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एम.एस धोनी और केदारनाथ जैसी हिट फिल्मों के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने की ख़ुदकुशी 

2020 में जहां चारों-तरफ कोविड-19 का कोहराम मचाया हुआ है वहीं बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के निधन हो रहे हैं। पूर्व टीवी एक्टर और बहुत ही प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने मुंबई के बांद्रा में मौजूद अपने घर में ख़ुदकुशी की है। सुशांत ने अपने घर में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की है। यह खबर बहुत ही चौंकाने वाली है। खबरों के मुताबिक सुशांत पिछले छह माह से डिप्रेशन के शिकार थे। सुशांत की मौत से एक हफ्ते पहले ही उनकी मैनेजर दिशा सालियन ने भी मुंबई के एक अपार्टमेंट से कूद कर अपनी जान दी थी। उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया गया है। डिप्रेशन की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है।  सुशांत की मृत्यु एक बड़ा चौंकाने वाला वाक़या है। पिछले दो माह में बॉलीवुड की यह चौथी मौत है। इससे फिल्म जगत व उनके फैन ग़मगीन हैं। सुशांत की उम्र 34 वर्ष थी। बीती रात वे अपने दोस्तों के साथ थे। अब उनके दोस्तों से पूछताछ की जा रही है। सुशांत सिंह राजपूत पटना,बिहार के रहने वाले हैं।  छिछोरे फिल्म में अपने बेटे को ख़ुदकुशी करने से रोकने के लिए जीवन के संघर्ष की कहानी बताते सुशांत खुद जिंदगी के संघर्ष की जंग हा   र गए। यह बेहद स्तब्ध कर देने वाली खबर है।  सुशांत ने बॉलीवुड में काई पो चे फिल्म से डेब्यू किया था जो कि एक हिट फिल्म थी। सुशांत को छोटे पर्दे के धारावाहिक पवित्र रिश्ता के माध्यम से अधिक प्रसिद्धि मिली। सुशांत धोनी के बड़े फैन थे और यह अंदाज़ा एम एस धोनी उनकी बेहतरीन अदाकारी से लगाया जा सकता है। उनकी आखिरी फिल्म छिछोरे थी जो एक बहुत बड़ी हिट फिल्म है और  ख़ुदकुशी पर ही आधारित थी। सुशांत की प्रत्येक फिल्म में एक मैसेज हुआ करता था चाहे वह पीके, एमएस धोनी, काई पो चे या फिर छिछोरे हो। उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक में शानदार अभिनय के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी दिया गया था। सूत्रों के अनुसार वे डिप्रेशन के शिकार थे। इससे पहले भी बॉलीवुड के कई कलाकारों ने ख़ुदकुशी की है। यह बात तो बिलकुल साफ़ है कि चकाचौंध से अलग भी एक दुनिया होती है जहां पैसा और प्रसिद्धि काम नहीं आती है। यह बात उनके आखिरी इंस्टाग्रम पोस्ट से साफ़ होती है जिसमें उन्होंने अपनी मां की तस्वीर को साझा करते हुए धुंधले  अतीत और क्षणभंगुर जीवन की बात कही है। बता दें सुशांत की माता का साल 2002 में ही निधन हो गया था।  बॉलीवुड अपना शोक ट्विटर के माध्यम से जता रहा है। अनुपम खेर जिन्होंने एमएस धोनी में सुशांत के पिता का किरदार निभाया लिखते हैं – “मेरे प्यारे सुशांत आखिर, क्यों, क्यों”  सतीश कौशिक लिखते हैं “बहुत दुखद आखिर तुमने यह क्यों किया सुशांत”   

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अश्वगंधा क्या होता है जाने इसके उपयोग, विधि और नुकसान – Ashwagandha Benefits and Side Effects in Hindi

