धनतेरस त्योहार क्या है और क्यों मनाया जाता है? – Why we celebrate dhanteras festival in Hindi
कार्तिक के महीने में मनाई जाने वाली धनतेरस एक त्योहार है, जो दिवाली की शुरूआत का प्रतीक है। इस साल 2 नवंबर को धनतेरस मनाई जाएगी। जिसे धन त्रयोदयशी या धनवंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। देवी लक्ष्मी, भगवान यम, कुबेर, और भगवान धनवंतरि के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इनकी पूजा करने से भक्तों को धन समृद्धि में वृद्धि होती है।
धनतेरस क्यों मनाया जाता है – Dhanteras kyon manaya jata hai
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दौरान भगवान धनवंतरि एक अमृत पात्र के साथ समुद्र मंथन से निकले थे। भगवान धनवंतरि और अमृत का आर्शीवाद के लिए भक्त उत्साह के साथ उनकी पूजा करते हैं।
धनतेरस का महत्व क्या है, बताएं इन हिंदी – Dhanteras ka mahatva kya hai, btaye in Hindi
ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी भगवान कुबेर के साथ आती हैं। कुबेर धन के देवता हैं। इस दिन विशेष रूप से समुद्र मंथन के दौरान भक्तों को प्रसन्न करने के लिए देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करनी चाहिए। साथ ही हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, लोग घर में सौभाग्य लाने के लिए बर्तन, आभूषण और अन्य भौतिक चीजें खरीदते हैं।
धनतेरस का शुभ पूजा मुहूर्त 2021 – Dhanteras puja muhurat 2021
धनतेरस की पूजा का मुहूर्त – शाम 6:50 से रात 8: 36 तक
प्रदोष काल- शाम 6:05 से रात 8:36 तक
वृषभ काल- 6:50 से रात 8:50 तक
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 2 नवंबर 2021 को सुबह 11:31 से
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 3 नवंबर 2021 को सुबह 9:02 पर
धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए, क्या खरीदारी करें और साथ हि क्या दान करना चाहिए – Dhanteras ke din kya kya kharidna chahiye, kya karna chaiye in Hindi
धनतेरस के दिन से लोग लक्ष्मीजी के स्वागत की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस दिन महिलाओं को देवी के स्वागत में सुबह-सुबह स्नान करके घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनानी चाहिए।
धनतेरस के दिन क्या करना चाहिए, बताएं – Dhanteras ke din kya karna chahiye
चावल के आटे और गुलाल से छोटे-छोटे पैर बनाने चाहिए। यह निशान लक्ष्मीजी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन व्यवसायी लोग अपने घर और ऑफिसों को सजाते हैं। धनतेरस का दिन उन लोगों के लिए खास होता है, जो इस दिन गोल्ड, मेटल या किसी भी तरह का मेटल खरीदते हैं। आमतौर पर लोग धनतेरस पर सोने के बिस्किट या सिक्कों पर इनवेस्ट करना सही समझते हैं।
धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए – Dhanteras ke din kya kharide
जो लोग सोना या चांदी नहीं खरीद सकते , वह स्टील, ब्रास और कॉपर के बर्तन खरीदते हैं। पारंपरिक रूप से महिलाएं गोल्ड, प्लेटिनम और सिल्वर ज्वेलरी की खरीददारी करती हैं। इस दिन मेटल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। शाम को सभी महिलाएं भगवान यम के लिए दीए जलाकर उनका स्वागत करती हैं। कुछ घरों में देवी लक्ष्मी के आगमन के लिए गीत भी गाए जाते हैं।
धनतेरस माता लक्ष्मी की कहानी – Dhanteras mata ki kahani
धनतेरस को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। भारत के कई हिस्सों में धनतेरस पूजा यम त्रियोदशी और यम दीपदान के रूप में मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार की बात है हिमा नाम का राजा था, जिसे पूरे न्याय और प्रेम के साथ राज्य पर शासन किया था।
