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मिडिल क्लास लोगों के असफल होने की ये है वजह

कहा जाता है कि मिडिल क्लास से ज्यादा असंतुष्ट वर्ग और कोई नहीं। मिडिल क्लास जीते तो आम जिंदगी हैं, लेकिन ख्वाब बड़े-बड़े देखते हैं और उन सपनों को साकार करने में पूरी जिंदगी गुजार देते हैं। खैर, हमारे देश में मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। यही वह वर्ग है जो तरक्की की चाह रखते हुए भी देश के अन्य वर्ग की तुलना में सबसे कम तरक्की कर पाता है। इस वर्ग से बहुत कम या गिने-चुने लोग ही अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं और धनि लोगों में अपना नाम शामिल कर पाते हैं।

अगर यकीन न हो, तो अपने आसपास के लोगों में एक नजर दौड़ाएं। मिडिल क्लास से जुड़े हर व्यक्ति को जिम्मेदारियों के तले दबा हुआ ही पाएंगे। क्या कभी आपके दिमगा में यह सवाल कौंधा है कि ऐसा क्यों है? आखिर क्यों एक मिडिल क्लास व्यक्ति नाकामयाब होता है? वह अपने सपनों को पूरा क्यों नहीं कर पाता?

असफलता की वजह

हकीकत ये है कि मध्यम वर्ग से जुड़ा हर व्यक्ति जिम्मेदारियों के बोझ से भरा होता है। इसलिए अपने सपनों के पीछे भागते हुए भी उसे पूरा नहीं कर पाता। मिडिल क्लास से जुड़े हर व्यक्ति को बढ़ते खर्च की चिंता होती है, घर-परिवार के भरण-पोषण की चिंता होती है। सेविंग्स के नाम पर वह जरा भी बचत नहीं कर पाता। असल में मिडिल क्लास आदमी कभी भी अपनी जिम्मेदारियों के बोझ से बाहर ही नहीं निकल पाता।

चूंकि मिडिल क्लास का आदमी जिम्मेदारियों से लदा हुआ रहता है, इसलिए उसकी सोच भी नकारात्मक हो गई है। असफलता का एक बड़ा कारण सोच में पाॅजिटिविटी का न होना भी है। कहते हैं सफल होने के लिए सबसे पहले खुद में पाॅजिटिव सोच का संचार करना होता है। जबकि नेगेटिव सोच के साथ आप एक कदम भी सफलता की ओर नहीं बढ़ा सकते। अतः मिडिल क्लास आदमी को अपनी सोच बदलनी चाहिए। तभी वह सफलता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि मिडिल क्लास आदमी मेहनत नहीं करता। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक नहीं बल्कि दो-दो शिफ्ट में काम करते हैं ताकि वे अपनी हार को जीत में बदल सकें। अपनी माली हालत को सुधार सकें। इसके बावजूद वे ऐसा करने में अक्षम रहते हैं, क्योंकि वे अपनी सोच को बेहतर नहीं कर पाते। दरअसल, कोई भी व्यक्ति सिर्फ मेहनत करने से अमीर नहीं होता बल्कि सही समय, सही जगह और सही तरीके से मेहनत करके ही अपनी किस्मत बदल सकता है। इसलिए मेहनत के साथ-साथ अपनी सोच भी बेहतर करनी जरूरी है।

क्या आप इस तर्क को मानते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता? अगर नहीं, तो समझें कि आप कभी भी मिडिल क्लास से बाहर हीं निकल सकते। इसी वर्ग में पैदा हुए हैं और अपनी शर्म व हिचक की वजह से मिडिल क्लास मैन बनकर ही मर जाएंगे। इस वर्ग से बाहर निकलना चाहते हैं, खुद को कामयाब व्यक्ति बनते देखना चाहते हैं तो शर्म महसूस करना छोड़ें। हमेशा ध्यान रखें कि हर बड़ा काम छोटे स्तर से ही शुरू होता है, इसके बाद वह सफलता की सीढ़ी चढ़ता है।

आप यह समझने की कोशिश करें कि आखिर आप इस वर्ग से बाहर क्यों नहीं निकल पाते? इसलिए क्योंकि आप जिम्मेदारियों से ही बाहर नहीं निकल पाते। जितना कमाते हैं, सब परिवार की जरूरतें पूरी करने में ही खत्म हो जाती हैं। ऐसे में मिडिल क्लास से बाहर निकलना सपने जैसा हो जाता है। इसलिए सपने देखना छोड़ें और कुछ व्यवहारिक करना शुरू करें। सबसे पहले एक्स्ट्रा काम करने, ओवर टाइम करने की शुरुआत करें। आय का कोई अन्य स्रोत तलाशें तभी आप कुछ पैसों को सेविंग के रूप में जोड़ पाएंगे।

याद रखें कि मिडिल क्लास में पैदा होना मजबूरी थी, लेकिन जीना आपकी मर्जी है। आप मेहनत से अपनी किस्मत बदल सकते हैं।

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