अश्वगंधा क्या होता है? – What is Ashwagandha in Hindi अश्वगंधा एक प्राचीन जड़ी बूटी है जिसे कई वर्षों से आयुर्वेद में इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस आयुर्वेदिक औषधि को एडाप्टोजेन वर्गीकृत किया गया है जिसका अर्थ होता है शरीर के स्ट्रेस को कंट्रोल करना। अश्वगंधा शरीर और मस्तिष्क को कई प्रकार के फायदे पहुंचाता है। जिसमें एंग्जायटी और डिप्रेशन को कम करना भी शामिल है। इसके साथ ही यह आयुर्वेदिक मेडिसन मस्तिष्क के कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने, ब्लड शुगर को कम करने और कोर्टिसोल के स्तर को नियमित करने में मदद करती है। आज हम आपको इस लेख में बताएंगे – अश्वगंधा के फायदे, अश्वगंधा के गुण, अश्वगंधा कैप्सूल के लाभ, पतंजलि अश्वगंधा पाउडर के फायदे, अश्वगंधा के नुकसान, अश्वगंधा के साइड इफेक्ट्स, अश्वगंधा में परहेज, अश्वगंधा का सेवन विधि, अश्वगंधा का सेवन कब करें, अश्वगंधा को कैसे खाये, अश्वगंधा को कैसे खाना चाहिए, अश्वगंधा को कैसे इस्तेमाल करें, अश्वगंधा को कैसे यूज़ करें, अश्वगंधा को कैसे पहचाने, अश्वगंधा और दूध के लाभ, अश्वगंधा के पत्ते कैसे होते हैं, अश्वगंधा के बीज का उपयोग, अश्वगंधा शतावरी के फायदे, अश्वगंधा का पौधा, अश्वगंधा की पहचान और अश्वगंधा की कीमत। अश्वगंधा खाने के फायदे – Benefits of Ashwagandha in Hindi अष्वगंधा एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसके कई सारे फायदे हैं। यह संपूर्ण शरीर, मांसपेशियों, शुक्राणुओं और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से व्यक्ति ऊर्जावान बनता है जिससे उनकी सेक्स लाइफ को भी बेहद फायदा पहुंचता है। इस औषधि को 3000 सालों से स्ट्रेस कम करने, ऊर्जा बढ़ाने और एकाग्रता को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अश्वगंधा संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है घोड़े की सुगंध। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी महक घोड़े जैसी होती है व यह घोड़े जैसी शक्ति भी प्रदान करता है। इस औषधि को चीन की मशहूर चिकित्सक व प्राचीन जड़ी बूटी के नाम से भी जाना जाता है – भारतीय जिनसेंग। तो चलिए अब जानते हैं कि आखिर अश्वगंधा आपके स्वास्थ्य को किस प्रकार के फायदे पहुंचाता है – अश्वगंधा के आयुर्वेदिक गुण – Ashwagandha ke Ayurvedic Fayde अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है जिसमें कई गुण मौजूद हैं। अपने ऊर्जावान गुणों के चलते इसे आयुर्वेद में प्राथमिक दवा का दर्जा दिया गया है। बालों को घना और काला बनाने से लेकर इसके कई गुण यौन स्वास्थ्य को मजबूत और ताकतवर बनाने में मदद करते हैं। अश्वगंधा के गुण आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। यह हृदय, गुर्दे, लिंग, लिवर, चयापचय, कामोत्तेजना, कैंसर, डिप्रेशन, संक्रमण, मोतियाबिंद, चोट, मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। अश्वगंधा के इन गुणों पर कई शोध भी किए जा चुके हैं। जिनके अनुसार रोजाना नियमित रूप से इसका सेवन करने से व्यक्ति को अत्यधिक ऊर्जा मिलती है और साथ ही संभोग करने की प्रकियाओं में वृद्धि होती है। अश्वगंधा के गुण एनीमिया की स्थिति से भी छुटकारा दिलाते हैं। इसके सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं भी बढ़ोत्तरी होती है जिससे शरीर के सभी ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंच पाती है। अश्वगंधा के ऐसे ही कई सारे फायदे हैं जिनके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। अश्वगंधा का सेवन डायबिटीज के पेशेंट को भी फायदा पहुंचता है। अध्ययनों के अनुसार रोजाना अश्वगंधा का सेवन करने से लोगों में खाना खाने के बाद होने वाली ब्लड शुगर लेवल में कमी आती है जिससे मधुमेह के लक्षण कम होने लगते हैं। अगर आपको लगता है कि आप में अत्यधिक मीठा खाने की वजह से डायबिटीज होने का खतरा है तो जल्द ही अश्वगंधा पाउडर का सेवन शुरू कर दें। शुद्ध अश्वगंधा पाउडर व कैप्सूल आर्डर करने के लिए यहां क्लिक करें – अश्वगंधा चूर्ण के फायदे – Ashvgandha Powder ke Fayde अश्वगंधा के चूर्ण (Ashwagandha powder) में भी वही आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो इसके सामान्य पत्तों व कैप्सूल और अन्य सप्लीमेंट्स में पाए जाते हैं। अश्वगंधा चूर्ण को यौन स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। रोजाना इसके एक चम्मच सेवन से व्यक्ति को ऊर्जा व शक्ति प्राप्त होती है जिससे उसकी सेक्स करने की क्षमता में वृद्धि आती है। प्राचनी काल के आयुर्वेद में अश्वगंधा को कामोतेजना बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके इन्हीं गुणों व कारगर फायदों के चलते मॉडर्न समय के डॉक्टर भी यौन समस्याओं को ठीक करने के लिए इसका इस्तमाल करते हैं। अगर आप शीघ्रपतन, स्टैमिना की कमी व अपने पार्टनर को संतुष्ट करने में सक्षम नहीं हैं तो तुरंत अश्वगंधा चूर्ण आर्डर करें और कल ही से इसका सेवन शुरू करें। पतंजलि से बेहतर व सस्ता अश्वगंधा चूर्ण मगवाने के लिए यहां क्लिक करें। थायराइड के लिए अश्वगंधा का सेवन – Ashwagandha Benefits in Thyroid in Hindi थायराइड हमारे गले के निचे एक फूल जैसा दिखने वाला अंग होता है जो मेटाबोलिज्म, हड्डियों के स्वास्थ्य और वृद्धि में मदद करता है। थायराइड के दो मुख्य विकार होते हैं – हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म। लोगों पर किए गए अध्ययनों के अनुसार अश्वगंधा दोनों ही प्रकार के थायराइड को कम करने में मदद करता है। इसके 8 हफ्तों तक सेवन करने से थाइरोइक्सिन के स्तर में कमी आती है व स्ट्रेस भी कम होने लगता है। मनुष्यों पर अभी अधिक अध्ययन नहीं किए गए हैं जिसके कारण थाइराइड के लिए अश्वगंधा का सेवन करना कितना फायदेमंद है इस बात की पुष्टि करना मुश्किल है। प्रतिरक्षा प्रणाली में अश्वगंधा कैप्सूल के फायदे – Benefits of Ashwagandha for Immunity in Hindi इम्यून सिस्टम एक ऐसी चीज है जिसके मजबूत रहने से व्यक्ति को कई सारे संकरण और बैक्टीरिया कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते। भारत में कई वर्षों से प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके इन्हीं फायदों व गुणों के चलते इस औषधि पर कई अमेरिकी कंपनियों ने शोध किए। जिनके परिणाम स्वरुप यह पाया गया कि अश्वगंधा से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग करने में मदद मिलती है। अश्वगंधा के नियमित सेवन से लाल व सफेद रक्त कोशिकाओं को भी फायदा पहुंचता है। इनमें वृद्धि आने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है। अश्वगंधा के सही इस्तेमाल