उनका एक बेटा था और ज्योतिषों ने भविष्यवाणी की थी कि उनके बेटे को उसके 16वें वर्ष में सांप के काटने के कारण अपने जीवन के अंत का सामना करना पड़ेगा। गहरी पीड़ा की भावना ने राजा हिमा को दिल को दहला दिया और उन्होंने अपने बेटे के जीवन को बचाने के तरीकों की खोज की। एक प्रसिद्ध ज्योतिषि की सलाह के अनुसार, उन्हेंाने अपने बेटे की शादी किसी भाग्यशाली लड़की से की। दंपत्ति कुछ सालों तक खुशी-खुशी रहे।
धनतेरस की कहानी सुनाएं – Dhanteras ki kahani in Hindi
लड़का अपने 16वें वर्ष के करीब था और राजा को अपने पुत्र की मृत्यु की चिंता सताने लगी थी। लड़की ने एक साहसिक कार्य शुरू किया। ज्योतिषि भविष्यवाणियों में कहा गया था कि जब वह पृथ्वी पर अपने जीवन के 16वें वर्ष में प्रवेश करेगा तो एक सांप उसे काट लेगा। लड़के के 16वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर लड़की ने अपने पति की जान बचाने के लिए एक योजना बनाई।
उसके अपने सारे गहने एकत्रित कर मुख्य द्वार के सामने ढेर कर दिए। उसने अपने पति को न सोने की सलाह दी और खुद भी रातभर जागती रही। वह घर के प्रवेश द्वार के पास मुख्य द्वार की रखवाली कर रही थी। बालक के प्राण लेने के समय के दौरान मृत्यु के देवता भगवान यम नाग के रूप में घर के सामने पहुंचे। सांप रेंगकर घर के मुख्य दरवाजे तक पहुंच गया। जब सांप दरवाजे में घुसने ही वाला था कि रास्ते में गहनों के ढेर ने उसे रोक लिया। गहने इतने चमकीले थे कि सांप को अपने आसपास कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था।
इस बीच लड़की रातभर मधुर गीत गाती रही। गाने इतने आकर्षक थे कि खुद सांप भी गानों का आनंद ले रहा था। लड़के के प्राण लेने का समय बीत गया और भगवान यम को सांप के यम में अपना मिशन छोडऩा पड़ा। इस प्रकार लड़की के मजाकिया विचार ने उसके पति की जान बचाने में मदद की।
धनतेरस पर किसकी पूजा होती है – Dhanteras par kiski puja hoti hai in Hindi
धनतेरा की पूजा के लिए कलया, चावल, कुमकुम, नारियल और पान के पत्तों की जरूरत होती है। पूजा शुरू करने के लिए एक दीया जलाएं और इस दीए को रातभर जलाए रखें। पूजा के लिए पूरे परिवार के साथ बैठें। पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी के तीन रूपों की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी, देवी महाकाली और देवी सरस्वती। इसादिन लोग भगवान गणेश और भगवान कुबेर को भी पूजते हैं। इस पूजा के बाद फल , मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद जरूर चढ़ाना चाहिए। मंदिर को ताजे फूलों खासतौर से लाल गुलाब और कमल से सजाएं। कपूर, धूप या अगरबत्ती जलाएं। इस दौरान आरती करें, घंटी बजाएं और मंत्रों का जाप करें। ये सभी परमात्मा के आर्शीवाद के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान हैं।
धनतेरस की पूजा विधि मंत्र के साथ – Dhanteras puja vidhi 2021
शाम को परिवार के लोग एकत्रित होते हैं और पूजा शुरू करते हैं। सबसे पहले शुरू होती है भगवान गणेश की पूजा।
उन्हें सबसे पहले स्नान कराते हैं और चंदन के लेप से उनका अभिषेक करते हैं। भगवान को एक लाल कपड़ा चढ़ाया जाता है और फिर भगवान गणेश की मूर्ति पर जाते फूल चढ़ाए जाते हैं। भक्त मंत्र जाप करते हैं और पूजा शुरू करने से पहले उनका आर्शीवाद लेते हैं।
धनतेरस पूजा मंत्र – Dhanteras puja mantra in Hindi
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि सम्प्रभ
निर्विघ्रं कुरूमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा
वक्रा टुनंदा महा काया सूर्या कोटि समाप्रभा
निर्विघ्रं कुरूमे देव सर्व कार्येषु सर्वदा
