बदलती जीवनशैली में कई बीमारियों ने भी हमारी जिंदगी में अपनी जगह बना ली है। आजकल कई बीमारियां ऐसी हैं जो खासतौर पर पुरुषों या महिलाओं को अपना शिकार बनाती हैं जिनमें से एक थायराइड भी है। आंकड़ों की मानें तो थायराइड की बीमारी महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। आइए जानते हैं कि महिलाओं में थायराइड क्यों होता है। इस लेख में हम महिलाओं में थायराइड के एक प्रकार हाइपोथायराइड के बारे में जानेंगें। थाइरोइड के प्रकार – thyroid ke prakaar थायरॉइड दो प्रकार का होता है हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म। हाइपोथायरॉइड और हाइपरथायरॉइड दोनो ही समस्या अलग-अलग प्रकार की होती हैं, दोनो अवस्थाएं अलग होती हैं। दोनों प्रकार के थायरॉइड के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. इसकी वजह से शरीर में होने वाले बदलाव भी अलग होते हैं, जो आपके रहन-सहन का तरीका भी पूरी तरह बदल देते हैं। जैसे कुछ लोग थायरॉइड होने पर मोटे हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोग थायरॉइड होने पर पतले हो जाते हैं। हाइपरथायरॉइड के लक्षण – Hyperthyroid ke lakshan सांस लेने में समस्या होना, अचानक धड़कनों का बढ़ जाना संतुलित आहार लेने के बाद भी तेजी से वजन घटना सामान्य मौसम में भी तेज गर्मी लगना और हद से ज्यादा पसीना आना दिन भर कमजोरी और थकान महसूस करना हाथ-पैर के नाखूनों का हद से ज्यादा मुलायम या नर्म हो जाना माहवारी की समस्या बालों का झड़ना त्वचा में खुजली और लाल धब्बे हाइपोथायरॉइड के लक्षण – hypothyroid ke lakshan अचानक वजन बढ़ना शरीर और मांसपेशियों में दर्द अनियमित माहवारी हृदय गति का अचानक कम हो जाना आई-ब्रो या भौहों के बाल झड़ना रूखी और बेजान त्वचा नाखूनों का खराब होना कब्ज या पेट की समस्या हाइपोथायरॉइड और हाइपर थायरॉइड में अंतर – hypothyroid or Hyperthyroid me antar हाइपर थाइरॉइड में थायरॉइड ग्रंथि से निकलने वाले हॉर्मोन के स्तर में बढ़ोतरी होती है, जबकि हाइपोथायरॉइड में थायरॉइड में हॉर्मोन की मात्रा कम हो जाती है। हाइपरथायरॉइड में ग्रेव्स रोग हो सकता है, जबकि हाइपोथायरॉयड कि वजह से ये बीमारी नहीं होती है। महिलाओं में थायराइड क्यों होता है – mahilaon mein thyroid kyon hota hai in hind वायरल संक्रमण के चपेट में आने पर महिला को थायराइड की शिकायत हो सकती है। जो महिला हमेशा तनाव यानी स्ट्रेस में रहती है उन्हें थायराइड होने का खतरा अधिक होता है। डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आने के कारण भी थायराइड की समस्या पैदा हो सकती है। जब एक महिला की शरीर में आयोडीन की कमी होती है तो थायराइड का खतरा होता है। महिलाओं में थायराइड कई कारणों से होता है जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं – वायरल संक्रमण के चपेट में आने पर महिला को थायराइड की शिकायत हो सकती है। जो महिला हमेशा तनाव यानी स्ट्रेस में रहती है उन्हें थायराइड होने का खतरा अधिक होता है। डिलीवरी के बाद शरीर में बदलाव आने के कारण भी थायराइड की समस्या पैदा हो सकती है। जब एक महिला की शरीर में आयोडीन की कमी होती है तो थायराइड का खतरा होता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण महिला को कई तरह की परेशानियां होती हैं और थायराइड भी उन्हीं में एक है। महिलाओं में