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Ganesh Chaturthi in 2020 : जानें कब है चतुर्थी और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को शुभ का प्रतीक माना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर बड़ी धूमधाम से गणेश जी का पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा करने से वो कार्य संपन्‍न हो जाता है। हिंदू धर्म में हर माह की कृष्‍ण पक्ष की चुतर्थी तिथि को मंगलकारी गणेश जी का जन्‍मोत्‍सव मनाया जाता है। इस दिन को Ganesh Chaturthi के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के कई शहरों एवं राज्‍यों में बड़ी धूमधाम से गणपति बप्‍पा का जन्‍मोत्‍सव मनाया जाता है। भगवान गणेश की प्रतिमा की स्‍थापना 7 से 10 दिनों के लिए की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्‍पा की विदाई की जाती है। 3 मुखी रुद्राक्ष खरीदें आइए जानते हैं इस पावन पर्व के बारे में कुछ महत्‍वपूर्ण बातें। गणेश चतुर्थी कब है 2020 में गणेश जी के भक्‍त सोच रहे होंगे कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी कब की है। आपको बता दें कि गणेश जी की मूर्ति की स्‍थापना की जाती है और फिर कुछ दिन पश्‍चात् मूर्ति का जल विसर्जन किया जाता है।  गणेश चतुर्थी व्रत 2020  गणेश चतुर्थी: शनिवार, 22 अगस्‍त, 2020 मध्‍याह्न गणेश पूजा मुहूर्त: प्रात: 11.06 से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक समयावधि: 2 घंटे 36 मिनट चतुर्थी तिथि का आरंभ: 21 अगस्‍त, 2020 को प्रात: 11.02 पर  चतुर्थी तिथि समाप्‍त: 22 अगस्‍त, 2020 को प्रात: 7:57 पर गणेश चतुर्थी व्रत एवं पूजन विधि Ganesh Chaturthi के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें और दोपहर को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार चांदी, सोने, तांबे, मिट्टी या पीतल से निर्मित गणेश जी की मूर्ति की अपने घर के पूजन स्‍थल में स्‍थापना करें। अब गणेश चतुर्थी के व्रत का संकल्‍प लें। खरीदें नीलम रत्‍न इसके बाद षोड़शोपचार से पूजन एवं आरती करें। गणेश जी मूर्ति पर सिंदूर अर्पित करें। इस मंत्र – ‘ऊं गं गणवतयै नम:’ का जाप करते हुए 21 दूर्वा चढ़ाएं। गणेश जी को लड्डू का भोग बहुत पसंद है इसलिए Ganesh Chaturthi के दिन उन्‍हें बूंदी या बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं। वीडियो  देखें  : नीलम रत्न के फायदे, जानें धारण करने की विधि 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। अब बाकी बचे लड्डू प्रसाद के रूप में बाकी भक्‍तजनों में बांट दें। इसके बाद संकटनाशक स्‍तोत्र, श्रीगणेश स्‍तोत्र आदि का पाठ करें। पूजन के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें और रात के समय चांद निकलने पर उसे अर्घ्‍य देकर व्रत खोलें। ये है गणेश चतुर्थी व्रत विधि। Ganesh Chaturthi पूजा के लाभ गणेश जी के पूजन से पुत्र की प्राप्ति होती है। यदि कोई निसंतान स्‍त्री इस दिन सच्‍चे मन से पूजन एवं व्रत करती है तो उसे भगवान गणेश के आशीर्वाद से संतान की प्राप्‍ति होती है। शुभ कार्यों से पहले गणेश जी की आराधना करने से सभी अड़चनें दूर होती हैं। आर्थिक तंगी और जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए भी गणेश चतुर्थी का पर्व रखा जाता है। खरीदें महालिंगम लॉकेट अगर आपके जीवन में भी कोई संकट है तो उसके निवारण के लिए इस बार 22 अगस्‍त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश के आशीर्वाद से उसे मुश्किल को दूर कर सकते हैं। आप ज्‍योतिषीय परामर्श या कुंडली दिखाने या कोई भी रत्‍न प्राप्‍त करने के लिए इस नंबर पर Whatsapp या Phone call करें : 9354299817

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1500 सालों से पहाड़ी पर लटका हुआ है ये मंदिर

भारत में अधिकतर मंदिर पहाडियों पर बसे हैं और आपने भी ऐसे कई मंदिरों के दर्शन किए होंगे जो सुंदर और ऊंची प‍हाडियों पर स्थित हैं लेकिन क्‍या कभी आपने किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जो पहाड़ों पर लटका हुआ हो?  नहीं ना… आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक पहाड़ी पर सदियों से लटका हुआ है। तो चलिए जानते हैं दुनिया के इस अजूबे मंदिर के बारे में… कहां पर स्थित है ये मंदिर आपको बता दें कि ये मंदिर चीन के शांझी में हेंग माउंटेन पर लटका हुआ है और इसे देखकर इसकी आकृति काफी अजीब सी लगती है। इस मंदिर को हैंगिंग मॉनेस्‍ट्री के नाम से भी जाना जाता है। ओपल रत्‍न ऑर्डर करें प्राचीन है हैंगिंग मॉनेस्‍ट्री मान्‍यता है कि ये मंदिर 1500 साल प्राचीन है और इस मंदिर को बनाने के पीछे की वजह भी बड़ी दिलचस्‍प है। इस मंदिर को इस अनोखी जगह पर इसलिए बनाया गया था ताकि इस पर बाढ़ और तूफान का कोई असर ना हो। मंदिर के समीप दटोंग शहर है जोकि उत्तर-पश्चिम में 64.23 किमी की दूरी पर स्थित है। ऐतिहासिक है चीन का ये मंदिर दटोंग शहर की प्रमुख ऐतिहासिक जगहों में से एक है ये हैंगिंग मॉनेस्‍ट्री। चीन आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने जरूर आते हैं। यह प्रमुख मंदिर केवल अपने स्‍थान के लिए ही नहीं बल्कि तीन चीनी पारंपरिक धर्म बुद्ध, ताओ और कंफुशिवार के  मिलाप के लिए भी लोकप्रिय है। इस मंदिर की संरचना को ओक क्रॉसबीम्‍स में फिट किया गया है। काले घोड़े की नाल ऑर्डर करें हैंगिंग मॉनेस्‍ट्री का निर्माण इस मंदिर की प्रमुख सहायक संरचना आधार स्‍तंभ के अंदर छिपी हुई है। यह मोनेस्‍ट्री छोटे कैनियन बेसिन में बना हुआ है और इमारत के शरीर प्रमुख शिखर सम्‍मेलन के तीत चट्टान के बीच से लटका हुआ है। इस मंदिर के निमार्ण की शुरुआत उत्तरी वेई साम्राज्‍य के अंत में लिओ रैन नाम के इंसान द्वारा की गई। चीनी आर्किटेक्‍ट का अध्‍ययन करने वाले लोग इस जगह पर जरूर आते हैं। मंदिर के आसपास तकरीबन 40 अलग-अलग हॉल हैं और वे एक-दूसरे से जुडे हुए हैं। इस मंदिर में कई प्राचीन स्‍टैच्‍यू भी रखे गए हैं। चीन के डैटोंग क्षेत्र में इस मंदिर को पर्यटकों द्वारा खूब पसंद किया जाता है। कैसे पहुंचे हैंगिंग मॉनेस्‍ट्री इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लकड़ी और लोहे से बनी सीढियों को पार करना पड़ता है। इस मंदिर को देखने के लिए एशिया के कई देशों के अलावा यूरोप से भी पर्यटक पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने का रास्‍ता लकड़ी और लोहे की सीढियों से बना हुआ है। गर्भ गौरी रुद्राक्ष ऑर्डर करें अगर आप भी अनोखी और अद्भुत जगहों को देखने में दिलचस्‍पी रखते हैं तो इस मंदिर को देखने आ सकते हैं। यहां आकर आपको कई और भी अलग और अनोखी चीजों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। चीन के इस मंदिर के आसपास आप कई और भी ऐतिहासिक स्‍थल देख सकते हैं जो कि वाकई में बहुत सुंदर और लोकप्रिय हैं। इस आर्टिकल को अपने दोस्‍तों के साथ भी शेयर करें। आप ज्‍योतिषीय परामर्श या कुंडली दिखाने या कोई भी रत्‍न प्राप्‍त करने के लिए इस नंबर पर Whatsapp या Phone call करें : 9354299817

