अवसाद यानी डिप्रेशन क्या होता है? – What is Depression in Hindi
आज हम आपको डिप्रेशन (Depression) के लक्षण (Symptoms) कारण (Causes) और इलाज (Treatment) के बारे में बताएंग। डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद कहा जाता है जो कि एक मानसिक विकार है। इसमें व्यक्ति को अत्यधिक दुःख, क्षति का एहसास होता है। कई बार व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा भी आ सकता है जिससे व्यक्ति का सामान्य जीवन प्रभावित होता है। यह बहुत ही सामान्य स्थिति है। एक शोध के अनुसार यह पता चला है कि अमेरिका में बीस वर्ष के युवाओं में 8.1 युवा डिप्रेशन का शिकार होते हैं।
डिप्रेशन व्यक्ति को अलग-अलग तरह से महसूस होता है। यह आपके रोजाना के कार्यों को भी प्रभावित करता है . इसके कारण व्यक्ति के समय की अधिक बर्बादी होती है और काम भी कम हो पाता है। इससे व्यक्ति के निजी रिश्ते भी प्रभावित होते हैं साथ ही डिप्रेशन का बहुत अधिक प्रभाव स्वास्थ्य स्थितियों पर भी पड़ता है।
ऐसी स्थितियां जो कि डिप्रेशन के कारण और अधिक खराब हो सकती हैं उनमें निम्न शामिल हैं
- आर्थराइटिस
- अस्थमा
- कार्डियोवैस्कुलर रोग
- कैंसर
- डायबिटीज
- मोटापा
यह समझना और महसूस करना बेहद जरूरी है कि जीवन में दुःख महसूस करना जीवन का एक अंग है। दुखद घटना सभी के जीवन में होती है। लेकिन अगर आप लगातार ना उम्मीद महसूस कर रहे हैं तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन के शिकार हैं।
डिप्रेशन को एक गंभीर मानसिक स्थिति माना जाता है जो कि सही इलाज न मिलने के कारण और अधिक खराब हो सकती है। जो लोग डिप्रेशन का ट्रीटमेंट लेते हैं उनके लक्षणों में कुछ हफ्तों में ही सुधार दिखाई देने लगता है।
डिप्रेशन दुनियाभर में बहुत ही सामान्य स्थिति है, इससे लगभग 264 मिलियन लोग प्रभावित हैं। डिप्रेशन सामान्य मूड स्विंग या मन में थोड़े समय के लिए रहने वाली भावनाओं से बहुत अलग होता है। यदि डिप्रेशन लंबे समय से और अलग-अलग गंभीरता के साथ व्यक्ति को प्रभावित करता है तो यह स्वास्थ्य स्थिति बन सकता है। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति घर पर ऑफिस में या स्कूल में ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता है। डिप्रेशन की अधिकता में व्यक्ति आत्महत्या तक कर लेता है। विश्व भर में एक साल में आठ लाख लोग आत्महत्या से मरते हैं जिसका सबसे कारण आत्महत्या है। 15-29 वर्ष के युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है।
हालांकि मानसिक विकारों के लिए कई प्रभावकारी ट्रीटमेंट हैं लगभग 76 प्रतिशत गरीब देशों के लोगों तक डिप्रेशन की दवाएँ पहुंच नहीं पाती हैं। अच्छी तरह से केयर करने के लिए जरूरी स्रोत, संसाधन, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और बाहरी तनाव के कारण मानसिक रोगों का इलाज नहीं हो पाता है। दुनियाभर के देशों में डिप्रेशन से ग्रस्त लोगों का इलाज ठीक तरह से नहीं हो पाता है और साथ ही वे लोग जिन्हें डिप्रेशन नहीं भी होता है उन्हें एंटी डिप्रेस्सेंट दी जाती हैं।
डिप्रेशन व अन्य मानसिक स्थितियों का भार आज विश्व भर में बढ़ता जा रहा है। जीवन की बड़ी घटनाएँ जैसे किसी प्रेमी का छोड़ कर चले जाना, किसी प्रिय का बिछड़ना, नौकरी छूटना आदि के कारण व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। हालांकि, डॉक्टर ऐसा मानते हैं कि यदि दुःख लंबे समय तक बना रहता है तो यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है।
डिप्रेशन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है न कि गुजरने वाली। यह भिन्न एपिसोड या भिन्न भागों में व्यक्ति को प्रभावित करती है जिसके लक्षण दो हफ्तों तक दिखाई दे सकते हैं। डिप्रेशन कुछ हफ़्तों, महीनों या सालों तक भी चल सकता है। इसमें व्यक्ति को अकेलापन महसूस होता है। व्यक्ति सबके साथ रह कर भी अलग-थलग महसूस करता है। आइये डिप्रेशन के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तृत रूप से जानें।
डिप्रेशन का लक्षण – Depression Symptoms in Hindi
हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी दुःख महसूस होता है लेकिन कभी-कभी यह कुछ दिनों तक रहता है और फिर ठीक हो जाता है। डिप्रेशन इन सभी से अलग होता है। यह आपके पूरी जीवनशैली को प्रभावित करता है और जीवन को और मुश्किल बना देता है। आपको ठीक होने के लिए इलाज की और काउंसलिंग की जरूरत पड़ती है।
डिप्रेशन के कई सारे संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे सभी लक्षण आपको भी दिखाई दे। प्रत्येक व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण अलग हो सकते हैं और अलग तरह की गंभीरता से व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
डिप्रेशन में क्या होता है – Depression mein kya hota hai
- दुखी, खाली और बेचैन। ये भावनाएं व्यक्ति के मन में बनी रहती हैं और जीवन में ख़ालीपन का एहसास होता है। बहुत से लोगों के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस करना।
- किसी बात का अत्यधिक बुरा लगना, लाचार, बेसहारा और बेबस महसूस करना। व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में बुरा महसूस हो सकता है। हो सकता है कि व्यक्ति अपने जीवन के बारे में बहुत अधिक सोचता हो।
- बेबस महसूस करना। हो सकता है कि व्यक्ति बहुत निराश महसूस करे और उसे हर समय यही लगता रहे कि उसके जीवन में कुछ अच्छा नहीं होने वाला है। व्यक्ति को इस समय आत्महत्या के ख्याल भी आते रहते हैं।
- चिड़चिड़ापन। व्यक्ति अत्यधिक चिड़चिड़ा हो सकता है या फिर सामान्य से अधिक गुस्सा कर सकता है।
- किसी भी काम में मन न लगना। किसी भी खेल या हॉबी को न कर पाना। हो सकता है कि व्यक्ति के खाने-पीने, खेलने और सेक्स तक की इच्छा खत्म हो जाए।
- ऊर्जा की कमी। व्यक्ति में कुछ भी नया करने की इच्छा और ऊर्जा न होना भी डिप्रेशन का एक संकेत हो सकता है। रोजाना के कार्य और अन्य काम को करना बहुत बोझिल लगे। साथ ही व्यक्ति बहुत थका हुआ भी महसूस कर सकता है।
- ध्यान लगाने में परेशानी। हो सकता है कि व्यक्ति को अपना ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो। सामान्य कार्य जैसे अखबार पढ़ना, टीवी देखना आदि में भी मन न लगना। व्यक्ति को कोई भी निर्णय लेने में भी परेशानी हो सकती है। साथ ही हो सकता है कि व्यक्ति को कुछ भी याद न रहे।
- स्लीपिंग पैटर्न में गड़बड़ी। हो सकता है कि व्यक्ति बहुत अधिक सोता हो या फिर बहुत ही कम। हो सकता है कि व्यक्ति जल्दी उठ जाए या फिर सोने में तकलीफ़ भी हो सकती है।
- भूख में बदलाव आना। व्यक्ति की भूख में कुछ बदलाव हो सकते हैं उदाहरण के तौर पर हो सकता है कि व्यक्ति बहुत अधिक खाना खाए या फिर बहुत ही कम। डिप्रेशन से आमतौर पर व्यक्ति का वजन बहुत अधिक बढ़ या घट सकता है।
- दर्द होना। व्यक्ति को पेट में दर्द, सर में दर्द, पेट खराब या पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
डिप्रेशन के ये लक्षण प्रत्येक व्यक्ति, महिला, पुरुष, बच्चों या युवाओं में अलग तरह दिखाई दे सकते हैं।
पुरुषों में अवसाद के लक्षण – Male Depression Symptoms in Hindi
- बहुत अधिक गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन होना, बेचैनी होना, चिंतित होना
- भावनात्मक रूप से ठीक न महसूस न करना जैसे ख़ालीपन महसूस होना, उदास रहना, निराश हो जाना
- व्यवहार में बदलाव जैसे किसी काम में मन न लगना, ड्रग्स लेना, सेक्स की इच्छा कम होना, ठीक तरह से सेक्स न कर पाना
- मानसिक तौर पर स्वस्थ महसूस न करना। कार्यों को पूरा न कर पाना, बात-चीत करते हुए गुम रहना
- नींद में बदलाव, जैसे बिल्कुल न होना, बहुत ही कम सोना, अत्यधिक सोना या फिर रात को नींद न आना
- शारीरिक रूप से ठीक न रहना। चक्कर आना, दर्द होना और पाचन संबंधी समस्याएं होना आदि
महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण – Female Depression Symptoms in Hindi
- चिड़चिड़ापन
- मानसिक तौर पर अच्छा महसूस न करना, उदास रहना, चिंता में रहना, जीवन को लेकर निराश हो जाना
- घर के कार्यों में मन न लगना, आत्महत्या के ख्याल आना
