमाल किया जाता है। मोती को अंग्रेजी में पर्ल भी कहते हैं। मूल रूप से पर्ल स्टोन के दो प्रकार होते हैं – ताजा जल वाला मोती और दूसरा खारे जल वाला पर्ल स्टोन।
पर्ल स्टोन को मुक्ता और शीशा रत्न के नाम से भी जाना जाता है। सफेद रंग के अलावा मोती गुलाबी, पीले और लाल रंग भी पाया जाता है।
मोती चंद्रमा का रत्न है इसलिए चंद्रमा से संबंधित क्षेत्रों में लाभ पाने के लिए मोती को पहना जाता है। नवग्रहों में चंद्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है। ज्योतिषशास्त्र में चंद्रमा को मां, मस्तिष्क, मन, व्यवहार, बुद्धिमानी, गर्भाशय और प्रजनन से संबंधित बीमारियों का कारक माना गया है। अगर किसी व्यक्ति को इनमें से कोई भी एक समस्या है तो उसे मोती धारण करने से लाभ होगा।
मोती रत्न पहनने के फायदे – Moti dharan karne ke fayde
चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है इसलिए चंद्रमा के रत्न मोती को पहनन से मन को स्थिरता मिलती है और मन से नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
पति-पत्नी के बीच अनबन या मनमुटाव चल रहा है तो उसे भी पर्ल स्टोन ठीक करने की क्षमता रखता है। मोती के प्रभाव से रिश्तों में प्रेम, विश्वास और स्नेह बढ़ता है।
जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी है या जो अपने विचारों को खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते हैं, उन्हें भी पर्ल स्टोन पहनना चाहिए।
नकारात्मक शक्तियों और विचारों से भी पर्ल स्टोन दूर रखता है।
स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए भी पर्ल स्टोन पहना जा सकता है। जिन लोगों की याद्दाश्त कमज़ोर है या जिनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है, उन्हें भी मोती धारण करना चाहिए।
अगर आपका मन स्थिर नहीं रहता है या आपको समझ नहीं आ रहा है कि आपको जीवन में क्या करना है तो आपको पर्ल स्टोन पहनना चाहिए। इस रत्न से व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत बनता है।
मोती के स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ – Pearl stone health benefits in Hindi
महिलाओं के लिए मोती विशेष रूप से लाभकारी है। यह रत्न प्रजनन से संबंधित रोगों को दूर कर महिलाओं को स्वस्थ जीवन प्रदान करने की शक्ति रखता है।
मानसिक तनाव को दूर करने का सबसे असरकारी और आसान उपाय है मोती धारण करना। यह रत्न डिप्रेशन का भी इलाज करता है।
अगर किसी व्यक्ति को रात को नींद नहीं आती है या अनिद्रा की समस्या है तो उनके लिए भी मोती लाभदायक है।
आंखों से संबंधित बीमारियों से भी मोती रत्न रक्षा करता है।
ह्रदय रोगों से बचने के लिए पर्ल स्टोन पहना जा सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को जल या दूषित जल के कारण कोई बीमारी हो गई है तो उसे भी मोती रत्न पहनना चाहिए।
मोती कितने रत्ती का पहने – Moti kitne ratti ka pehne
मोती रत्न कम से कम 6 से 8 रत्ती के बीच धारण करना चाहिए। आपको मोती रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए, ये जानने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने वजन को देखें। मान लीजिए आपका वजन 60 कि.ग्रा है, तो आपको 6 रत्ती को पन्ना पहनने से लाभ होगा।
किस धातु में पहनना चाहिए मोती स्टोन – Moti ratna kis dhatu me pehnana chahiye
चंद्रमा के पर्ल स्टोन के लिए चांदी की धातु सबसे ज्यादा लाभकारी होती है। आप मोती को चांदी के लॉकेट या अंगूठी में जड़वाकर पहन सकते हैं।