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गर्भ में लड़की हो तो मिलते हैं ये संकेत, ऐसे करें लड़की होने के लक्षण की पहचान

[simple-author-box] डॉक्टर से बात करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर दर्ज करें [rainmaker_form id=”812″] गर्भ में लड़की पैदा होने के कई लक्षण व संकेत होते हैं जिनकी मदद से आप यह पता लगता सकते हैं की आपका बच्चा लड़का है या लड़की। गर्भावस्था में लड़का होगा या लड़की? इस बात को लेकर कई लोगों के मन में सवाल आते हैं। बहुत कपल इस बात का पता लगाने के लिए अल्ट्रा साउंड का भी इस्तेमाल करते हैं जो की गैर कानूनी माना जाता है। हालांकि, अगर आप गर्भ में पानी नन्ही सी बच्ची की पहचान करना चाहते हैं तो इन प्राकृतिक लक्षणों व संकेत की मदद से ऐसा कर सकते हैं। बहुत से कपल कंसीव करने से पहले ही बच्चे के लिंग के बारे में सोचना शुरू कर दते हैं। कई माता-पिता चाहते हैं की उनका बच्चा लड़का हो तो कई की चाह होती है कि उनके घर में एक नन्ही सी परी जन्म ले। बता दें की गर्भधारण के कुछ हफ्तों बाद से ही आप प्रेगनेंसी के विभिन्न लक्षणों की मदद से यह पता लगा सकते हैं कि आपके शिशु का लिंग क्या होगा। तो चलिए जानते हैं गर्भ में लड़की पैदा होने के लक्षण क्या होते हैं। और पढ़ें – प्रेग्नेंट होने की बेस्ट सेक्स पोजीशन – Best position to get pregnant in Hindi लड़की पैदा होने के लक्षण क्या होते हैं? – Ladki Paida Hone Ke Lakshan in Hindi गर्भ में लड़की पैदा होने के संकेत को लेकर कई अध्ययन किए जा चुके हैं। जो इस बात की पुष्टि करते हैं की कुछ साधारण से लक्षणों की मदद से इस बात को निर्धारित किया जा सकता है कि आपका शिशु लड़की होगा या लड़का। लड़की पैदा होने का पहला संकेत जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान अधिक मूड स्विंग्स (लगातार व्यवहारिक बदलाव) आते हैं उनके लड़की होने की संभावना अधिक होती है। इसके पीछे बेहद लॉजिकल कारण है। महिलाओं के अधिक मूडी होने की वजह उनके एस्ट्रोजन में बढ़ोत्तरी होती है। गर्भ में लड़की के होने से ही एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि किसी स्टडी द्वारा नहीं की गई है। और पढ़ें – जुड़वा बच्चे होने के लक्षण, कारण, कैसे पैदा होते हैं गर्भ में लड़की पैदा होने का दूसरा लक्षण अगर गर्भ में पल रहे शिशु की दिल की धड़कन ज्यादातर समय तेज रहती है तो इसका मतलब है की आपके घर नन्ही सी बच्ची आ सकती है। लड़कों के मुकाबले गर्भ में लड़कियों के दिल की धड़कन तेज होती है। इस संकेत का पता आप अल्ट्रासाउंड से लगा सकते हैं। अगर बच्चे के दिल की धड़कन 140 प्रति मिनट से ज्यादा होती है तो यानी की लड़की पैदा होने की संभावना ज्यादा है। लड़की पैदा होने का तीसरा सटीक लक्षण आप लहसुन की मदद से घर पर ही लड़की पैदा होने के संकेत का पता लगा सकते हैं। अगर लहसुन का सेवन करने के बाद आपके शरूर की महक बदल जाती है तो इसका संकेत है कि आपके गर्भ में लड़की पल रही है। और पढ़ें – सेक्स से जुड़े 10 मिथक, जिन्हें मान बैठें हैं आप सच पेट में लड़की होने का चौथा लक्षण जिन महिलाओं के गर्भ में लड़की पल रही होती है उनको खट्टी चीजे खाने की बजाए मिट्ठी चीजे खाने की क्रेविंग (लालसा) होती है। यदि आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान मिठाई खाने का मन करता है तो यह लड़की होने का संकेत है। गर्भ में लड़का होगा या लड़की इस विषय को लेकर फिलहाल अधिक परीक्षण व अध्ययन नहीं किए गए हैं। जिसके कारण गर्भ में बच्चे का पता लगाने के लिए सबसे बेहतर रहता है कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका शिशु लड़का होगा या लड़की तो यहां क्लिक करें और डॉक्टर से सलाह लें – डॉ. पूनम मल्होत्रा (गायनोकॉलोजिस्ट – महिलाओं की चिकित्स्क) अन्य लेख लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय लिंग मोटा, लंबा और बड़ा करने का तरीका – Ling mota, lamba aur bada karne ka tarika in Hindi क्या दो कंडोम से प्रेगनेंसी से बचा जा सकता है? योनि में इन्फेक्शन और खुजली के लक्षण, कारण और इलाज – Vaginal Itching and Infection in Hindi