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फटे-पुराने कपड़ों का दान बना सकता है आपको कंगाल

अकसर हम पुराने कपड़े घर में काम करने वाले नौकरों या गरीबों का दान कर देते हैं। आप भी अपने पुराने कपड़ों का ऐसे ही इस्‍तेमाल करते होंगें लेकिन क्‍या आप ये जानते हैं कि आपका ऐसा करना आपके ही जीवन में मुश्किलों और समस्‍याओं का कारण बन सकता है।  दरअसल, हमारे शरीर, छवि और मान-सम्‍मान को कपड़े इंगित करते हैं। अगर बच्‍चों के कपड़े बिलकुल ठीक हैं या फटे नहीं हैं या नए हैं तो उन्‍हें साफ करके अलमारी में रखने से कोई दोष नहीं लगता है लेकिन इन कपड़ों को कभी भी पहनने वाले कपड़ों के साथ नहीं रखना चाहिए।  निरर्थक हैं फटे-पुराने कपड़ें जिस प्रकार समय चलता है उसी प्रकार जीवन में प्रगति भी चलती है। समय के साथ सब कुछ बदलता है। जो चीज़ इस्‍तेमाल की नहीं होती है उसकी उपयोगिता खत्‍म हो जाती है। जिस चीज़ का अर्थ न हो, जो हमारी लिए कोई कीमत न रखती हो वो निरर्थक हो जाती है। इसलिए ऐसे कपड़ों का जिनका कोई अर्थ न हो या जो हमारे काम न आ रहे हों उसे अपने पहनने वाले कपड़ों के साथ कभी न रखें। ओपल रत्‍न ऑर्डर करें अगर बचपन के कपड़े ठीक अवस्‍था में हैं तो उन्‍हें गठरी में बांधकर स्‍टोर रूम में रख सकते हैं। इसमें एक बात का ध्‍यान जरूर रखें कि वो कपड़ा कहीं से फटा हुआ न हो। ऐसे कपड़ों को धोकर, साफ करके रख सकते हैं।  क्‍या फटे कपड़ों से वास्‍तुदोष होता है  जी हां, घर में फटे-पुराने कपड़े रखने से वास्‍तुदोष उत्‍पन्‍न होता है। कपड़ों का संबंधन शरीर को ढकने से है। वस्‍त्र हमारी त्‍वचा को ढकने का काम करते हैं।  लाल किताब में ऐसा उल्‍लेख किया गया है कि फटे-पुराने कपड़े पहनने से कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है। ज्‍योतिष के वैदिक खंड का मानना है कि जो भी वस्‍त्र हमें सुंदर बनाते हैं या जो भी हम पहनते हैं उन सभी शुक्र ग्रह को संबोधित करते हैं। ऐसे में शुक्र का सीधा संबंध कपड़ों से होता है। काले घोड़े की नाल ऑर्डर करें कुंडली में शुक्र का खराब होना जीवन में कई नकारात्‍मक बदलाव ला सकता है। फटे-पुराने कपड़े पहनने से शुक्र कमजोर होता है। घर में फटे-पुराने कपड़े रखने या पहनने से शुक्र कमजोर होता है जिसकी वजह से सांसारिक संबंधों में विकार पैदा होते हैं। फटे-पुराने कपड़े शुक्र को कमजोर कर व्‍यकति के दांपत्‍य जीवन और सामाजिक संबंधों में दिक्‍कतें पैदा करता है। दक्षिण दिशा में वास्‍तुदोष इसकी वजह से घर की दक्षिण दिशा में वास्‍तुदोष पैदा होता है। ऐसे में घर में परिस्थितियां हमारे विपरीत उत्‍पन्‍न होने लगती हैं। जिस घर में फटे-पुराने कपड़े इस्‍तेमाल होते हैं, वहां अपने आप ही घर की दक्षिण दिशा में वास्‍तुदोष पैदा होने लगते हैं। इसका सबसे ज्‍यादा असर घर की महिलाओं और लड़कियों की सेहत एवं मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है।  दक्षिण की दिशा धन की दिशा होती है और इस दिशा में मां लक्ष्‍मी भी वास करती हैं। अगर घर की दक्षिण दिशा में वास्‍तुदोष हो तो घर में धन का आगमन कम होने लगता है। गर्भ गौरी रुद्राक्ष ऑर्डर करें शास्‍त्रों में आठ प्रकार की लक्ष्‍मी का व्‍याख्‍यान मिलता है जिनमें से एक भय लक्ष्‍मी भी हैं जिनका काम घर को सजाना और संवारना होता है। दूसरी लक्ष्‍मी धान्‍य हैं जो घर में अनाज एवं आहार के प्रवाह को संतुलित करती हैं। इनकी कृपा से घर में अनाज की कभी कमी नहीं होती है। इन्‍हें अन्‍नपूर्णा भी कहा जाता है। घर की दक्षिण दिशा के खराब होने से इन सब चीजों पर भी असर पड़ता है।  फटे-पुराने कपड़ों का दान  फटे-पुराने कपड़ों का दान देना बिलकुल भी उचित नहीं है। दान हमेशा साफ और नई वस्‍तुओं का दिया जाता है। दान करने के पीछे उद्देश्‍य होना चाहिए। दान हमेशा उन चीज़ों का करना चाहिए जिसको आपने अर्जित किया हो और जो आपके अर्थ का हो।  उदाहरण के तौर पर, जैसे आप पैसा या भोजन का दान करते हैं तो उसमें फटे नोट या झूठा भोजन नहीं देते, उसी प्रकार पहने और फटे-पुराने कपड़ों का भी दान नहीं किया जाता है। दान उन चीज़ों का किया जाता है जिनका कोई मूल्‍य हो। निरर्थक चीज़ों का दान कभी नहीं किया जाता है। टाइगर आई स्‍टोन ऑर्डर करें हालांकि, छोटे भाई-बहन आपके पुराने कपड़े पहन सकते हैं लेकिन वो कहीं से फटे नहीं होने चाहिए अन्‍यथ उनके जीवन पर भी दुष्‍प्रभाव पड़ सकता है।  फटे-पुराने कपड़ों को चौराहे पर फेंकना  अपनी समस्‍याओं से निजात पाने का सबसे अच्‍छा तरीका है ऐसे कपड़ों को चौराहे पर फेंक देना। चौराहा राहु से संबंधित है और त्रिराहा केतु से संबंध रखता है। पुराने कपड़ों को चौराहे पर फेंकना इस बात को दर्शाता है कि आप अपने जीवन की समस्‍याओं और मुश्किलों को उतार रहे हैं। 5 मुखी रुद्राक्ष ऑर्डर करें ऐसे चौराहे पर कपड़ों को फेंके जहां पर ज्‍यादा भीड़ न हो या लोग आते-जाते न हों। अगर कोई भिखारी उन कपड़ों को उठाकर पहन लेता है तो उससे आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है क्‍योंकि आपने तो पुराने कपड़ों के रूप में अपने जीवन की नेगेटिविटी चौराहे पर फेंक दी लेकिन अगर आप कपड़ों का दान कर देते हैं तो इसका मतलब है कि आपने अपनी समस्‍या किसी और को दे दी। दोष से निजात कैसे पाएं  सबसे पहले अपने घर से ऐसे फटे-पुराने कपड़ों को निकाल दीजिए।  लेकिन अगर आप कुछ कपड़ों को संजोकर रखना चाहते हैं तो उन्‍हें खराब और फटने न दें। ऐसे कपड़ों को गठरी में बांधकर किसी संदूक में रख दें ताकि उनकी नेगेटिविटि दूसरी चीज़ों और घर पर न पड़े। इसके अलावा अलमारी या संदूक में कपूर की गोली भी रखी जाती है क्‍योंकि कपूर शुक्र ग्रह से ही संबंध रखता है। इन गोलियों को रखने से कपड़े सुरक्षित रहते हैं। रुद्र पारद माला ऑर्डर करें घर के अतिरिक्‍त कपड़ों को साफ करके और धोकर ही किसी को दें। इसके अलावा अपने घर में पुराने कपड़ों में कपूर की गोलियां रखें जिससे की आपकी कुंडली में शुक्र खराब न हो। आप ज्‍योतिषीय परामर्श या कुंडली दिखाने या कोई भी रत्‍न प्राप्‍त करने के लिए इस नंबर पर Whatsapp या Phone call करें : 9354299817