मोती रत्न धारण विधि – Moti ratna dharan vidhi in Hindi
चंद्रमा के रत्न मोती को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को पर्ल स्टोन पहनना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। सोमवार को सुबह नित्य कर्म एवं स्नान आदि के बाद अपने घर में स्थापित मंदिर में स्वच्छ आसन ग्रहण कर बैठ जाएं।
मोती रत्न कैसे धारण करे – अब तांबे का एक पात्र लें और उसमें गंगाजल या कच्चा दूध डालकर मोती रत्न को उसमें डुबों दें। इसके बाद 108 बार चंद्रमा के बीज मंत्र ‘ऊं सों सोमाय नम:’ का जाप करें। जाप संपूर्ण होने के बाद धूप-दीप दें और रत्न को पात्र से निकालकर साफ करने के बाद धारण कर लें। मोती रत्न की अंगूठी को कनष्किा अंगुली में पहनना चाहिए।
मोती रत्न किसे पहनना चाहिए – Moti ratna kise pehnana chahiye
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है इसलिए कर्क राशि के जातक पर्ल स्टोन पहन सकते हैं। इसके अलावा 21 जून से 20 जुलाई के बीच पैदा हुए लोगों का यह भाग्य रत्न है। अगर आपका जन्म 21 जून से 20 जुलाई के बीच हुआ है और आपका नाम ही, हू, हो, डा, डी, डे और डो से है तो आप इस रत्न को पहन सकते हैं।
इसके अलावा कुंडली में चंद्रमा के कमजोर स्थान या नीच राशि में होने या पीडित होने की स्थिति में भी मोती रत्न पहनने से लाभ होता है। चंद्रमा को मजबूत एवं बली करने के लिए मोती स्टोन पहना जाता है।
मोती रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातक चंद्रमा का रत्न मोती धारण कर सकते हैं। मेष राशि के स्वामी मंगल और चौथे भाव के स्वामी चंद्रमा के बीच मैत्री संबंध हैं। इसलिए मेष राशि के व्यक्ति सफेद मोती पहन सकते हैं। यह रत्न आपके जीवन में सुख, अच्छे मित्र लाता है और इस रत्न को पहनने वाले व्यक्ति की मां की सेहत अच्छी रहती है।
वृषभ राशि
यदि चंद्रमा स्वराशि या उच्च राशि में बैठा हो और चंद्रमा की महादशा एवं अंतरदशा चल रही हो तो वृषभ राशि के जातक मोती स्टोन पहन सकते हैं। यह रत्न वृषभ राशि के लोगों के जीवन में साहस, बल और आत्मविश्वास लाता है एवं व्यक्ति के अपने भाई-बहनों के साथ शांतिूपर्ण संबंध रहते हैं।
मिथुन राशि
महादशा और उपदशा के दौरान चंद्रमा के स्वराशि या उच्च राशि में स्थित होने पर मिथुन राशि वाले मोती पहन सकते हैं। मिथुन राशि के लोग मोती धारण कर चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव को खत्म कर सकता है। इस रत्न को धारण करने से परिवार के सदस्यों के साथ संबंध बेहतर होते हैं। व्यक्ति को अपनी आय के स्रोत बढ़ाने के अवसर मिलते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों को चंद्रमा का स्टोन मोती पहनने से बहुत लाभ मिलता है। चंद्रमा लग्न भाव का स्वामी और शुभ ग्रह है इसलिए इसके रत्न मोती को पहनने से चंद्रमा से संबंधित क्षेत्रों में अनेक लाभ मिलते हैं। चंद्रमा की महादशा और अंतरदशा में मोती धारण करना और भी फलदायी होता है।
सिंह राशि
चंद्रमा के कर्क राशि में होने पर महादशा और अंतरदशा के दौरान सिंह राशि के जातक मोती स्टोन पहन सकते हैा। इससे सिंह राशि के लोगों को विदेश यात्रा और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों की कुंडली में चंद्रमा के स्वराशि कर्क राशि में स्थित होने पर कन्या राशि वाले मोती धारण कर सकते हैं। इससे आय में वृद्धि होती है और व्यक्ति के मामा से अच्छे संबंध बनते हैं। व्यापार और अन्य क्षेत्रों से भी लाभ मिलता है।
