अवसाद यानी डिप्रेशन क्या होता है? – What is Depression in Hindi आज हम आपको डिप्रेशन (Depression) के लक्षण (Symptoms) कारण (Causes) और इलाज (Treatment) के बारे में बताएंग। डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद कहा जाता है जो कि एक मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति को अत्यधिक दुःख, क्षति का एहसास होता है। कई बार व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा भी आ सकता है जिससे व्यक्ति का सामान्य जीवन प्रभावित होता है। यह बहुत ही सामान्य स्थिति है। एक शोध के अनुसार यह पता चला है कि अमेरिका में बीस वर्ष के युवाओं में 8.1 युवा डिप्रेशन का शिकार होते हैं। डिप्रेशन व्यक्ति को अलग-अलग तरह से महसूस होता है। यह आपके रोजाना के कार्यों को भी प्रभावित करता है . इसके कारण व्यक्ति के समय की अधिक बर्बादी होती है और काम भी कम हो पाता है। इससे व्यक्ति के निजी रिश्ते भी प्रभावित होते हैं साथ ही डिप्रेशन का बहुत अधिक प्रभाव स्वास्थ्य स्थितियों पर भी पड़ता है। ऐसी स्थितियां जो कि डिप्रेशन के कारण और अधिक खराब हो सकती हैं उनमें निम्न शामिल हैं आर्थराइटिस अस्थमा कार्डियोवैस्कुलर रोग कैंसर डायबिटीज मोटापा यह समझना और महसूस करना बेहद जरूरी है कि जीवन में दुःख महसूस करना जीवन का एक अंग है। दुखद घटना सभी के जीवन में होती है। लेकिन अगर आप लगातार ना उम्मीद महसूस कर रहे हैं तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन के शिकार हैं। डिप्रेशन को एक गंभीर मानसिक स्थिति माना जाता है जो कि सही इलाज न मिलने के कारण और अधिक खराब हो सकती है। जो लोग डिप्रेशन का ट्रीटमेंट लेते हैं उनके लक्षणों में कुछ हफ्तों में ही सुधार दिखाई देने लगता है। डिप्रेशन दुनियाभर में बहुत ही सामान्य स्थिति है, इससे लगभग 264 मिलियन लोग प्रभावित हैं। डिप्रेशन सामान्य मूड स्विंग या मन में थोड़े समय के लिए रहने वाली भावनाओं से बहुत अलग होता है। यदि डिप्रेशन लंबे समय से और अलग-अलग गंभीरता के साथ व्यक्ति को प्रभावित करता है तो यह स्वास्थ्य स्थिति बन सकता है। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति घर पर ऑफिस में या स्कूल में ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता है। डिप्रेशन की अधिकता में व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है। विश्व भर में एक साल में आठ लाख लोग आत्महत्या से मरते हैं जिसका सबसे कारण आत्महत्या है। 15-29 वर्ष के युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है। हालांकि मानसिक विकारों के लिए कई प्रभावकारी ट्रीटमेंट हैं लगभग 76 प्रतिशत गरीब देशों के लोगों तक डिप्रेशन की दवाएँ पहुंच नहीं पाती हैं। अच्छी तरह से केयर करने के लिए जरूरी स्रोत, संसाधन, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और बाहरी तनाव के कारण मानसिक रोगों का इलाज नहीं हो पाता है। दुनियाभर के देशों में डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों का इलाज ठीक तरह से नहीं हो पाता है और साथ ही वे लोग जिन्हें डिप्रेशन नहीं भी होता है उन्हें एंटी डिप्रेस्सेंट दी जाती हैं। डिप्रेशन व अन्य मानसिक स्थितियों का भार आज विश्व भर में बढ़ता जा रहा है। जीवन की बड़ी घटनाएँ जैसे किसी प्रेमी का छोड़ कर चले जाना, किसी प्रिय का बिछड़ना, नौकरी छूटना आदि के कारण व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि यदि दुःख लंबे समय तक बना रहता है तो यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है। डिप्रेशन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है न कि गुजरने वाली। यह भिन्न एपिसोड या भिन्न भागों में व्यक्ति को प्रभावित करती है जिसके लक्षण दो हफ्तों तक दिखाई दे सकते हैं। डिप्रेशन कुछ हफ़्तों, महीनों या सालों तक भी चल सकता है। इसमें व्यक्ति को अकेलापन महसूस होता है। व्यक्ति सबके साथ रह कर भी अलग-थलग महसूस करता है। आइये डिप्रेशन के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तृत रूप से जानें। डिप्रेशन का लक्षण – Depression Symptoms in Hindi हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी दुःख महसूस होता है लेकिन कभी-कभी यह कुछ दिनों तक रहता है और फिर ठीक हो जाता है। डिप्रेशन इन सभी से अलग होता है। यह आपके पूरी जीवनशैली को प्रभावित करता है और जीवन को और मुश्किल बना देता है। आपको ठीक होने के लिए इलाज की और काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है। डिप्रेशन के कई सारे संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे सभी लक्षण आपको भी दिखाई दे। प्रत्येक व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण अलग हो सकते हैं और अलग तरह की गंभीरता से व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं। डिप्रेशन में क्या होता है – Depression mein kya hota hai दुखी, खाली और बेचैन। ये भावनाएं व्यक्ति के मन में बनी रहती हैं और जीवन में ख़ालीपन का एहसास होता है। बहुत से लोगों के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस करना। किसी बात का अत्यधिक बुरा लगना, लाचार, बेसहारा और बेबस महसूस करना। व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में बुरा महसूस हो सकता है। हो सकता है कि व्यक्ति अपने जीवन के बारे में बहुत अधिक सोचता हो। बेबस महसूस करना। हो सकता है कि व्यक्ति बहुत निराश महसूस करे और उसे हर समय यही लगता रहे कि उसके जीवन में कुछ अच्छा नहीं होने वाला है। व्यक्ति को इस समय आत्महत्या के ख्याल भी आते रहते हैं। चिड़चिड़ापन। व्यक्ति अत्यधिक चिड़चिड़ा हो सकता है या फिर सामान्य से अधिक गुस्सा कर सकता है। किसी भी काम में मन न लगना। किसी भी खेल या हॉबी को न कर पाना। हो सकता है कि व्यक्ति के खाने-पीने, खेलने और सेक्स तक की इच्छा खत्म हो जाए। ऊर्जा की कमी। व्यक्ति में कुछ भी नया करने की इच्छा और ऊर्जा न होना भी डिप्रेशन का एक संकेत हो सकता है। रोजाना के कार्य और अन्य काम को करना बहुत बोझिल लगे। साथ ही व्यक्ति बहुत थका हुआ भी महसूस कर सकता है। ध्यान लगाने में परेशानी। हो सकता है कि व्यक्ति को अपना ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो। सामान्य कार्य जैसे अखबार पढ़ना, टीवी देखना आदि में भी मन न लगना। व्यक्ति को कोई भी निर्णय लेने में भी परेशानी हो सकती है। साथ ही हो सकता है कि व्यक्ति को कुछ भी याद न रहे। स्लीपिंग पैटर्न में गड़बड़ी। हो सकता