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अगस्‍त में मेष राशि में मंगल का गोचर, इन तीन राशियों के बनेंगें बिगड़े काम

नवग्रहों में से एक मंगल ग्रह को व्‍यापार, भूमि, भाई और साहस का प्रतीक माना जाता है। 16 अगस्‍त, 2020 को मंगल ग्रह मेष रा‍शि में गोचर करेंगें। इस गोचर का प्रभाव विभिन्‍न राशियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि मंगल का गोचर 2020 कब होगा और 12 राशियों को यह किस तरह प्रभावित करेगा। मंगल गोचर 2020 जैसा कि हमने पहले भी बताया कि वर्ष 2020 के अगस्‍त के महीने की 16 तारीख को मंगल ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेगा। 16 अगस्‍त को शाम के समय 7 बजकर 21 मिनट पर मीन राशि से मेष राशि में गोचर आएगा। 10 सितंबर को मंगल वक्री होगा और फिर 4 अक्‍टूबर को वापस 9 बजकर 55 मिनट पर मीन राशि में आएगा। इसके बाद 14 नवंबर को मंगल फिर से मार्गी होगा और 24 दिसंबर को दोबारा मेष राशि में प्रवेश करेगा। आइए जानते हैं कि 16 अगस्‍त, 2020 को मंगल के मेष राशि में गोचर का बारह राशियों पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा। मंगल के गोचर का मेष राशि पर प्रभाव इस गोचर के दौरान मंगल लग्‍न भाव मंं होगा जो कि मेष राशि के जातकों के जीवन में सकारात्‍मकता लेकर आएगा। इस समय आप ऊर्जा से भरे रहेंगें और अपने अटके हुए काम पूरे करेंगें। व्‍यापार बढ़ाने की सोच रहे हैं तो इस आपको अपने काम में सफलता मिलेगी। कार्यक्षेत्र में सम्‍मान बढ़ेगा। स्‍वस्‍थ रहने के लिए एक्‍सरसाइज करें। प्रियतम के लिए कुछ भी कर गुजरने का मन करेगा। उपाय : लाल रंग के वस्‍त्र धारण करना आपके लिए लाभकारी होगा। मेष राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव आपकी रा‍शि के बारहवें भाव में मंगल गोचर करेगा। वृषभ राशि के जातकों को हर तरफ से लाभ मिलेगा। छात्र पढ़ाई करने विदेश जा सकते हैं। बाकी लोगों  के लिए समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन समय के साथ सब ठीक हो जाएगा। अपने व्‍यवहाार में कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। वृषभ राशि के व्‍यापारी और नौकरीपेशा जातक अपने विरोधियों से बचकर रहें। गुस्‍से पर नियंत्रण रखें। उपाय : तांबे का टुकड़ा या सिक्‍का अपनी जेब में रखें। वृषभ राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का मिथुन रा‍शि पर प्रभाव मिथुन राशि के ग्‍यारहवें भाव में मंगल का गोचर होगा। यह लाभ का भाव है इसलिए मिथुन राशि के लोगों को इस गोचर से लाभ मिलेगा। नौकरी में सैलरी बढ़ने की उम्‍मीद है। मिथुन राशि के लोग इस समय लोन आदि लेने से बचें। गोचर के दौरान काम पर ध्‍यान दें और फल की चिंता न करें। आपकी वाणी की कडवाहट आपके अपनों को दुखी कर सकती है। उपाय : किसी अच्‍छे काम के लिए घर से निकलने से पहले शहद जरूर खाएं। मिथुन राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव कर्क राशि के दसवें भाव में मंगल गोचर करेगा। ऑफिस में काम का बोझ बढ़ सकता है। आपके काम से आपके सीनियर भी प्रभावित होंगें। लव लाइफ के मामले में खुद को ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगें। स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी अच्‍छा समय है। हालांकि, ज्‍यादा खाएं या सोएं नहीं। उपाय : मंगल की कृपा पाने के लिए हनुमानष्‍टक का पाठ करें। कर्क राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव मंगल सिं‍ह राशि के नवम भाव में गोचर करेगा और इस समय आपको भाग्‍य का साथ मिलेगा। पारिवारिक जीवन में संतुलन आएगा और पिता से लाभ मिलेगा। सिंह राशि के लोगों को छोटी यात्रा से कोई लाभ मिल सकता है। जमीन से संबंधित मामलों में अच्‍छी खबर सुनने को मिल सकती है। ऑफिस में एक समय पर एक ही काम करें। उपाय : भगवान कार्तिकेय की आराधना करें। सिंह राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का कन्‍या राशि पर प्रभाव कन्‍या राशि के अष्‍टम भाव में मंगल गोचर करेगा जो कि आयु का भाव है। मानसिक शांति के लिए ध्‍यान कर सकते हैं। कन्‍या राशि के लोगों को इस समय यह महसूस हो सकता है कि वो सही दिशा में प्रयास नहीं कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में अपने काम पर ध्‍यान दें और आगे बढ़ते रहें। मेहनत से एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। भाई-बहन को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उपाय : मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाएं और दान दें। कन्‍या राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का तुला राशि प्रभाव मेष राशि का स्‍वामी ग्रह मंगल तुला रा‍शि के सप्‍तम भाव में गोचर करेगा। पारिवारिक जीवन में सकारात्‍मक फल मिलेंगें और पारिवारिक मसलों एवं विवादों का अंत होगा। वैवाहिक जीवन भी सुखमय होगा। जीवनसाथी के स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रखें। इस समय तुला राशि के लोगों को ज्‍यादा गुस्‍सा आ सकता है जो आपको मुश्किल में डाल सकता है। छात्रों को सकारात्‍मक परिणाम मिल सकता है। उपाय : हर मंगलवार हनुमानाष्‍टक का पाठ करें। तुला राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल के गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव मंगल वृश्चिक राशि के छठे भाव में गोचर करेगा जिससे आपकी मानसिक और शारीरिक क्षमता में वृद्धि होगी। व्‍यापारी जोखिम उठाने से पीछे नहीं हटेंगें। इस समय किसी भी विवाद में न पड़ें। कोर्ट में कोई मुकदमा चल रहा है तो आपके हक में फैसला आ सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलेगी। वृश्चिक राशि के लोगों की इम्‍यूनिटी मजबूत रहेगी। किसी पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। उपाय : मंगल की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन तांबे का दान करें। वृश्चिक राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मेष राशि में मंगल का गोचर : धनु राशि धनु राशि के पंचम भाव में मंगल का गोचर होगा। रोमांटिक लाइफ बेहतर होगी और अगर आप सिंगल हैं तो आपको इस समय अपना जीवनसाथी मिल सकता है। मंगल के गोचर के दौरान धनु राशि के लोगों के क्रोध में वृद्धि हो सकती है। बच्‍चों से किसी बात पर बहस हो सकती है। व्‍यापारियों को विदेश से कोई लाभ मिल सकता है। उपाय : तांबे के पात्र में पानी पिएं। धनु राशि का भाग्‍य रत्‍न ऑर्डर करें मंगल को गोचर 2020 : मकर राशि मकर राशि के चौथे