इसके बाद आयुर्वेद के संस्थापक धन्वतरि की पूजा की जाती है। लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। भगवान धन्वंतरि की मूर्ति का सिंदूर से सनान और अभिषेक करने के बाद भगवान को 9 प्रकार के अनाज का भोग लगाया जाता है।
इस दौरान लोग मंत्र का जाप करते हैं –
ओम नमो भगवते महासुदर्शन वासुदेवाय धन्वंतराय अमृतकलश हस्ताय सर्व भय विनासय सर्व अमाया निवरानय त्रि लोक्य पथये, त्रिलोक्य निधाये श्री महाविष्णु स्वरूप श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषत चक्र नारायण स्वाहा।।
भगवान कुबेर की पूजा- भगवान कुबेर को फल, धूप, फूल , मिठाई और दीया चढ़ाया जाता है। लोग इस दौरान मंत्र बोलते हैं।
यक्ष्य कुबेरय वैश्रवणय धनधान्यदि पदाय:
धन धन्य समृद्धिं में देहि दपया स्वाहा
मां लक्ष्मी की पूजा
प्रदोष काल के दौरान जो सूर्यास्त के बाद का समय है इस समय धनतेरस की पूजा की जाती है। अनुष्ठान शुरू करने से पहले कपड़े के बीच में मुठ्ठी अनाज के साथ कपड़े का एक टुकड़ा फैलाया जाता है। कपड़े को किसी पटे या स्टूल पर बिछाना चाहिए। आधा पानी से भरा कलश, सुपारी, एक फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने भी साथ में रखे जाते हैं। कलश में लोग आम के पत्ते भी रखते हैं।
अनुष्ठान के अनुसार, अनाज के ऊपर हल्दी से एक कमल खींचा जाता है और देवी लक्ष्मी की मूर्ति को अनाज के ऊपर रखा जाता है। भगवान गणेश की मूर्ति भी रखी जाती है और व्यवसायी अपनी बही खाते मूर्ति के पास रखते हैं। भक्त दीप जलाते हैं और देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ कलश को फूल, हल्दी, सिंदूर चढ़ाते हैं। इस दौरान लोगों को मंत्र बोलना चाहिए।
ओम श्रीं हीं कमले कमले कमलालये प्रसीद श्रीं हीं श्रीं महालक्ष्मीये नमं:।
इसके बाद एक थाली लेकर लक्ष्मीजी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद देवी को चंदन का पेस्ट केसर का पेस्ट, इत्र, हल्दी, गुलाल और अबीर का भोग लगाया जाता है। परिवार के सदस्य हाथ जोड़कर सफलता, समृद्धि , सुख और कल्याण के लिए देवी से प्रार्थना करते हैं।
धनतेरस के अचूक 13 उपाय और टोटके – Dhanteras ke upay in hindi
कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को खुश करने के लिए पूजन के बाद रात को 21 चावल के दाने लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख देना चाहिए। इससे आपके पास कभी धन की कमी नहीं होती।
– धनतेरस के दिन सफेद कपड़ा, चीनी, बताशा, खीर , चावल जैसी सफेद वस्तुओं का दान करने से कभी धन की कमी नहीं होगी और जमा-पूंजी बढ़ेगी।
धनतेरस के घरेलू उपाय – Dhanteras ke gharelu upay
– जिनके घर में पैसों की कमी होती है, उन्हें धनतरेस से लेकर दिवाली तक एक लौंग का जोड़ा जरूर चढ़ाना चाहिए।
– कहते हैं कि धनतेरस के दिन सोना खरीदा जाता है, लेकिन अगर आप ये नहीं खरीद सकते तो पीली कड़ाही या फिर धनिया खरीद लें। धनतेरस के दिन धनिया खरीदने से धन की हानि नहीं होती।
– इस दिन अगर आपके दरवाजे पर कोई गरीब या भिखारी आए, तो उसे खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए। कुछ न कुछ जरूर दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको समृद्धि का आशीष देती हैं।
धनतेरस पूजा के उपाय – Dhanteras ke achuk upay
– धनतरेस की पूजा के पहले और बाद में दक्षिणवर्ती शंख में जल भरकर घर के चारों कोनों में छिड़क दें। इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
– माना जाता है कि इस दिन अपने परिवार के सदस्यों के लिए तोहफे खरीदने चाहिए। ध्यान रखें बाहर वालों के लिए कोई उपहार न खरीदें।
धनतेरस पर सोना खरीदने की प्रथा
आखिर धनतेरस पर लोग क्यों खरीदते हैं सोना?