थायराइड के लक्षण – Mahilaon me thyroid ke lakshan थायराइड की बीमारी होने पर थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाती है। गले के बीचो-बीच स्थित थायराइड ग्रंथि थायराइड नामक हार्मोन का उत्पादन करती है जो कि भोजन के पाचन में सहायता करती है। भोजन के पचने के बाद शरीर को एनर्जी मिलती है। वहीं अगर शरीर में थायराइड हार्मोन कम या ज्यादा बनने लगे तो खाना पचने में दिक्कत आने लगती है। इससे एनर्जी लेवल भी घटने लगता है। महिलाओं को थायराइड होने पर थकान, अधिक नींद आने, सुस्ती महसूस होने की समस्या रहती है। ये हार्मोन शरीर को गर्माहट प्रदान करता है जबकि इसकी कमी होने पर बहुत ठंड लगने लगती है। जिन महिलाओं को थायराइड होता है उनके हाथ-पैर अकसर ठंडे रहते हैं। इस बीमारी में खाने में फैट की अधिक मात्रा न लेने पर भी वजन बढ़ने लगता है। थायराइड हार्मोन कम होने पर एक या दो महीने के अंदर ही दो से ढाई किलो वजन बढ़ जाता है। इस वजन को आसानी से घटाया भी नहीं जा सकता है। थायराइड के अन्य लक्षणों में बालों का झड़ना, त्वचा का रूखा होना, मांसपेशियों में दर्द, नाखूनों के कमजोर होना शामिल है। थायराइड की दवा पर 60% प्रतिशत की छूट महिलाओं में थायराइड के कारण – Mahilaon me thyroid kaise hota hai in Hindi शरीर में आयोडीन की मात्रा घटने पर या वायरल संक्रमण की चपेट में आने की स्थिति में थायराइड ग्रंथि में सूजन आ सकती है। इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि ठीक तरह से अपना काम नहीं कर पाती है जिससे शरीर के बाकी कार्यों में भी रुकावट आती है। इसके अलावा स्ट्रेस हार्मोन में परिवर्तन के कारण भी शरीर की महत्वपूर्ण थायराइड ग्रंथि काम करना बंद कर देती है। कई बार महिलाओं को डिलीवरी के बाद शरीर मे आए बदलावों के कारण थायराइड की समस्या हो सकती है। महिलाओं में थायराइड प्रभाव – Mahilaon me thyroid ka prabhav महिलाओं में थायराइड प्रभाव की बात करें तो इसका इसर उनकी प्रेगनेंसी और मासिक धर्म दोनों पर ही पड़ता है। थायराइड होने की वजह से महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। उनके पीरियड्स भी अनियमित ही जाते हैं। अगर आपको अनिद्रा की समस्या, वजन बढ़ना या घटना, स्ट्रेस बढ़ना आदि लक्षण हैं तो ये थायराइड की ओर संकेत करते हैं। थायराइड होने के बाद आपको कई बुरे प्रभाव भी झेलने पड़ सकते हैं। थायराइड में पीरियड मिस होना – Thyroid me period problem in Hindi कभी-कभी ओवरएक्टिव या अंडरएक्टिव थायराइड की वजह से भी पीरियड में देरी हो जाती है। थायराइड बढ़ने पर पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द, चिड़चिड़ापन, बहुत कम या ज्यादा ब्लीडिंग होना, तनाव, डिप्रेशन, कब्ज, चेहरे पर सूजन, चेहरे और पेट पर अनचाहे बाल, ज्यादा गर्मी लगने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। पीरियड की समस्याओं के अलावा ओवर एक्टिव थाइराॅयड , वेट लाॅस, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा पसीना आना जैसे लक्षणों का भी कारण होता है। गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने की वजह से भी अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स में देरी होती है। जब शरीर में थायराइड हार्मोन कम बनने लगता है तो इसका असर पीरियड्स पर भी पड़ता है। इसकी वजह से मासिक धर्म अनियमित हो सकते