VASTUSHASTRA

घर में कभी न लगाएं ये तस्वीरें, नहीं तो हो जाएंगे गरीब

वास्‍तु के अनुसार तस्‍वीरें लोग अगर अपने घरों और दुकानों को सजाने के लिए तस्वीरों या पोस्टर का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को इसका शौक होता है तो कई बिना किसी शौक के किसी भी प्रकार की तस्वीर अपने घर में लगा लेते हैं। दरअसल वास्तुशास्त्र के अनुसार कई ऐसी प्रकार की तस्वीरे होती हैं जिनके कारण व्यक्ति के जीवन में परेशानियां और गरीबी आने की आशंका रहती है। ऐसे में हर व्यक्ति को वास्तुशास्त्र के अनुसार ही अपने घर और दुकान की दीवारों पर तस्वीरें लगानी चाहिएं। आज हम आपको उन तस्वीरों के बारे में बताएंगे जिनके कारण आपके घर में गरीबी का साया मंडरा सकता है। तो चलिए जानते हैं – झरने या बहते पानी की तस्वीर बहते पानी की तस्वीर लोगों के घरों में बेहद आम हो गई है। लेकिन कई लोग यह नहीं जानते की इसके कारण उनके घर में परेशानियां और गरीबी का संकट बना हुआ है। डूबते जहाज टाइटैनिक जहाज जैसे डूबते हुए जहाज की तस्वीर लगाना भी वास्तुशास्त्र के मुताबिक अपशगून का प्रतीक माना जाता है। इसका आपके रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जानवरों की तस्वीर घर की दीवारों पर जानवरों की तस्वीर लगाने से घर-परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई झगड़े उत्पन्न होने की आशंका रहती है। मॉर्डन आर्ट मॉर्डन आर्ट आजकल बेहद लोकप्रिय है। लोग अपने घरों की दीवारों पर नटराज की मूर्ति या तस्वीर लगाना पसदन करते हैं। इन तस्वीरों में अक्सर भगवान शिव तांडव कर रहे होते हैं जिसका सीधा सनके विनाश होता है। इसलिए कभी भी घरों में शिव तांडव या नटराज की तस्वीर और मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। ताजमहल एक तरफ ताजमहल जहां प्रेम का प्रतीक है वही दूसरी ओर यह मुमताज की कबरग्राह भी है। लोग अक्सर अपने घरों की दीवारों को सजाने के लिए ताजमहल की तस्वीर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसा करना अपशगून हो सकता है। महाभारत की तस्‍वीर – पूजनीय ग्रंथ महाभारत की तस्‍वीर लगाना भी अशुभ माना जाता है। महाभारत युद्ध से संबंधित तस्‍वीर लगाने से घर में लड़ाई-झगड़ा और तनाव रहता है। – इसके अलावा वास्‍तु के अनुसार घर में किसी पिशाच या जादूगर की तस्‍वीर भी नहीं लगानी चाहिए। इन तस्‍वीरों से घर की शांति भंग होती है। महाभारत की तस्वीरें महाभारत की तस्वीरें लगाना भी गलत माना जाता है। दरअसल ऐसे तस्वीरें लगाने से घर में क्लेश की स्थिति बनी रहती है। अपने घर में महाभारत की तस्वीरें कभी न लगाएं। वास्तुशास्त्र या अन्य किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान पाने के लिए हमें इस नंबर पर Whatsapp या Call करें – 9354299817 वास्तुशास्त्र से संबधित अधिक जानकारी और राशिफल पढने के लिए हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें –Vastu-shastra on Facebook

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पहने हुए Gemstone (रत्न) की एनर्जी बढ़ाने के लिए ऐसे करें चार्ज