जुड़वा बच्चे होने के लक्षण, कारण, कैसे पैदा होते हैं

[simple-author-box] डॉक्टर से बात करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर दर्ज करें [rainmaker_form id=”812″] जुड़वा बच्चे लगभग हर किसी को पसंद होते हैं। बहुत से कपल जुड़वे बच्चे पैदा करने के कई प्रयास भी करते हैं। ऐसा नहीं है की इसमें किसी प्रकार की बुराई या नुकसान हो। हालांकि, जुड़वा बच्चा पैदा करना गर्भवती महिला के लिए खतरनाक हो सकता है। गर्भ में एक साथ दो बच्चे होने से गर्भावस्था संबंधित जटिलताओं की आशंका बढ़ जाती है। इन जोखिम को जानने के बाद भी कई कपल ऐसे होते हैं जो फिर भी जुड़वा बच्चों की चाह रखते हैं। अगर आप भी उन्हीं कपल में से हैं तो बता दें की आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की जुड़वा बच्चे कैसे पैदा करें और इसके लक्षणों को कैसे पहचाने? जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं और उनके प्रकार – Judwa Bache Kaise Paida Hote Hai in Hindi जुड़वा बच्चे मुख्य रूप से दो प्रकार के ही होते है। पहला एक सामान दिखने वाले और एक जैसे न दिखने वाले। एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चों की संभावना एक जैसे न दिखने वालो से कम होती है। 1/3 मामलों में दोनों बच्चे एक जैसे दीखते हैं। एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चे (मोनोजायगोटिक ट्विन्स) कैसे पैदा होते हैं? जब स्पर्म एक अंडे से फर्टिलाइज (निषेचित) होता है लेकिन बाद में अलग हो जाता है। तो एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चों का निर्माण होता है। इन दोनों बच्चों का लिंग एक ही होता है। दोनों या तो लड़के होंगे या लड़कियां। और पढ़ें – लिंग का टेढ़ापन क्या होता है? जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और घरेलु उपाय एक जैसे न दिखने वाले जुड़वा बच्चे (डायजाइगॉटिक ट्विन्स) कैसे पैदा होते हैं? इस स्थिति में स्पर्म दो अलग-अलग अंडो में फर्टिलाइज होते हैं। जन्म के बाद बच्चों की शक्ल अलग होती है और इनका लिंग व एक जैसा हो सकता है। इस प्रकार के जुड़वा बच्चों की संभावना अधिक होती है। जुड़वा बच्चे होने का कारण क्या है? – Judwa Bacche Kaise Paida Kare जुड़वा बच्चे होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में निम्न परिस्थितियों में जुड़वा बच्चा होने की संभावना अधिक होती है – नस्ल (Breed) – अनुवांशिकता की ही तरह आपकी नस्ल का भी जुड़वा बच्चे पैदा करने पर असर पड़ता है। अफ्रीकी नस्ल के  लोगों में अन्य प्रजातियों के मुकाबले जुड़वा बच्चे होने की संभावना अधिक होती है। अनुवांशिकता – अगर आप या आपके परिवार में कोई जुड़वा है तो आपके जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही आपके पार्टनर के ट्रेट भी इसमें एक सामान मायने रखते हैं। शारीरिक गुण और उम्र – जिन महिलाओं की लंबाई अधिक होती है उनमें जुड़वा बच्चे होने की ज्यादा उम्मीद होती है। इसके साथ ही पतली महिलाओं में दो बच्चे होने की संभावना कम रहती है। सही पोषण और स्वास्थ्य वाली महिलाओं में जुड़वा बच्चे होने की संभावना अधिक होती है और साथ ही उनमें गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम भी कम रहता है। और पढ़ें – सेक्स से जुड़े 10 मिथक, जिन्हें मान बैठें हैं आप सच जुड़वा बच्चे पैदा करने का उपाय – Judwa Bacche Paida Karne Ke Upay दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन गर्भनिरोधक दवाओं से परहेज स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में अधिक संभावना पुरुष का जिंक युक्त आहार का ज्यादा सेवन करना जुड़वा बच्चे पैदा करने का तरीका और विधि – Judwa Bacche Paida Karne Ka Tarika माना जाता है कि कुछ विशेष प्रकार की यौन मुद्राओं की मदद से जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप जुड़वा बच्चे पैदा करने का तरीका चाहते हैं तो निम्न कुछ खास पोजीशन अपनाएं – मिशनरी पोजीशन स्टैंडिंग अप साइड बाय साइड डॉगी स्टाइल या पीछे से संबंध बनाना और पढ़ें – प्रेग्नेंट होने की बेस्ट सेक्स पोजीशन – Best position to get pregnant in Hindi जुड़वा बच्चे पैदा करने का अचूक उपाय – Judwa Bacche Paida Karne Ka Achuk Upay अगर आप जुड़वा बच्चों की बेहद चाह रखते हैं तो आप आईवीएफ तकनीक का भी उपयोग कर सकते हैं। आईवीएफ यानी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया होती है जो शरीर के बाहर लैब में जुड़वा बच्चों का निर्माण करते हैं। इसके बाद अंडो को गर्भाशय में प्रवेश करवाया जाता है। आईवीएफ से जुड़वा बच्चे होने की संभावना सबसे अधिक होती है। अधिक जानकारी के लिए हमारे डॉक्टर से संपर्क करें – डॉक्टर से बात करने के लिए यहां क्लिक करें [simple-author-box] [rainmaker_form id=”812″]

