हिंदू धर्म में मां दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है। मां दुर्गा की उपासना के लिए विशेष रूप से नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि स्वयं श्री राम ने रावण से युद्ध से पूर्व मां दुर्गा की पूजा की थी और लंका पर विजय प्राप्त कर मां सीता को छुड़ाया था।
वर्ष 2020 में 17 अक्टूबर शनिवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रों का बहुत महत्व है क्योंकि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्र के आरंभ में मां दुर्गा कैलाश पर्वत से उतरकर धरती पर आती हैं।
हर वर्ष माता एक अलग वाहन पर बैठकर धरती पर विचरण करने आती हैं और इस वाहन से पता चलता है कि आने वाला साल देश और दुनिया के लिए कैसा रहेगा।
आइए जानते हैं नवरात्र 2020 से जुड़ी कुछ खास बातें।
शारदीय नवरात्र 2020 में मां दुर्गा का वाहन
इस बार नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही है और मां की विदाई भैंस पर होगी। हर साल माता रानी अलग-अलग वाहन पर आती हैं।
नवरात्र कलश स्थापना शुभ मुर्हूर्त
शारदीय नवरात्र में कलश स्थापना 17 अक्टूबर को प्रात: 6 बजकर 23 मिनट से लेकर 10 बजकर 12 मिनट पर शुभ मुहूर्त है। आप इस मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं।
मां के नौ रूपों की होती है पूजा
नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रतिपदा तिथि को मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कूष्मांडा, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवे दिन मां कालरात्रि, आठवे दिन देवी महागौरी और नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
विजयादशमी का मुहूर्त
इस बार 25 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त दोपहर के 1 बजकर 57 मिनट से 2 बजकर 42 मिनट है।
नवरात्र का अर्थ (What do you mean by Navratri)
नवरात्र का अर्थ होता है 9 रात्रि और इन 9 रातों में बड़ी धूमधाम से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में तो नौ दिनों तक पंडाल लगाए जाते हैं और देवी मां की पूजा के लिए भव्य आयोजन किए जाते हैं।
मां दुर्गा के नौ रूप (What are the nine days of Navratri)
मां शैलपुत्री, मां ब्रह्माचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सित्रिदात्री आदि मां दुर्गा के नौ रूप हैं। नव रात्रियों में मां दुर्गा के इन 9 रूपों की पूजा की जाती है। यही हिंदुओं का महत्वपूर्ण पर्व (Navratri importance) है।
नवरात्रि 2020 में कब पड़ेगा (Navratri 2020 dates in Hindi)
17 अक्टूबर, 2020 – प्रतिपदा तिथि को मां शैलपुत्री की पूजा होता है। शुभ रंग ग्रे है।
18 अक्टूबर, 2020 – चंद्र दर्शन या द्वितीय तिथि को देवी ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है। शुभ रंग नारंगी है।
19 अक्टूबर, 2020 – सिंदूर तृतीया तिथि को देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। शुभ रंग सफेद है।
20 अक्टूबर, 2020 – चतुर्थी तिथि को कूष्मांडा देवी का पूजन होता है। शुभ रंग लाल है।
21 अक्टूबर, 2020 – पंचमी तिथि को स्कंदमाना की उपासना होगी। शुभ रंग नीला है।
22 अक्टूबर, 2020 – षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा होती है। शुभ रंग पीला है।
23 अक्टूबर, 2020 – सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की उपासना होती है। शुभ रंग हरा है।
24 अक्टूबर, 2020 – अष्टमी तिथि या दुर्गाष्टमी को महागौरी का पूजन होता है। शुभ रंग हरा है।
25 अक्टूबर, 2020 – नवमी तिथि को नवरात्रि पारण और विजयादशमी है। शुभ रंग जामुनी है।
26 अक्टूबर, 2020 – दशमी तिथि को दुर्गा विसर्जन है।
नवरात्र के उपाय (Navratri remedies)
सालभर में मां दुर्गा के इन नौ दिनों को अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर पूरे साल में शुभ कार्य के लिए कोई समय नहीं मिल पा रहा है तो इन नौ दिनों में वो कार्य कर सकते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार भी इन 9 दिनों में किए गए टोटके सबसे ज्यादा शुभ फल देते हैं।
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तो चलिए जानते हैं जीवन की विभिन्न समस्याओं के अनुसार उनके उपायों के बारे में जिन्हें इन शुभ 9 दिनों में करना चाहिए।
- धन की कामना रखने वाले व्यक्ति अष्टमी या नवमी तिथि पर उत्तर की दिशा की ओर मुख करके साफ स्थान पर बैठें। अपने सामने लाल चावलों की एक ढेरी बनाएं और उस पर श्रीयंत्र की स्थापना करें। श्रीयंत्र के सामने तेल के नौ दीपक जलाएं और उपासना करें। पूजा के बाद घर के मंदिर में श्रीयंत्र की स्थापना कर दें। अन्य चीज़ों को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। श्रीयंत्र को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए आपको इस उपाय से शीघ्र ही धन की प्राप्ति होगी।
- विवाह हेतु नवरात्र में उपाय (Navratri remedies for marriage) कर सकते हैं। प्रतिपदा तिथि को पूजन स्थल के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं और शिव-पार्वती का चित्र स्थापित करें। रोज़ सुबह ‘ऊं शं शंकराय सकल जन्मार्जिक पाप विध्वंसनाय, पुरुषार्थ चतुष्टय लाभाय च पतिं में देहि कुरु कुरु स्वाहा’ मंत्र का तीन या पांच माला जाप करें।
- बेरोज़गार या नौकरी (Navratri remedies for job) की तलाश कर रहे जातक भी नवरात्र में उपाय कर सकते हैं। नवरात्र से आरंभ कर 21 या 31 दिन तक ‘ऊं ह्रीं वाग्वादिना भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा’ मंत्र का जाप करें।
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इन चीज़ों को घर लाएं
- चूंकि ये नौ दिन बहुत शुभ माने जाते हैं इसनिए इनमें तुलसी का पौधा घर लाना बहुत शुभ और मंगलकारी रहता है।
- नवरात्र की प्रथम तिथि घर पर केले का पौधा लगाएं और नौ दिनों तक इसकी जड़ में पानी दें। गुरुवार के दिन इस पौधे की पूजा करें और इसकी जड़ में थोड़ा-सा कच्चा दूध चढ़ाएं।
अगर आप नवरात्र के पर्व पर अपने जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो उपरोक्त उपायों को जरूर करें। मां दुर्गा के आशीर्वाद से आपके सभी कष्ट जरूर दूर होंगे।
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