जीवन की मुश्किलों को हल करने और उनका सामना करने के लिए ज्‍योतिष में रत्‍न धारण करने की सलाह दी गई है। प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति को राशि, नाम और जन्‍मतिथि एवं कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार कोई ना कोई रत्‍न पहनने को बोला जाता है। कई बार लोग रत्‍न धारण तो कर लेते हैं लेकिन उन्‍हें ये शिकायत रहती है कि उन्‍हें जैमस्‍टोन से फायदा नहीं हो रहा। अगर आपने भी लंबे समय से कोई रत्‍न पहना हुआ है तो आपको जान लेना चाहिए कि रत्‍नों की एनर्जी को रिचार्ज करने के लिए समय-समय पर उनकी सफाई करना जरूरी है। जब भी आप कोई स्‍टोन पहनते हैं तो वो आपको आसपास की नेगेटिविटी से बचाता है और अपनी पॉजीटिव एनर्जी आपको देता है। जैमस्‍टोन सारी नेगेटिविटी को खुद में अवशोषित कर रहा है इसलिए इसे रिचार्ज करना बहुत जरूरी है ताकि ये फिर से आपको नए जैसा लाभ दे सके। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको हर रत्‍न की एनर्जी को रिचार्ज करने के आसान से तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। रूबी को कैसे रिचार्ज करें रूबी सूर्य का रत्‍न है। इसे रिचार्ज करने के लिए गंगाजल या कोई भी पवित्र जल लें। उसे एक कटोरी में भरें और रूबी रत्‍न (Ruby stone) को गंगाजल में 45 मिनट तक डुबोकर सूर्य की किरणों के सामने रखें। 45 मिनट के बाद माणिक्‍य रत्‍न फिर से रिचार्ज हो जाएगा। सप्‍ताह में हर रविवार के दिन रूबी स्‍टोन को इस तरह रिचार्ज करना है ताकि ये आपकी मुश्किलों को खत्‍म कर सके। मोती को कैसे रिचार्ज करें मोती रत्‍न (Pearl stone)को चांदी की धातु में पहना जाता है। अगर आप कोई भी चांदी की चीज़ पहनते हैं तो उसे महीने में एक बार रिचार्ज करना बहुत जरूरी है। हर महीने की पूर्णिमा की रात्रि को मोती रत्‍न रिचार्ज कर सकते हैं। एक कटोरी में पानी लें और उसमें 2-3 बूंद दूध डालें। अब इसमें पर्ल स्‍टोन की अंगूठी या लॉकेट जो भी है उसे डालकर पूर्णिमा की चांदनी रात में चांद के सामने रख दें। अगले दिन सुबह पर्ल स्‍टोन को पानी से साफ कर वापिस पहन लें। पन्‍ना को कैसे रिचार्ज करें कम्‍युनिकेशन मजबूत करने, व्‍यापार में तरक्‍की पाने और आर्थिक स्थिरता को पाने के लिए बुध का रत्‍न पन्‍ना पहना जाता है। बुधवार के दिन एक कटोरी में पवित्र जल या गंगाजल भरें और उसमें तुलसी की कुछ पत्तियां डालें। अब इसमें पन्‍ना रत्‍न (Emerald stone) डालकर सूर्य की किरणों के सामने आधे घंटे के लिए रख दें। इस तरह पन्‍ना रत्‍न चार्ज हो जाएगा और एक दम नए स्‍टोन की तरह आपको लाभ देने लगेगा। पुखराज को कैसे रिचार्ज करें पुखराज को सोने की धातु में पहना जाता है। इसके अलावा अगर आप सोने का कड़ा या चेन पहनते हैं तो उससे ज्‍योतिषीय लाभ पाने के लिए आपको उसे एक ही तरीके से चार्ज करना होगा। पुखराज देवताओं के गुरु बृहस्‍पति का रत्‍न है और इसे चार्ज करने के लिए हल्‍दी लें और उसे गंगाजल में डाल दें। इब इस जल में पुखराज रत्‍न (Yellow Sapphire stone) रखें और इसे सूर्य की किरणों में बृहस्‍पतिवार के दिन 2 से 3 घंटे के लिए रख दें। आपका यैलो सैफायर स्‍टोन चार्ज हो जाएगा। नीलम को कैसे रिचार्ज करें नीलम जो है वो शनि का रत्‍न है और शनि का सूर्य के साथ शत्रु संबंध है इसलिए नीलम को सूर्य की किरणों में चार्ज नहीं करना है। नीलम स्‍टोन (Blue sapphire stone) को रात के समय चार्ज करना होता है। घर के मंदिर या पवित्र स्‍थान में भगवान शिव के सामने रखें। एक कटोरी में गंगाजल भरें और उसमें थोड़ा काला नमक डाल दें। अब इसमें नीलम स्‍टोन रखकर इसे भगवान शिव के सामने रख दें। आपको ये काम शनिवार की रात को करना है। सुबह स्‍टोन निकालें और पानी से साफ करके उसे वापिस पहन लें। बचे हुए पानी को पौधे में डाल दें। डायमंड (ओपल) को कैसे रिचार्ज करें डायमंड को शुक्र का स्‍टोन माना गया है। शुक्र‍ हमारे जीवन में प्रेम और भौतिक सुख का कारक माना गया है। अगर कोई डायमंड नहीं खरीद पाता है तो उसे शुक्र का उपरत्‍न ओपल पहनने के लिए कहा जाता है। अगर डायमंड या ओपल (Opal stone) आपकी स्किन को टच कर रहा है तो इसका मतलब ये काम कर रहा है। इस स्‍टोन को शुक्रवार के दिन चार्ज करना है। इसे चार्ज करने के लिए एक कटोरी में थोड़ी-सी मिट्टी लें। आप पौधे की मिट्टी भी ले सकते हैं या फिर घड़े बनाने वाले कुम्‍हार से भी मिट्टी ला सकते हैं। अब इस मिट्टी में डायमंड या ओपल स्‍टोन को दबाकर शुक्रवार की रात को रख दें। आपको इस स्‍टोन को मिट्टी में दबाकर महालक्ष्‍मी की तस्‍वीर के आगे पूरी रात रखना है। सुबह पानी से धोकर इसे वापिस पहन लें। गोमेद को कैसे रिचार्ज करें इसे किसी भी प्राकृतिक तत्‍व के साथ चार्ज नहीं करना है। एक कटोरी में गंगाजल भरें और उसमें थोड़ा-सा काला नमक डालें। अब इसमें गोमेद स्‍टोन (Gomed stone) रखें और इसे मां सरस्‍वती के आगे रख दें। रातभर ऐसे ही रहनें दें और सुबह स्‍टोन को धोकर पहन लें। आपका स्‍टोन चार्ज हो जाएगा। लहसुनिया को कैसे रिचार्ज करें लहसुनिया को भी गंगाजल में काला नमक डालकर भिगो दें और इसे भगवान गणेश के आगे रख दें। रातभर के बाद सुबह लहसुनिया स्‍टोन (Lehsunia stone) को धोकर वापिस पहन लें। इसी तरह टाईगर आई स्‍टोन को भी चार्ज करना है। मूंगा को कैसे रिचार्ज करें मूंगा मंगल का रत्‍न है और मंगल के सूर्य के साथ मैत्री संबंध हैं इसलिए मूंगा को सूर्य की किरणों में चार्ज कर सकते हैं। गुड़ का पाउडर लें और उसे गंगाजल में डाल दें। अब इसमें लाल मूंगा स्‍टोन (Red coral stone) डालें। मंगलवार के दिन 2 से 3 घंटे के बाद स्‍टोन को वापिस निकालकर पहन लें। गुड़ के पानी को पौधे में डाल दें। आपने कॉपर धातु की जो भी चीज़ पहनी हुई है उसे भी इसी तरीके से चार्ज करना है। आपने जो जैमस्‍टोन पहने हुए हैं वो हर दिन आपके लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करते हैं

बवासीर क्या है, लक्षण, कारण, उपाय और घरेलु उपचार

बवासीर गुदास्थी भाग या एनल भाग में सूजे हुए ऊतकों का एक समूह होती है। बवासीर आकार के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। ये बाहरी और आंतरिक दो तरह की हो सकती हैं। आंतरिक बवासीर गुदा के बाहरी भाग से दो से चार सेंटीमीटर अंदर ऊपर की तरफ होती है। आंतरिक बवासीर इस रोग का सबसे सामान्य प्रकार है। बाहरी बवासीर एनस या गुदा के बाहरी भाग पर होती है। बवासीर को अर्श रोग भी कहा जाता है जिसका अंग्रेजी नाम हेमोरॉहाइड्स (Hemorrhoids) है। बवासीर गुदास्थि में एकत्रित सूजे हुए ऊतक होते हैं। इनमें रक्त वाहिकाएं, आसपास के ऊतक, मांसपेशियाँ और इलास्टिक फाइबर होती हैं। बहुत से लोगों को बवासीर होती है लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी के लक्षण एक जैसे हों। दुनियाभर में बवासीर से ग्रस्त 50 प्रतिशत लोगों में ही ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें पहचाना जा सके। इस लेख में आप बवासीर के लक्षण, कारण, बवासीर का परीक्षण और बवासीर के घरेलू उपायों के बारे में पढ़ेंगे। साथ ही इस लेख में आप यह पढ़ेंगे कि बवासीर व्यक्ति के शरीर को किस तरह से प्रभावित करती है। बवासीर के क्या लक्षण होते हैं? – Bawaseer ke lakshan in hindi बहुत से मामलों में बवासीर गंभीर नहीं होती है। यह आमतौर पर कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाती है । साथ ही यह भी जरूरी नहीं है कि बवासीर से ग्रस्त प्रत्येक व्यक्ति को दर्द हो बवासीर से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को निम्न तरह के लक्षण दिखाई देते हैं –  गुदस्थी के आस पास एक मोटी और दर्दनाक गांठ महसूस हो सकती है । इस गांठ में खून जमा हुआ हो सकता है। जिस बवासीर में रक्त होता है उसे थ्रोमबोस्ड एक्सटर्नल हेमोरोइज्ड कहते हैं। बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने के बाद पेट भरा हुआ लग सकता है । मल त्यागने के बाद रक्त निकलना गूदे के आसपास का स्थान लाल होना, खुजली होना और सूजन आना  मल त्यागने में तकलीफ़ होना  कब्ज मल त्याग के समय दर्द व बेचैनी होना उपरोक्त लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। यह लक्षण अन्य स्थिति के कारण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज, एनाल कैंसर, बॉवेल कैंसर और एनल फिशर । यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। बवासीर गंभीर स्थिति का भी रूप ले सकता है। गंभीर मामलों में बवासीर के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं –  मल त्यागने वाले स्थान जिसे गुदा कहते हैं वहां से अत्यधिक रक्त आना। इस स्थिति से व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो सकती है जिसे एनीमिया कहा जाता है।  संक्रमण  मल को रोक न पाना या फीकल इंकॉन्टीनेंस एनल फिस्ट्यूला, इसमें गुदा के अंदर व बाहर की त्वचा के सतह से एक नया चैनल बन जाता है स्ट्रेंग्युलेटेड बवासीर अंतर्गत बवासीर तक रक्त प्रवाह रुक जाता है जिससे संक्रमण व रक्त का थक्का जमने जैसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं बवासीर को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है  ग्रेड १ : गुदा की आंतरिक परत में छोटी-छोटी सूजन आना । हालांकि यह दिखाई नहीं देते हैं। ग्रेड २ : ये बवासीर ग्रेड १ से बड़ी होती है, लेकिन गुदा के अंदर ही रहती है। हो हो सकता है कि जब आप मल त्यागे तो यह गूदा से बाहर आए लेकिन यह वापस अंदर चले जाते हैं।  ग्रेड ३: इन्हें प्रोलैप्स हैमरॉइड कहा जाता है और यह गुदा के बाहर होते हैं । व्यक्ति को ये रेक्टम से बाहर लटकते महसूस हो सकते हैं लेकिन इन्हें वापस अंदर डाला जा सकता है। ग्रेड ४: यह भी रेक्टम के बाहर लटकते हैं लेकिन इन्हें अंदर नहीं डाला जा सकता और इनके लिए ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। ये बहुत बड़े होते हैं और गुदा के बाहर ही रहते हैं।  एक्सटर्नल पाइल्स गुदे के बाहरी किनारों पर छोटी गांठे बना देती है। इनमें बहुत अधिक खुजली होती है, साथ ही यदि इन गांठों में खून का थक्का जम जाता है तो यह दर्दनाक हो सकती हैं क्योंकि ब्लड क्लॉट्स से रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होता है । थ्रोंबोज्ड एक्सटर्नल पाइल्स या जम चुकी बवासीर का इलाज तुरंत किया जाना चाहिए। बवासीर होने का क्या कारण है? – Bawaseer kyu hoti hai in hindi बवासीर रेक्टम के निचले भाग में दबाव पड़ने के कारण होती है। गुदा के आसपास और मलाशय में रक्त वाहिकाएं दबाव में खिंचाव कर सकती हैं और उनमें सूजन आ सकती है जो कि बवासीर का कारण बन सकती हैं। ऐसा निम्न के कारण हो सकता है –  लंबे समय से कब्ज  लंबे समय से दस्त बाहरी सामान उठाना  गर्भावस्था  शौच जाते समय खींचाव लंबे समय से खांसी यदि आपके परिवार में किसी करीबी को बवासीर है तो यह आपके बवासीर का कारण बन सकती है। बवासीर होने का खतरा बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है। बवासीर का परीक्षण कैसे किया जाता है? – Bawaseer ki janch kaise hoti hai डॉक्टर आमतौर पर बवासीर का परीक्षण शारीरिक एग्जामिनेशन के बाद ही करते हैं। जिस व्यक्ति में बवासवीर होने का संदेह होता है उनमें डॉक्टर गुदास्थी की भी जांच कर सकते हैं। डॉक्टर आपसे निम्न प्रश्न पूछ सकते हैं – क्या आपके किसी करीबी रिश्तेदार को बवासीर है? क्या मल में रक्त या बलगम आ रहा है? क्या हाल ही में आपका वजन कम हुआ है? क्या आपके शौच जाने की क्रिया में कोई बदलाव आये हैं? मल का रंग कैसा था? आंतरिक बवासीर के लिए डॉक्टर डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन कर सकते हैं जो कि प्रोक्टोस्कोप की मदद से किया जाता है। प्रोक्टोस्कोप एक खोखली ट्यूब होती है जिसमें लाइट लगी होती है। इसकी मदद से डॉक्टर एनल कैनाल को ठीक तरह से देख पाते हैं। वे मलाशय के अंदर से छोटा सा ऊतक का सैंपल ले सकते हैं। इसके बाद सैंपल को लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दिया जाता है।  यदि बवासीर से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में पाचन तंत्र से जुड़ी कोई भी अन्य बीमारी के संकेत व लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर कभी-कभी कोलोनोस्कोपी की भी सलाह दे सकते हैं। कोलोस्कोपी की सलाह तब भी दी जा सकती है अगर व्यक्ति के शरीर में