हिन्दू लड़को व लड़कियों के लोक्रप्रिय और यूनिक नाम

आज के युग में माता पिता बच्चों का नाम रखने में काफी खोजबीन करते हैं हर पैरेंट्स की चाहत होती हैं की उसके बच्चे का नाम सबसे अनोखा और अर्थ पूर्ण हो। आज आपकी इस ख्वाइश को पूरा करने में हम आपकी मदद करेंगे। हम आपको बेबी गर्ल और बेबी बॉय के कुछ ऐसे नामो की सूची बताएँगे जो आज के युग में काफी पसंद किये जाएँगे। माता पिता बनने की चाह हर परिवार को होती है। जब आपको इस बात की खबर मिलती हैं की आपकी दुनिया में एक नन्हा मेहमान आपके जीवन में आने वाला हैं आपके जीवन में एक ख़ुशी की लहर सी आ जाती हैं.आप ही नहीं बल्कि आपके परिवार वाले भी आपको बहुत से नामो के सुझाव देने लगते हैं। ये खुशख़बरी मिलते ही आप सोचने लग जाते हैं की लड़का होगा तो ये नाम रखेंगे और अगर लड़की होगी तो उसके लिए ये नाम बहुत प्यारा होगा। जो नाम सबसे ज़्यादा प्रचलित होंगे 2020 उन नामो के हम आपको सुझाव देते हैं। हिन्दू लड़कों के यूनिक नाम लड़कों के नाम में आर्य, अभिलाष, अरहान,आदित्य और अरमान इस साल भी काफी ट्रैंड में रहने वाले हैं। जबकि कुछ नाम इस प्रकार हैं। चिराग – दीपक देवांश – देवो का अंश चैत्य – मन की इच्छा पूरी करना, आत्मा बादल – अबर दर्शित – सम्मान पाने वाला अबान – फरिश्ते का नाम अभीभावा – शक्तिशाली दिविज – स्वर्ग में जन्मा हिन्दू लड़कियों के लिए लोकप्रिय नाम अदिरा – मजबूत कियारा – प्रिय चार्वी – खूबसूरत इला – धरती आलिया – उत्तम अनिशा – विशेष पंछी – पक्षी दिव्यांका – दिव्य नीना – सुंदर आँखे वैसे प्रिया, ख़ुशी, प्रेरणा, कनक पहले से ही बेबी गर्ल्स के लिए पसंदीदा नामों में टॉप पर रहने वाले हैं।

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बिना मेहनत किए एक हफ्ते में घटाएं वजन – Weight loss in one week in Hindi