सालभर भले ही लोग सोना, चांदी न खरीदते हों, लेकिन धनतेरस पर सोना, चांदी, सेाने के सिक्के, चांदी की कटोरी, चम्मच , गिलास और चांदी की लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने की प्रथा है। कई चीजों के लिए खरीदने के लिए हिंदू लोग मुहूर्त पर भरोस करते हैं। ऐसे में पुक्ष्य नक्षत्र और धनतेरस दो ऐसे मौके हैं, जब व्यक्ति बिना किसी मुहूर्त के सोना चांदी खरीद सकता है। पुक्ष्य नक्षत्र ज्यूपिटर द्वारा शासित किया जाता है और यह देवी लक्ष्मी का बर्थ स्टार भी है। इसलिए इस दिन समृद्धि की देवी को घर लाना और भी शुभ माना जाता है। अगर पुक्ष्य नक्ष्त्र गुरूवार को पड़ता है, तो इसे गुरू पुक्ष्य नक्षत्र योग कहते हैं और अगर यह रविवार के दिन होता है तो इसे रवि पुक्ष्य योग कते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार दोनों ही समय में गोल्ड खरीदना शुभ होता है।
धनतेरस पर लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय और वास्तु टिप्स – dhanteras par laxmi prapti ke upay aur vastu tips
धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान गणेश के बाईं ओर रखें, जबकि सरस्वती को दाईं ओर रखना चाहिए। ध्यान रखें, सभी मूर्तियां बैठने की मुद्रा में होनी चाहिए।
– अपने घर के सभी कोनों में नमक के पानी का छिड़काव करें, क्योंकि यह नकारात्मकता को अवशोषित करता है और वातावरण को शुद्ध करता है।
– दीपावली में गुग्गल धूप जलाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे पर्यावरण में शांति आती है।
– धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा के लिए गहरे रंग के कपड़े न पहनें। यह अशुभ माने जाते हैं।
– इस पूजा के दौरान लड्डू के अलावा चावल की खीर को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।
– पूजा के बाद देवी लक्ष्मी को कमल का भोग लगाएं। यह घर के लिए बहुत भाग्यशाली माना जाता है।
धनतेरस पर घर को सजाने के टिप्स – Dhanteras par ghar ko sajane ke tips in Hindi
मुख्य द्वार को सिंह द्वार कहा जाता है। इसलिए इसे खूब अच्छी तरह से सजाना चाहिए।
– दीएं न केवल मंदिर के पास जलाएं, बल्कि उन्हें मुख्य द्वार पर भी रखें।
– देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घर को रंगोली से सजाएं।
– प्रवेश द्वार पर तोरण लटकाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। बल्कि सौभाग्य और समृद्धि को न्यौता मिलता है।
– घर के मंदिर को हमेशा ताजे फूलों जैसे गेंदा, मोगरा और गुलाब से सजाएं। एक सफेद कागज पर कुमकुम के साथ शुभ लिखकर लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के पास रख दें।