100 fruits name in Hindi and English – जानिए सभी फलों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में

Fruits Name in Hindi with Photo – हम सभी जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए फल (fruits) कितने महत्वपूर्ण होते हैं। फलों के जरिए हमारे शरीर को हर जरूर पोषक तत्व प्राप्त होता है जिनकी मदद से न केवल हम स्वस्थ रहते हैं बल्कि दिनचर्य के कई कार्यो को पूरा करने के लिए हमें ऊर्जा भी मिलती है। फ्रूट्स में सभी प्रकार के विटामिन, खनिज पदार्थ और विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जैसे की मैग्नीशियम, कैल्शियम, फोलिक एसिड, फास्फोरस, कॉपर, आयरन, सोडियम और जिंक आदि। फलों को अपने आहार में शामिल करने से व्यक्ति जीवन भर स्वस्थ रहता है। आपने वो कहावत जरूर सुनी होगी “An apple a day keeps a doctor away” यानी रोजाना एक सेब खाने से आपको किसी भी चिकित्स्क की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सेब की ही तरह अन्य फलों का भी नियमित सेवन करने से आप कई प्रकार की बिमारियों से बच पाते हैं। आज हम आपको सभी फलों के हिंदी और इंग्लिश में नाम बताएंगे। कई लोग फलों के अंग्रेजी व हिंदी नामों को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं जिसके कारण वह गलत फल का भी सेवन कर सकते हैं। कई लोग अगर हिंदी में फल का नाम जानते हैं तो इंग्लिश में नहीं जानते तो वही कई लोगों को इंग्लिश फ्रूट्स का मतलब हिंदी में नहीं पता होता (fruits name meaning in hindi). तो चलिए जानते हैं हिंदी और इंग्लिश में फलों के नामों के बारे में वो भी फोटो के साथ – Acai Berry/Black berries/Dewberry in Hindi = काला जामुन/जामुन/ड्यूबेरी इन इंग्लिश Apple/Pippin Fruit = सेब इन इंग्लिश Apricot meaning in Hindi = खुबानी/जर्दालु इन इंग्लिश Avocado/Butter fruit in Hindi = एवोकाडो/मक्खन फल इन इंग्लिश Banana/Plantain in Hindi = केला इन इंग्लिश Black Nightshade in Hindi = मकोय इन इंग्लिश Blackcurrant meaning in Hindi = फालसेब इन इंल्गिश Blueberry fruit meaning in Hindi = नीलबदरी/ब्लूबरी Cantaloupe meaning in Hindi = खरबूजा इन इंग्लिश Carambola/Star fruit in meaning in Hindi = कमरख इन इंग्लिश Cashew Apple fruit in Hindi = काजू फल Cherry in Hindi = चेरी Citron/Shaddock fruit/Grapefruit/Pomelo = चकोतरा Clementine/Orange in Hindi = संतरा इन इंग्लिश Cloudberry meaning in Hindi = क्लाउड बेरी इन इंग्लिश Coconut in Hindi = नारियल इन इंग्लिश Cranberry fruit in Hindi = क्रैनबेरी इन इंग्लिश Custard Apple in Hindi = सीताफल/शरीफा इन इंग्लिश Damson in Hindi = झरबेर इन इंग्लिश Pumpkin in Hindi = कद्दू इन इंग्लिश Dates fruit in Hindi = खजूर इन इंग्लिश Dragon Fruit/Pitaya in Hindi = ड्रैगन फल Egg fruit in Hindi = अंडा फल इन इंग्लिश Elderberry in Hindi = एल्डरबेर्री Feijoa fruit in Hindi = फेजोआ Fig in Hindi = अंजीर Goji Berry meaning in Hindi = गोजी बेर Gooseberry fruit in Hindi = करौंदा इन इंग्लिश Grapes in Hindi = अंगूर इन इंग्लिश Grewia Asiatica in Hindi = फालसा इन इंग्लिश Guava in Hindi = अमरुद इन इंग्लिश Honeyberry in Hindi = हनी बेरी इन इंग्लिश Honeydew Melon in Hindi = मीठा तरबूज इन इंग्लिश Huckleberry in Hindi = हक्लबेरी इन इंग्लिश Jabuticaba in Hindi = जबुटिकाबा इन इंग्लिश Jackfruit in Hindi = कटहल इन इंग्लिश Jicama fruit in Hindi = सकालू इन इंग्लिश Jujube in Hindi = बेर इन इंग्लिश Neolamarckia cadamba fruit in Hindi = कदबं फल इन इंग्लिश Kiwano in Hindi = किवानो इन इंग्लिश Kiwi meaning in Hindi = कीवी इन इंग्लिश Lemon in Hindi = नींबू इन इंग्लिश Limonia Acidissima in Hindi = कैथा इन इंग्लिश Longan/Lychee meaning in Hindi = लीची इन इंग्लिश Loquat in Hindi = लोकाट इन इंग्लिश Makoy fruit in Hindi = रसभरी इन इंग्लिश Malay Apple/Rose Apple in Hindi = हरा जामुन इन इंग्लिश Malta fruit in Hindi = माल्टा फल इन इंग्लिश Mandarin in Hindi = किन्नू इन इंग्लिश Mango in Hindi = आम इन इंग्लिश Mangosteen in Hindi = मैंगास्टीन इन इंग्लिश Miracle fruit in Hindi = चमत्कारी फल इन इंग्लिश Mismusops in Hindi = खिरनी इन इंग्लिश Monk fruit in Hindi = साधु फल इन इंग्लिश Monkey fruit in Hindi = बढ़ल/बड़हर/बड़हल इन इंग्लिश Mulberry in Hindi = मलबैरी इन इंग्लिश Mulberry in Hindi = शहतूत इन इंग्लिश Muskmelon fruit in Hindi = खरबूजा Nance in Hindi = नैन्स इन इंग्लिश Olive fruit in Hindi = जैतून इन इंग्लिश Owari Satsuma in Hindi = सात्सुमा इन इंग्लिश Palm fruit in Hindi = ताड़ का फल इन इंग्लिश Palmyra fruit in Hindi = ताड़ गोला इन इंग्लिश Papaya meaning in Hindi = पपीता इन इंग्लिश Passion fruit in Hindi = कृष्णा फल Peach/Nectarine fruits in Hindi = सतालू/आड़ू इन इंग्लिश Pear fruit in Hindi = नाशपाती/बाबूगोशा इन इंग्लिश Persimmon in Hindi = तेंदू फल इन इंग्लिश Pineapple meaning in Hindi = अनानास इन इंग्लिश Pineberry in Hindi = पाइनबेरी इन इंग्लिश Pithecellobium Dulce in Hindi = जंगल जलेबी इन इंग्लिश Plum in Hindi = आलूबुखारा इन इंग्लिश Pomegranate in Hindi = अनार इन इंग्लिश Prickly Pear meaning in Hindi = कांटेदार नाशपाती इन इंग्लिश Quince in Hindi = सफरजल/श्रीफल इन इंग्लिश Raisins in Hindi = किशमिश इन इंग्लिश Red Banana in Hindi = लाल केला इन इंग्लिश Salak in Hindi = सालक इन इंग्लिश Salak in Hindi = सलक इन इंग्लिश Sapodilla/Sapota = चीकू/नसबेरी इन इंग्लिश Satsuma in Hindi = सात्सुमा इन इंग्लिश Soursop in Hindi = लक्ष्मण फल इन इंग्लिश Star Apple in Hindi = सितारा सेब इन इंग्लिश Strawberry meaning in Hindi = स्ट्रॉबेरी Sugar Cane in Hindi = गन्ना इन इंग्लिश Surinam Cherry in Hindi = सुरिनाम चेरी इन इंग्लिश Sweet Lime in Hindi = मोसंबी/मौसमी इन इंग्लिश Sweet Potato in Hindi = शकरकंद इन इंग्लिश Tamarillo in Hindi = तमारिल्लो इन इंग्लिश Tamarind in Hindi = इमली इन इंग्लिश 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How to Measure Your Height