आजकल की आधुनिक जिंदगी में सबसे बड़ी और खतरनाक बीमारी बनती जा रही है मोटापा। भागती-दौड़ती जिंदगी में अब हमारे पास इतना भी समय नहीं होता है कि हम स्‍वस्‍थ आहार और एक्‍सरसाइज़ कर पाएं और इसका नतीजा होता है बढ़ता हुआ वजन। कई लोग घर पर ही वजन घटाना (Weight loss at Home) चाहते हैं और ये संभव भी है। जिन लोगों के पास पैसा और खूब सारा वक्‍त होता है वो तो जिम जाकर वेट लॉस कर लेते हैं लेकिन जिनके पास पैसे और समय दोनों की ही कमी होती है उनके लिए प्राकृतिक वेट लॉस टिप्‍स (Natural Weight loss tips) बहुत कारगर साबित होते हैं। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह बिना मेहनत किए आप अपना मोटापा आसानी से घटा सकते हैं। वेट कम करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कुछ आदतों को कंट्रोल करना होगा। अगर आप ये कर पाने में सफल हो पाते हैं तो आपको वजन घटाने के उपाय करने की जरूरत नहीं है। तो चलिए जानते हैं वेट लॉस के लिए आपको किन आदतों को छोड़ना चाहिए। वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट जो लोग वेट लॉस करना चाहते हैं तो उन्‍हें ये बात समझनी चाहिए कि एक दिन में एक ही तरह का फूड बार-बार नहीं खाना चाहिए। जैसे कि अगर आपने नाश्‍ते में व्‍हाइट ब्रेड ली है तो फिर लंच या डिनर में चावल या जिसमें कार्बोहाइड्रेट हो उसे ना खाएं। इससे मोटापा नहीं बढता है। बींस और दाल से घटाएं वजन लो कैलोरी, फाइबर और प्रोटीन के लिए दालें और बींस को अपने आहार में शामिल करें। इससे शरीर की चर्बी कंट्रोल में रहती है और वेट लॉस होने लगता है। इसके अलावा आपका वजन घटाने वाले फल भी खा सकते हैं। बेहतरीन क्वालिटी और सस्ते दाम पर दाल खरीदने के लिए यहां क्लिक करें – Sampann Moong Split 500 कम नमक का इस्‍तेमाल वजन घटाने के के घरेलू उपाय में आहार में कम नमक का सेवन करना भी शामिल है। इसके अलावा प्रोस्‍टेट फूड्स भी कम या ना के बराबर खाएं। इनसे वेट बढ़ सकता है। इनकी जगह पोटाशियम के लिए केला और पालक खाएं। मैदा, शुगर जैसे रिफाइंड फूड्स भी कम खाएं क्‍योंकि ये बॉडी में पानी के जमाव को बढ़ाती हैं जिससे वजन बढ़ने लगता है। साधारण नमक की बजाए रसायन मुक्त नमक का इस्तेमाल करें – Puro Healthy Salt, 1kg (Pack of 2) वजन घटाने वाले व्‍यायाम रोज़ सुबह 30 मिनट की सैर करें। सूर्य मुद्रा योग, सूर्य नमस्‍कार, जुम्‍बा, स्‍वीमिंग, स्‍क्‍वॉयट और जैम कार्डियो एक्‍सरसाइज़ से वेट लॉस करने में मदद मिलती है। वजन घटाने के टिप्‍स – Weight loss tips Hindi अगर आप भी एक हफ्ते में वजन घटाने की सोच रहे हैं तो इस काम में ये टिप्‍स आपकी मदद कर सकते हैं: स्‍वस्‍थ काया और संतुलित वजन के लिए पर्याप्‍त नींद बहुत जरूरी है। हंसना सबसे अच्‍छी मोटापा घटाने की दवा है। जितना हो सके हंसे और वेट घटाएं। ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्‍म सिस्‍टम ठीक होता है इसलिए दिन में दो बार ग्रीन टी जरूर पीएं। ब्रेकफास्‍ट जरूर करें क्‍योंकि खाली पेट रहने से भी मोटापा बढ़ता है। ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी पीएं और 8 बजे से पहले डिनर कर लें। खाने से पहले फल खाएं। इन आसान नैचुरल टिप्‍स (Natural Weight loss tips) से घर बैठे आप कुछ ही दिनों में वजन घटा सकते हैं। अगर आप सच में ठान लें तो कोई काम मुश्किल नहीं है।

भारत में क्यों हो रहा है टिड्डियों का हमला? जाने आखिर क्या है वजह

जहां महामारी के इस दौर में पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है वहीं कई राज्यों में टिड्डी दल (Locust) का हमला हो रहा है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में टिड्डियों ने भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि अन्य राज्य पहले से ही इसकी तैयारी कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो 27 साल बाद टिड्डी दल का इतना खतरनाक हमला हुआ है। क्या है टिड्डी दल और क्यों कर रहे हैं वह हमला? टिड्डी एक प्रकार के परजीवी होते हैं जो ग्रासहोपर परिवार से संबंध रखते हैं। भारत के लिए अलावा इन परजीवियों का दल अन्य देशों जैसे अफ्रीका, पाकिस्तान और नेपाल में भी पाएं जाते हैं। देश भर के किसानों को इस हमले से बेहद नुकसान पहुंचा है और आशंका लगाई जा रही है की यह हमला आगे भी चल सकता है। टिड्डियों का हमला भारत व पाकिस्तान में नया नहीं है। इससे पहले भी हर वर्ष टिड्डियों का हमला होता रहा है। लेकिन इस बार घबराने वाली बात यह है कि लॉकडाउन के दौरान किसानो को अपनी फसलों को बचाने में कई नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल इस हमले का कारण है मौसमी फेर बदल। बारिश के मौसम में टिड्डी अत्यधिक प्रजनन करते हैं जिससे उनकी संख्या बेहद बढ़ जाती है। अधिक आबादी होने पर टिड्डियों का दल एक जगह से दूसरी जगह उड़ने लगता है। इनका अगला स्थान हवा की दिशा पर निर्भर करता है। बता दें की हवा की दिशा पाकिस्तान से भारत की ओर आ रही है जिसके कारण टिड्डी देश में प्रवेश कर चुके हैं। किन-किन राज्यों तक पहुंच चुके हैं टिड्डी टिड्डी दल पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर चुके हैं जिसके बाद वह हवा की दिशा के सहारे आगरा, मध्य प्रदेश में भी पहुंच चुके हैं। सूत्रों की माने तो इन राज्यों में टिड्डी दल अलर्ट जारी कर दिया गया है। पाकिस्तान से करीब 11 लाख टिड्डी भारत में आएं हैं जो की अब विभिन्न झुंड में बट चुके हैं। झुंड में बटने के कारण स्थिति से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन फसलों को पहुंचे गए नुकसान का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। पंजाब और हरियाणा की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले फ़िलहाल बेहतर है। कहां तक बढ़ सकता है खतरा कृषि विभाग को दादरी, सिरसा, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में टिड्डियों के हमले की चेतावनी दी गई है। मीडिया की माने तो गुरुवार सुबह टिड्डियों का हमला मुंबई तक पहुंच सकता था लेकिन हवा के चलते ऐसा नहीं हो पाया। गुजरात में टिड्डियों की भारी मात्रा होने के कारण बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र खासतौर से मुंबई में हमला होने की आशंका है। टिड्डी मुंबई के नमी भरे मौसम में जीवित रह सकते हैं। अब देखना ये होगा कि हवा का रुख बदलने पर टिड्डियों का ये दल आगे किस राज्य को अपना शिकार बनाता है।

