जहां महामारी के इस दौर में पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है वहीं कई राज्यों में टिड्डी दल (Locust) का हमला हो रहा है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में टिड्डियों ने भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि अन्य राज्य पहले से ही इसकी तैयारी कर चुके हैं। सूत्रों की माने तो 27 साल बाद टिड्डी दल का इतना खतरनाक हमला हुआ है।
क्या है टिड्डी दल और क्यों कर रहे हैं वह हमला?
टिड्डी एक प्रकार के परजीवी होते हैं जो ग्रासहोपर परिवार से संबंध रखते हैं। भारत के लिए अलावा इन परजीवियों का दल अन्य देशों जैसे अफ्रीका, पाकिस्तान और नेपाल में भी पाएं जाते हैं। देश भर के किसानों को इस हमले से बेहद नुकसान पहुंचा है और आशंका लगाई जा रही है की यह हमला आगे भी चल सकता है।
टिड्डियों का हमला भारत व पाकिस्तान में नया नहीं है। इससे पहले भी हर वर्ष टिड्डियों का हमला होता रहा है। लेकिन इस बार घबराने वाली बात यह है कि लॉकडाउन के दौरान किसानो को अपनी फसलों को बचाने में कई नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल इस हमले का कारण है मौसमी फेर बदल। बारिश के मौसम में टिड्डी अत्यधिक प्रजनन करते हैं जिससे उनकी संख्या बेहद बढ़ जाती है। अधिक आबादी होने पर टिड्डियों का दल एक जगह से दूसरी जगह उड़ने लगता है। इनका अगला स्थान हवा की दिशा पर निर्भर करता है। बता दें की हवा की दिशा पाकिस्तान से भारत की ओर आ रही है जिसके कारण टिड्डी देश में प्रवेश कर चुके हैं।
किन-किन राज्यों तक पहुंच चुके हैं टिड्डी
टिड्डी दल पाकिस्तान से होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर चुके हैं जिसके बाद वह हवा की दिशा के सहारे आगरा, मध्य प्रदेश में भी पहुंच चुके हैं। सूत्रों की माने तो इन राज्यों में टिड्डी दल अलर्ट जारी कर दिया गया है। पाकिस्तान से करीब 11 लाख टिड्डी भारत में आएं हैं जो की अब विभिन्न झुंड में बट चुके हैं।
झुंड में बटने के कारण स्थिति से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन फसलों को पहुंचे गए नुकसान का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। पंजाब और हरियाणा की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले फ़िलहाल बेहतर है।
कहां तक बढ़ सकता है खतरा
कृषि विभाग को दादरी, सिरसा, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में टिड्डियों के हमले की चेतावनी दी गई है। मीडिया की माने तो गुरुवार सुबह टिड्डियों का हमला मुंबई तक पहुंच सकता था लेकिन हवा के चलते ऐसा नहीं हो पाया।
गुजरात में टिड्डियों की भारी मात्रा होने के कारण बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र खासतौर से मुंबई में हमला होने की आशंका है। टिड्डी मुंबई के नमी भरे मौसम में जीवित रह सकते हैं। अब देखना ये होगा कि हवा का रुख बदलने पर टिड्डियों का ये दल आगे किस राज्य को अपना शिकार बनाता है।