हाइट बढ़ाने के घरेलू उपाय, एक्सरसाइज और क्या खाएं – How to Increase Height in a Week in Hindi

हाइट बढ़ाने के तरीके – Height Badhane Ke Liye Kya Kre हाइट एक ऐसी चीज है जिसे सुंदरता के पैमाने में सबसे ऊपर माना जाता है। आप सभी ने देखा होगा की भीड़ में लंबा व्यक्ति अलग ही दिखाई देता है। यह कारण है कि हर कोई लंबी हाइट की ख्वाहिश रखता है। आपकी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए आज हम आपको इस लेख में बताएंगे – हाइट बढ़ाने के तरिके, हाइट बढ़ाने की दवा, हाइट बढ़ाने का तरीका, हाइट बढ़ाने के उपाय, हाइट बढ़ाने की दवा पतंजलि, हाइट बढ़ाने के कैप्सूल, हाइट बढ़ाने की एक्सरसाइज फोटो, हाइट बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए, हाइट बढ़ाने के घरेलू नुस्खे, हाइट बढ़ाने के योग, हाइट बढ़ाने की एक्सरसाइज (exercise) और हाइट बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। कई लोगों को यह कहा जाता है कि हाइट अनुवांशिक होती है और वह केवल 17 से 18 वर्ष की उम्र तक ही बढ़ती है। दरअसल ऐसा बिलकुल नहीं है। आप चाहें तो 18 वर्ष की उम्र के बाद भी अपनी हाइट बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद और योग के अनुसार भी कुछ खास जड़ी-बूटियों के सेवन व आसान की मदद से हाइट बढ़ाने में मदद मिलती है। अगर आपकी उम्र 18, 21 या 25 वर्ष की है तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस उम्र में भी हाइट बढ़ाने की गुंजाईश होती है। हालांकि, ध्यान रहे की जितनी ज्यादा आपकी उम्र होगी उतना ही कम आपकी हाइट बढ़ने की संभवना रहेगी। हाइट बढ़ाने का घरेलू उपाय – Height badhane ka gharelu upay आप सोच रहे होंगे की बिना किसी कसरत व योग के हाइट को कैसे बढ़ाया जा सकता है? बता दें की आयुर्वेद के अनुसार हमारी डाइट यानी खाने का हाइट बढ़ाने पर बेहद असर पड़ता है। हम जो कुछ खाते हैं उसका सीधा प्रभाव हाइट बढ़ने व रुकने दोनों को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए आज हम आपको बतांएगे की किन हेल्दी उपाय की मदद से आप घर पर ही हाइट बड़ा सकते हैं – हाइट बढ़ाने का घरेलू तरीका है अश्वगंधा चूर्ण – Height badhane ka gharelu upay hai ashwagandha अश्वगंधा एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसे लगभग हर रोग के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। अश्वगंधा पाउडर का यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा बढ़ाने और शक्ति प्रदान करने के लिए सेवन किया है। इसके अलावा कई प्राचनी चिकित्स्क अश्वगंधा के सेवन से शरीर की लंबाई बढ़ाने का भी उपचार किया करते थे। अध्ययनों के अनुसार भी अश्वगंधा के सही सेवन की मदद से 25 की उम्र तक व्यक्ति की हाइट आसानी से बढ़ सकती है। चूर्ण है हाइट बढ़ाने का घरेलू नुस्खा – Growth on Powder for Height Increase in Hindi अगर आप घर पर ही बिना किसी खर्च के हाइट बढ़ाने की दवा बनाना चाहते हैं तो नागौरी और अश्वगंधा बनाने की विधि को अच्छे से फॉलो करें। अश्वगंधा के पत्तों को अच्छे से पीस कर उसमें नागौरी के बीज मिलाएं। इन दोनों का चूर्ण (powder) तैयार कर लें और उसे रोजाना दूध या पानी में मिलाकर 2 बार सेवन करें। हाइट बढ़ाने के नुस्खे हैं कैल्शियम युक्त आहार – Calcium se badhti hai height कैल्शियम (height badhane ka tarika) हड्डियों की वृद्धि के लिए बेहद जरूरी होता है। छोटी उम्र से ही कैल्शियम की कमी के कारण व्यक्ति को किशोरावस्था में कम हाइट का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप 22 की उम्र के बाद भी हाइट बढ़ाना चाहते हैं तो कैल्शियम युक्त आहार खाना शुरू कर दें। इसके लिए आप अंडे, दूध, पनीर, बीन्स, फलियां, कद्दू, गाजर दाल, केले और ब्रोकोली का सेवन कर सकते हैं। अपने आहार में दूध से बनी सभी प्रकार की चीजों को शामिल करें। हाइट बढ़ाने का घरेलू उपचार है नींद – Height badhane ka gharelu upchar hai neend अच्छी हाइट के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी होता है। सोते समय हमारे शरीर की मांसपेशियां को आराम मिलता है जिससे उनमें वृद्धि होती है। इसके साथ ही अच्छी नींद लेने से हड्डियां व मस्तिष्क स्वस्थ रहते हैं। बेहतर नींद के लिए सोने से पहले दूध का सेवन करें। इसके अलावा सीधी मुद्रा में सोने की कोशिश करें। सही मुद्रा और सोने का समय से हाइट के बढ़ने में बेहद महत्व रखता है। हमारे शरीर के ज्यादातर ग्रोथ हॉर्मोन सोते समय ही बढ़ते हैं। हालांकि, इसके साथ आपको अपने दिनचर्य में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज शामिल करने की भी आवश्यकता होगी। हाइट बढ़ाने का घरेलू इलाज है ये देसी नुस्खा – Height badhane ka gharelu ilaj hai ye desi nuskha बरगद का फल, जीरा और मिश्री के मिश्रण का रोज सेवन करने से 18 वर्ष की उम्र के बाद भी हाइट को बढ़ाया जा सकता है। तीनो सामग्री को एक साथ पीस लें। अब इस पाउडर को दूध या पानी के साथ मिलाकर रोजाना दिन में दो बार लें। हाइट बढ़ाने की 5 एक्सरसाइज – Height badhane ki exercise व्यायाम हाइट बढ़ाने में सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। हालांकि, अगर आपकी उम्र 22 से ज्यादा है तो आपको इसके साथ हाइट बढ़ाने के घरेलू उपायों को भी अपनाने की जरूर पड़ सकती है। हाइट बढ़ाने की बेस्ट एक्सरसाइज है साइकिलिंग – Height badhane ki best exercise hai cycling अगर आप अभी भी 18 वर्ष के हैं और अपनी हाइट बढ़ाने के बारे में चिंतित हैं तो साइकिलिंग आपके लिए एक बेहतरीन हाइट बढ़ाने की एक्सरसाइज हो सकती है। कुछ अध्ययनों में साइकिल चलाने से हाइट बढ़ने के ठोस सबूत देखें गए हैं। साइकिल चलाते समय हमारे पैरों की गतिविध में स्ट्रेचिंग होती है जिसके कारण उनके लंबे होने की संभावना बड़ जाती है। ध्यान रहे की किसी भी उम्र में स्ट्रेचिंग की मदद से शरीर को कुछ इंच तक बढ़ाया जा सकता है। लटकना है हाइट बढ़ाने की बेस्ट एक्सरसाइज इन हिंदी – Hanging exercise for height in Hindi लटकने से हाइट बढ़ती है, यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन किस उम्र तक? दरअसल शोध के अनुसार आपको बढ़ती उम्र के मुताबिक लटकने की विधि और समय सीमा में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता होती है। कम उम्र से ही लटकने पर किशोरावस्था तक व्यक्ति की लंबाई अच्छी खासी बढ़ जाती है। हालांकि, अगर आप 21 वर्ष की