भारतीयों की इन आदतों को अपनाने से दुनिया से मिट सकते हैं रोग

दुनियाभर में भारतीय संस्‍कृति को बहुत सम्‍मान दिया जाता है लेकिन यहां के लोगों की कुछ आदतें विदेशियों को पसंद नहीं आती हैं। लेकिन आपको बता दें‍ कि भारतीयों की कुछ आदतें ऐसी हैं जिन्‍हें पूरी दुनिया को सीखना चाहिए। जी हां, आज हम आपको भारत के लोगों की ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आपको भी भारतीय होने पर गर्व होगा। और पढ़ें – बॉयफ्रेंड बनाने वाली लड़कियों में होती हैं ये खास खूबियां हाथ से खाना हम भारतीयों को छुरी और कांटे से खाना नहीं आता है। हम स्‍वदेशी लोग तो हाथ से खाना पसंद करते हैं। भारतीय खाने को बनाया ही इस तरह से जाता है कि आप इसे हाथ से ही खा सकते हैं। कहते हैं कि हाथ से खाने पर भोजन का स्‍वाद बढ़ जाता है और खाने वाले संतुष्टि भी मिलती है। और पढ़ें – भारत के इस शहर में होते हैं सबसे ज्यादा रेप फर्श पर बैठकर खाना फर्श पर भोजन करने के लिए हमें आसन की मुद्रा में बैठना पड़ता है। इससे मन शांत रहता है और रीढ़ की हड्डी को भी आराम मिलता है। फर्श पर आसन की मुद्रा में बैठना पाचन की प्राकृतिक अवस्‍था होती है। इससे शरीर को मजबूती मिलती है और पीठ के निचले हिस्‍से की मांसपेशियां, पेट और पेल्विस की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। और पढ़ें – जन्म से मुस्लिम नहीं थे जिन्ना, फिर क्यों चाहते थे पाकिस्तान इंडियन स्‍टाइल के टॉइलेट दुनिया में सबसे पहले टॉइलेट के लिए इंडियन स्‍टाइल ही अपनाया जाता था। पश्चिमी टॉइलेट की तुलना में इंडियन स्‍टाइल को ज्‍यादा बेहतर माना गया है। कहते हैं कि इससे पेट अच्‍छी तरह से साफ हो जाता है। और पढ़ें – मिडिल क्लास लोगों के असफल होने की ये है वजह घर में घुसने से पहले चप्‍पल उतारना भारतीय घरों में सभी लोग बाहर चप्‍पल और जूते उतारकर जाते हैं। ये नियम बहुत पुराना है और आज भी लोग ये प्रथा का पालन करते हैं। विदेशियों को भारत के लोगों की ये आदत बहुत पसंद आती है और इससे घर में साफ-सफाई भी रहती है। और पढ़ें – Aloe vera in Hindi – एलो वेरा के फायदे, नुकसान, इस्तेमाल और खुराक मसालों के गुण ना सिर्फ भारतीय खाना बल्कि भारत के मसाले भी दुनियाभर में मशहूर हैं। हल्‍दी में कई रोगों को मिटाने की शक्‍ति होती है और इससे इम्‍युनिटी पॉवर भी बढ़ती है। हर भारतीय व्‍यंजन में हल्‍दी जरूर डाली जाती है जबकि विदेशी लोग कम मसालेदार और फीका खाना पसंद करते हैं। और पढ़ें – लिंग में खुजली होने के लक्षण, कारण और इलाज – Private part itching problem solution in Hindi चपाती रोटी में सबसे ज्‍यादा गुण होते हैं और भारत में रोटी के बिना खाना पूरा नहीं माना जाता है। गेहूं से बनी रोटी के सेहत को कई फायदे भी मिलते हैं लेकिन विदेशों में गेहूं की रोटी की जगह मैदा से बने नूडल्‍स, चावल वगैरह खाए जाते हैं। गेहूं की रोटी आसानी से पच जाती है। इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है। भारत के लोगों की ऐसी और भी कई आदतें हैं जो दुनियाभर के लोगों को अपनानी चाहिए। इन आदतों को अपनाकर हर इंसान स्‍वस्‍थ जीवन पा सकता है। अगर आपने अब तक इन आदतों को नहीं अपनाया है तो अब शुरु कर दीजिए क्‍योंकि इससे आपकी सेहत बढिया रहेगी और आपके कई रोग भी दूर हो जाएंगे। बुरी आदतों को छोड़कर अच्‍छी आदतें अपनाने से आपका ही शरीर स्‍वस्‍थ होगा। इस आर्टिकल को अपने दोस्‍तों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्‍हें भी भारतीयों की अच्‍छी आदतों के बारे में पता चल सके। अन्य लेख –  बाइसेप्स कैसे बनाएं – Biceps workout in hindi भारत में पहली बार मिलेगी किसी महिला को फांसी, जानें कौन है ये शख्स महिलाओं में थायराइड का लक्षण, कारण, इलाज, साइड इफेक्ट और आहार – Thyroid in Women in Hindi नेशनल आई डोनेशन फोर्टनाइट 2020: कौन कर सकता है नेत्र दान?