तुला राशि
चंद्रमा की महादशा के दौरान तुला राशि के जातक सफेद मोती धारण कर सकते हैं। यदि तुला राशि के व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा है तो इस स्थिति में मोती पहनने से चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने में मदद मिलती है।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा के नवम भाव के स्वामी होने के कारण वृश्चिक राशि वाले मोती स्टोन को धारण कर सकते हैं। चंद्रमा भाग्य और सुख का कारक होता है इसलिए इस रत्न धारण करने से वृश्चिक राशि के लोगों को सम्मान और भाग्य का साथ मिलता है।
धनु राशि
चंद्रमा के कर्क या वृषभ राशि में चंद्रमा के होने और चंद्रमा की महादशा के दौरान धनु राशि वाले पर्ल स्टोन यानी मोती पहन सकते हैं।
मकर राशि
चंद्रमा के स्वराशि या उच्च राशि में होने पर चंद्रमा की महादशा और अंतरदशा के दौरान मकर राशि वाले मोती स्टोन को धारण कर सकते हैं। इस रत्न को पहनने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
कुंभ राशि
चंद्रमा की महादशा और उपदशा के दौरान कुंभ राशि वाले पर्ल स्टोन पहन सकते हैं।
मीन राशि
चंद्रमा पंचम भाव का स्वामी है जो कि मीन राशि के जातकों के लिए लाभकारी है इसलिए मीन राशि वाले जीवनभर सफेद मोती पहन सकते हैं। पुखराज के साथ मोती पहनने पर दोगुना लाभ मिलता है। चंद्रमा की महादशा और अंतरदशा के दौरान मीन राशि के लोगों के लिए मोती धारण करना अत्यंत फायदेमंद साबित होगा।
ये रत्न न पहनें
वैसे तो मोती रत्न के स्वामी ग्रह चंद्रमा के अधिकतर ग्रहों के साथ मैत्री संबंध हैं लेकिन राहू और केतु के साथ चंद्रमा का शत्रु का संबंध है इसलिए मोती के साथ लहसुनिया और गोमेद नहीं पहनना चाहिए।
मोती के स्वामी ग्रह चंद्रमा का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रमा के प्रभाव में मन संतुलित और भटक सकता है। सूर्य के बाद चंद्रमा सबसे चमकदार ग्रह है। यदि चंद्रमा कुंडली के लग्न भाव में बैठा हो तो वह जातक सुंदर और आकर्षित दिखता है। उसमें साहस और धैर्य होता है और वह अपने जीवन में सिद्धांतों को अधिक महत्व देता है।
चंद्रता मजबूत स्थिति में बैठा हो तो व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं और जातक मानसिक रूप से मजबूत बनता है। उसकी मानसिक स्थिति ठीक रहती है और उसका ध्यान नहीं भटकता है। ऐसा व्यक्ति अपने विचारों और निर्णयों पर शक नहीं करता है। परिवार में मां से अच्छे संबंध होते हैं और इनकी मां की सेहत भी अच्छी रहती है।
वहीं अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में बैठा हो तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें मानसिक तनाव और आत्मविश्वास में कमी आना शामिल है। इसके अलावा इन जातकों का अपनी मां के साथ भी अच्छे संबंध नहीं रहते हैं और इनके वैवाहिक जीवन में भी अशांति रहती है। चंद्रमा के कमजोर होने पर व्यक्ति को बहुत गुस्सा आता है और उसका अपनी जुबान पर कोई कंट्रोल नहीं रहता है। इस वजह से व्यक्ति को निराशा का सामना करना पड़ता है और उसकी याद्दाश्त भी कमजोर होती है। इनकी मां के जीवन में भी कुछ न कुछ समस्या आती रहती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को सबसे प्रभावी ग्रह माना गया है क्योंकि यह मन, भावनाओं, व्यवहार, मनोदशा और सहज ज्ञान का स्वामी है। चंद्रमा हमारे मन और स्वभाव को नियंत्रित करता है जबकि सूर्य इस बात का कारक है कि दुनिया हमें कैसे देखती है।