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने से क्या होता है

प्रेगनेंसी में खट्टा खाने से क्या होता है – Pregnancy mein Khatta Khane se Kya Hota Hai आज हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का क्या मतलब होता व प्रेगनेंसी में खट्टा खाना चाहिए कि नहीं। यदि आप गर्भवती हैं तो आपको अजीब-अजीब खाने से जुड़ी चीज़ों का सेवन करने का मन करता होगा जो कि शायद आपने पहले न खाई हों। कभी-कभी तो आपको ऐसी चीज़ें खाने का मन करेगा जो आप कभी खाना नहीं चाहेंगी या जो खाने की नहीं होती है। इस सब में महिलाओं का सबसे अधिक मन खट्टा खाने का होता है। क्या आपको पता है महिलाओं को गर्भवस्था में खट्टा खाने का मन क्यों करता है? अक्सर हमने लोगों को यह कहते सुना है कि गर्भवती महिलाओं को खट्टा खाने का दिल करता है। यदि कोई महिला ज्यादा खट्टी चीज़ें खा रही है तो प्रश्न यही आता है कि शायद महिला गर्भवती होगी। यह बात हम सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी में खट्टा खाने का मन करता है पर क्या आपको पता है ऐसा क्यों होता है?  आमतौर पर गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में खट्टा खाती है जो कि एक मानसिक स्थिति है। हालांकि महिलाएं गर्भावस्था में खट्टी चीज़ें क्यों खाती हैं इसके कई वैज्ञानिक कारण हैं जो कि गर्भावस्था के शुरू होने से ही आरम्भ हो जाते हैं। निम्न तीन मुख्य कारणों की वजह से महिलाओं को गर्भवस्था में खट्टा खाने का मन करता है –  गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिला के शरीर में गैस्ट्रिक एसिड का बनना कम हो जाता है जिससे पाचन करने वाले एंजाइम कम बनते हैं जिसके कारण गर्भवती महिला को चक्कर आना, जी मिचलाना, भूख कम लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। खट्टा खाने से पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनने लगता है और पाचन करने वाले एंजाइम भी बनने लग जाते हैं जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टिनल पथ में कार्य शुरू हो जाता है जिसके कारण पाचन और भोजन के अवशोषण में मदद मिलती है। तो अगर कोई गर्भवती महिला एसिडिक या खट्टा पदार्थ कहती है तो वो इसलिए ताकि उसे जी मिचलाना, उलटी आना आदि लक्षणों से आराम मिल सके और इनके कारण गर्भवती महिला की भूख भी बढ़ जाती है।  गर्भावस्था के दूसरे व तीसरे महीने में शिशु की हड्डियाँ व कंकाल बनना शुरू होता है जो कि कैल्शियम से बना होता है लेकिन कैल्शियम को फ्री फॉर्म में हड्डियों में ज़माने के लिए एसिडिक फ़ूड या विटामिन सी की जरूरत होती है। इसलिए इस समय में महिला का खट्टा खाने का मन करता है।  गर्भवती महिला यदि खट्टे पदार्थ खाती है तो उसका शरीर आयरन के अवशोषण, हमोग्लोबिन को बनने में मदद करने के लिए इन खट्टी चीज़ों की मांग करता है। विटामिन सी माता व शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। भ्रूण अपने लिए कनेक्टिव टिशू सेल का उत्पादन करने के लिए मैट्रिक्स प्रोडक्शन की संरचना कर रहा होता है और साथ ही हेमाटोपोईएटिक की संरचना भी हो रही होती है जो कि शिशु के कार्डियो वेस्कुलर विकास और वृद्धि में मदद मिलती है। विटामिन सी से माता की इम्युनिटी बढ़ जाती है और आयरन के अवशोषण व प्रयोग को बढ़ावा देता है और खट्टी चीज़ें अधिकतर विटामिन  सी से बनी होती है  इससे गर्भवती माँ अपने आप को व शिशु को विटामिन सी दे पाती है। साथ ह आयरन एक जरूरी ट्रेस पदार्थ है हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आयरन बहुत ही जरूरी है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी हो सकती है। ऐसे में विटामिन सी एनीमिया को ठीक करने में मदद करता है। केवल एसिडिक स्थितियों में फ्रिक आयरन डाईवेलेंट आयरन में बदल सकता है जो कि पेट द्वारा अवशोषित होता है।

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