भारत में पहली बार मिलेगी किसी महिला को फांसी, जानें कौन है ये शख्स

इस दुनिया में महिलाओं से ज्‍यादा दयावान और कोई नहीं माना गया है। उसे ममता की मूर्ति कहा जाता है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसा कारनामा कर जाती हैं कि पूरी दुनिया का दिल रो उठता है। आज हम आपको भारत की एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो जल्‍द ही फांसी के तख्‍ते पर चढ़ने वाली है। आइए जानते हैं कि आखिर इस महिला ने ऐसा क्‍या किया है जो इसे फांसी जैसी दर्दनाक सज़ा सुनाई गई है। और पढ़ें – Aloe vera in Hindi – एलो वेरा के फायदे, नुकसान, इस्तेमाल और खुराक किसे मिल रही है फांसी जिस महिला को देश में पहली बार फांसी की सज़ा सुनाई गई है उसका नाम शबनम है और वो उत्तर प्रदेश में अपने पूरे परिवार के साथ रहती थी। इस लड़की अने बहुत ही कम उम्र में एक ऐसी घटना को अनजाम दिया जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटें खड़े हो जाएं। क्‍यों मिल रही है फांसी यूपी के अमरोहा के बावन खेड़ी गांव में अब कोई भी अपनी बेटी का नाम शबनम नहीं रखना चाहता है। दरअसल, इसका कारण है यहां रहने वाली शबनम की प्रेम कहानी। जी हां, दस साल पहले शबनम ने अपने अंधे प्‍यार को मंजिल देने के लिए एक ऐसी साजिश रची जिसने उसके भविष्‍य को बर्बाद कर डाला। और पढ़ें – बाइसेप्स कैसे बनाएं – Biceps workout in hindi शबनम अपने ही गांव के एक लड़के सलीम से प्‍यार करती थी। सलीम का परिवार शबनम के मुकाबले काफी गरीब था और खुद सलीम भी अनपढ़ था जबकि शबनम अच्‍छे परिवार से थी और काफी पढ़ी-लिखी थी। शबनम का परिवार उसके और सलीम की शादी के लिए राज़ी नहीं था और इसी बात से नाराज़ होकर शबनम ने सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार की हत्‍या की साजिश रच डाली। 7 लोगों की हुई थी हत्‍या अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर शबनम ने दस साल पहले अपने ही परिवार के 7 लोगों की हत्‍या कर दी थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि उसने अपने भाई के 7 महीने के बेटे को भी नहीं बख्‍शा था और उसकी भी बड़ी बेरहमी से हत्‍या कर दी थी। लुटेरों पर लगाया था आरोप अपने पूरे परिवार को खुद मौत के घाट उतारने के बाद शबनम ने पुलिस को एक मनघडंत कहानी सुनाई थी जिसके अनुसार कुछ लुटेरों ने उसके घर पर हमला किया और उसके परिवार को मारकर सारा पैसा लूटकर ले गए। उसने बताया कि वो बाथरूम में थी इसलिए उसकी जान बच गई। और पढ़ें – भारत के इस शहर में होते हैं सबसे ज्यादा रेप इसी गुत्‍थी के तार जोड़ने में पुलिस को पता चला कि कुंवारी शबनम गर्भवती है और उसने घटना वाली रात को अपने प्रेमी सलीम को कई बार कॉल किया था। यहां तक कि हमले के दौरान घर से कोई भी चीज़ चोरी नहीं हुई थी। इस खौफनाक वारदात को दस साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी शबनम के गांव में कोई भी अपनी बेटी का नाम शबनत नहीं रखता है। शबनम और सलीम को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी और अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आने वाला है। दोनों ने राष्‍ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी जिसे राष्‍ट्रपति ने खारिज कर दिया। अब अगर सुप्रीम कोर्ट में भी सलीम और शबनम की फांसी की सज़ा को बरकरार रखा गया तो शबनम देशी की ऐसी पहली महिला होगी जिसे फांसी जैसी सज़ा मुकर्रर की गई है। इस विषय पर अपने विचार हमसे जरूर शेयर करें। अन्य लेख –  लिंग में खुजली होने के लक्षण, कारण और इलाज – Private part itching problem solution in Hindi जन्म से मुस्लिम नहीं थे जिन्ना, फिर क्यों चाहते थे पाकिस्तान पाक के मैन ऑफ द मैच को भारत के मुकाबले मिलते हैं इतने पैसे महिलाओं में थायराइड का लक्षण, कारण, इलाज, साइड इफेक्ट और आहार – Thyroid in Women in Hindi

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