चंद्रमा का प्रभाव व्यक्ति को दयालु, उदार, संवेदनशील, रचनात्मक, कल्पनाशील और सहज बनाता है। यह प्रजनन क्षमता और स्त्रीत्व से भी संबंधित है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में भी चंद्रमा को मन का करता कहा गया है। स्वयं भगवान शिव ने इन्हें अपने मस्तक पर धारण किया है। इसके साथ ही भगवान शिव के शुभ दिन सोमवार को ही चंद्रमा का दिन माना गया है।
मोती रत्न का उपरत्न – Moti ratna ka upratna
अगर किसी वजह से आप मोती नहीं पहन पा रहा हैं तो इसकी जगह मोती के उपरत्न मूनस्टोन, ओपल या सफेद मूंगा को भी धारण कर सकते हैं।
मोती कहांं पाया जाता है – Best quality pearl stone in Hindi
सबसे अच्छी क्वालिटी का मोती रत्न जापान और ऑस्ट्रेलिया का माना जाता है। चीन, फ्रेंच पॉलीनेशिया में भी अधिक मात्रा में मोती रत्न का उत्पादन किया जाता है।
दुनियाभर में समुद्र के अंदर मोती रत्न पाए जाते हैं। प्राकृतिक समुद्री मोती रत्न ऑस्ट्रेलिया, जापान, केंद्रीय अमेरिका, पर्र्शियन गल्फ, गल्फ ऑफ मनार, मेडागास्कर के तटों, बर्मा, फिलीपींस, दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है।
जापान और ऑस्ट्रेलिया का मोती रत्न सबसे अच्छा होता है। चीन और फ्रेंच पॉलीनेशिया में भी अधिक मात्रा में मोती स्टोन का उत्पादन किया जाता है। यहां पर कल्चर पर्ल और ताहितियान पर्ल मिलता है।
मोती किस उंगली में पहनें
प्रत्येक रत्न तभी लाभ मिलता है जब उसे विधि और नियम अनुसार धारण किया जाए। रत्न शास्त्र के अनुसार मोती रत्न को कनिष्ठिका उंगली में पहनना चाहिए। आप मोती रत्न को अंगूठी या लॉकेट के रूप में इसे पहन सकते हैं। अगर आप मोती स्टोन की अंगूठी पहन रहे हैं तो इसे अपने दाहिने हाथ की कनिष्टिका उंगली में पहनें।
इस संदर्भ में आपको इस बात का खास ख्याल रखना है कि हर रत्न को पहनने को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं और अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो हो सकता है कि आपको उस रत्न का पूर्ण फल न मिल पाए।
मोती किस दिन धारण करना चाहिए
चंद्रमा का स्वामी भगवान शिव हैं और शिव को सोमवार का दिन समर्पित है। चंद्रमा के रत्न मोती को सोमवार के दिन ही पहनना चाहिए। सप्ताह के दूसरे दिन सोमवार को पर्ल स्टोन धारण करने के लिए शुभ माना जाता है।
यदि चंद्रमा कमजोर है और इसे बली करने के लिए आप सोमवार के दिन भगवान शिव और चंद्र देव की उपासना करें। चंद्रमा मन का कारक है और मोती को पहनने से मन मजबूत होता है और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है।
मोती किस हाथ में पहनें
किसी भी स्टोन की अंगूठी को वर्किंग हैंड में ही पहना जाता है। इसका अर्थ यह है कि आप जिस भी हाथ से अपने सारे काम करते हैं, उसी हाथ की कनिष्ठिका उंगली में रत्न की अंगूठी को पहनना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बाएं हाथ से काम करता है तो उसे बाएं हाथ में मोती स्टोन की अंगूठी पहननी चाहिए। मोती रत्न दाएं हाथ की कनिष्ठिका उंगली में पहना जाता है।
मोती धारण करने का मंत्र
चंद्रमा के शुभ रत्न मोती को धारण करने से पूर्व कम से कम 108 बार चंद्रमा के रत्न का जाप करना चाहिए। रत्न धारण करने से पूर्व मंत्र जाप करने से स्टोन का प्रभाव बढ़ जाता है और धारणकर्ता को इस स्टाने से अधिक लाभ मिल पाता है। मोती स्टोन धारण करने का मंत्र है : ‘ऊं सों सोमाय नम:’।।
