इस दुनिया में महिलाओं से ज्यादा दयावान और कोई नहीं माना गया है। उसे ममता की मूर्ति कहा जाता है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसा कारनामा कर जाती हैं कि पूरी दुनिया का दिल रो उठता है। आज हम आपको भारत की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो जल्द ही फांसी के तख्ते पर चढ़ने वाली है।
आइए जानते हैं कि आखिर इस महिला ने ऐसा क्या किया है जो इसे फांसी जैसी दर्दनाक सज़ा सुनाई गई है।
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किसे मिल रही है फांसी
जिस महिला को देश में पहली बार फांसी की सज़ा सुनाई गई है उसका नाम शबनम है और वो उत्तर प्रदेश में अपने पूरे परिवार के साथ रहती थी। इस लड़की अने बहुत ही कम उम्र में एक ऐसी घटना को अनजाम दिया जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटें खड़े हो जाएं।
क्यों मिल रही है फांसी
यूपी के अमरोहा के बावन खेड़ी गांव में अब कोई भी अपनी बेटी का नाम शबनम नहीं रखना चाहता है। दरअसल, इसका कारण है यहां रहने वाली शबनम की प्रेम कहानी। जी हां, दस साल पहले शबनम ने अपने अंधे प्यार को मंजिल देने के लिए एक ऐसी साजिश रची जिसने उसके भविष्य को बर्बाद कर डाला।
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शबनम अपने ही गांव के एक लड़के सलीम से प्यार करती थी। सलीम का परिवार शबनम के मुकाबले काफी गरीब था और खुद सलीम भी अनपढ़ था जबकि शबनम अच्छे परिवार से थी और काफी पढ़ी-लिखी थी। शबनम का परिवार उसके और सलीम की शादी के लिए राज़ी नहीं था और इसी बात से नाराज़ होकर शबनम ने सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार की हत्या की साजिश रच डाली।
7 लोगों की हुई थी हत्या
अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने दस साल पहले अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि उसने अपने भाई के 7 महीने के बेटे को भी नहीं बख्शा था और उसकी भी बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी।
लुटेरों पर लगाया था आरोप
अपने पूरे परिवार को खुद मौत के घाट उतारने के बाद शबनम ने पुलिस को एक मनघडंत कहानी सुनाई थी जिसके अनुसार कुछ लुटेरों ने उसके घर पर हमला किया और उसके परिवार को मारकर सारा पैसा लूटकर ले गए। उसने बताया कि वो बाथरूम में थी इसलिए उसकी जान बच गई।
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इसी गुत्थी के तार जोड़ने में पुलिस को पता चला कि कुंवारी शबनम गर्भवती है और उसने घटना वाली रात को अपने प्रेमी सलीम को कई बार कॉल किया था। यहां तक कि हमले के दौरान घर से कोई भी चीज़ चोरी नहीं हुई थी।
इस खौफनाक वारदात को दस साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी शबनम के गांव में कोई भी अपनी बेटी का नाम शबनत नहीं रखता है। शबनम और सलीम को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने वाला है। दोनों ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया।
अब अगर सुप्रीम कोर्ट में भी सलीम और शबनम की फांसी की सज़ा को बरकरार रखा गया तो शबनम देशी की ऐसी पहली महिला होगी जिसे फांसी जैसी सज़ा मुकर्रर की गई है।
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