इसके अलावा आप अन्य निम्न मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं :
वैदिक मंत्र : ऊं इमं देवा असपन्तं ग्वं सुवघ्यं। महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै पुत्रमस्यै विश वोमी राज: सोमास्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।।
पौराणिक मंत्र : ऊं दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम। नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम।।
गायत्री मंत्र : ऊं अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि, तन्नो सोम प्रचोदयात्।।
मोती रत्न किस मुहूर्त में धारण करना चाहिए
मोती रत्न का स्वामी चंद्रमा जिसका शुभ दिन सोमवार माना जाता है। इसलिए चंद्रमा के स्टोन मोती को सोमवार के दिन पुष्या नक्षत्र में पहनना चाहिए। इसके अलावा रोहिणी, हस्त और श्रावण में भी मोती स्टोन पहन सकते हैं। अगर आप इस मुहूर्त में मोती धारण नहीं कर पाए हैं तो शुक्ल पक्ष के सोमवार और चंद्रमा के होरा में इसे पहन सकते हैं।
मोती कितने समय में प्रभाव देता है – Pearl effects in how many days
सफेद मोती रत्न धारण करने के बाद चार दिनों के अंदर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है और लगभग दो साल तक इसका पूर्ण प्रभाव मिलता है। इसके बाद पर्ल स्टोन निष्क्रिय हो जाता है और व्यक्ति को नया मोती स्टोन पहनना होता है।
मोती कैसा होता है
मोती रत्न चंद्रमा की तरह ही सफेद और चमकदार होता है। आपको सफेद मोती की बजाय क्रीम रंग का या सफेद रंग पर हल्का पीलापन या गुलाबीपन लिए भी पर्ल स्टोन मिल जाएगा। यह रत्न गोल और अंडाकार में आता है और इस पर कोई दाग या धब्बा नहीं होता है।
मोती का उपरत्न मूनस्टोन – Moti ka upratna
यदि कोई व्यक्ति किसी कारण से चंद्रमा के रत्न मोती को धारण नहीं कर सकता है तो वह चंद्रमा के उपरत्न मूनस्टोन को पहन सकता है। भाग्य को बढ़ाने और नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने में मूनस्टोन बहुत लाभकारी होता है। इस स्टोन को पहनने से छठी इंद्री जागृत होती है और लव लाइफ एवं व्यापार से जुड़ी परेशानियों को सुलझाने में मदद मिलती है।
अभिनेताओं या अभिनय की दुनिया में नाम कमाने के इच्छुक लोगों को मूनस्टोन पहनने से बहुत लाभ होता है। वहीं अगर आप कुछ हटकर करना चाहते हैं तो भी चंद्रमा के उपरत्न मोती को पहन सकते हैं। मूनस्टोन भी मोती की तरह ही प्रभाव एवं लाभ देता है।
मोती की तकनीकी संरचना
मोती कैल्शियम कार्बोनेट से बने होते हैं और ये प्राकृतिक एवं सिंथेटिक हो सकते हैं। मोती अधिकतर सफेद और क्रीम रंग में आते हैं।
मोह्स स्केल पर मोती रत्न को 2.5 बताया गया है। इसका मतलब है कि यह रत्न बहुत नरम है और इस पर आसानी से खरोंच पड़ सकती है इसलिए इस रत्न की बहुत देखभाल की जानी चाहिए।
मोती रत्न की कीमत – Moti ratna price in India
भारत में मोती रत्न की शुरुआती कीमत 1000 रुपए प्रति रत्ती है। पर्ल स्टोन की कीमत 2 लाख रुपए प्रति रत्ती और इससे ज्यादा हो सकती है।
मोती रत्न कहां से खरीदें – Pearl stone buy online
अगर आप प्रमाणित और उच्च क्वालिटी का मोती रत्न लेना चाहते हैं तो Jeewanmantra से प्राप्त कर सकते हैं। आप इस रत्न को ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं। मोती रत्न प्राप्त करने के लिए इस नंबर पर संपर्क करें – 9354299817
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