- व्यवहार में बदलाव जैसे अत्यधिक सोचना, कम बात करना, धीरे बात करना, दोस्तों से न मिलना, बाहर न निकलना आदि
- नींद में बदलाव जैसे रातों को न सोना या फिर बहुत अधिक सोना
- शारीरिक रूप से ठीक न होना जैसे ऊर्जा की कमी, चक्कर आना, थकान महसूस होना, भूख में बदलाव, वजन में बदलाव, शरीर में दर्द, सर में दर्द आदि।
बच्चों में डिप्रेशन – Depression in babies in Hindi
- बहुत अधिक रोना, चिड़चिड़ा होना, गुस्सा करना आदि
- भावनात्मक रूप से ठीक न होना। अक्षमता की भावना। कुछ भी करने में मन न लगना, अधिक रोना, बहुत अधिक उदास रहना, भाई-बहनों और दोस्तों से दूर रहना
- व्यवहार में बदलाव जैसे स्कूल में रहने में कठिनाई या फिर स्कूल जाने में आनाकानी। मरने के ख्याल आना। आत्महत्या करने की कोशिश करना
- मानसिक तौर पर बदलाव आना जैसे ध्यान न लगा पाना, स्कूल में मन न लगना, ग्रेड्स में बदलाव
- नींद न आना। कम सोना या फिर सोते रहना
- शारीरिक रूप से ठीक न रहना। जैसे ऊर्जा की कमी, पाचन में समस्या, भूख कम लगना, वजन बढ़ना या कम होना
युवाओं में डिप्रेशन के लक्षण – Depression Symptoms in Adults
कॉलेज में तनाव ग्रस्त रहना और साथ ही व्यक्ति अन्य जीवनशैली संबंधी बदलावों, आसपास के वातावरण में बदलाव के साथ सामंजस्य बिठाने में अक्षम हो सकता है। कुछ विद्यार्थियों को इन बदलावों को समझने में तनाव, चिंता, दुःख आदि हो सकता है जिससे अंततः व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। साथ ही निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं –
- कॉलेज की क्लास में मन न लगना, काम में मन न लगना
- कॉलेज में होने वाली एक्टिविटी में भाग न लेना
- अत्यधिक सोना या फिर बिल्कुल नींद न आना
- अपने पसंदीदा कार्यों में भी रुचि न रहना
- दोस्तों के साथ न रहना
युवाओं में डिप्रेशन के गंभीर लक्षण व कारण – Depression Symptoms and Causes in Adults in Hindi
शारीरिक बदलाव, दोस्तों का दबाव और अन्य कारणों से युवाओं में डिप्रेशन हो सकता है। युवाओं में डिप्रेशन के निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- दोस्तों व परिवार से अलग-थलग रहना
- कहीं भी मन न लगना
- दोषी महसूस करना, निराश रहना या फिर स्वयं को काबिल न समझना
- बेचैनी होना, जैसे ठीक तरह से बैठ न पाना और खड़े न रह पाना
डिप्रेशन के लक्षणों में यह सामान्य है कि व्यक्ति स्वयं को बहुत अकेला महसूस करता है। व्यक्ति को जीवन के प्रति निराशा होने लगती है और कहीं भी मन न लगने के कारण स्वयं को अलग महसूस करने लगता है।
डिप्रेशन के कारण – Cause of Depression in Hindi
डिप्रेशन के लक्षण मानसिक बदलाव से अधिक भावनात्मक व शारीरिक भी हो सकते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि किस कारण से व्यक्ति को क्लिनिकल डिप्रेशन होता है। हो सकता है कि व्यक्ति को मेजर डिप्रेशन हो। यहां प्रश्न यह आता है कि कुछ लोगों को डिप्रेशन होता है और कुछ को नहीं।
डिप्रेशन एक गंभीर रोग है। किसी को भी डिप्रेशन का सटीक कारण नहीं पता है लेकिन इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों को डिप्रेशन कुछ विशेष रोगों के कारण हो सकता है। वहीँ कुछ लोगों को डिप्रेशन किसी प्रिय के दूर होने के कारण हो सकता है। कुछ लोगों को डिप्रेशन परिवार के कारण भी सकता है। साथ ही कई बार डिप्रेशन जेनेटिक भी हो सकता है। जो लोग डिप्रेशन महसूस करते हैं उन्हें अत्यधिक अकेलापन महसूस होता है और वे बिना किसी कारण के बहुत अधिक उदास होते हैं।
डिप्रेशन के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं? – What are the Main Causes of Depression in Hindi
डिप्रेशन के कई बड़े कारण और घटक हो सकते हैं जिनके कारण व्यक्ति में डिप्रेशन पनप सकता है। इन सभी कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं –
- भावनात्मक रूप से पीड़ित होना। जीवन में शारीरिक रूप से, यौन रूप से या फिर भावनात्मक रूप से पीड़ित होने के कारण व्यक्ति को क्लिनिकल डिप्रेशन हो सकता है।
- कुछ विशेष दवाएं। कुछ विशेष दवाओं को लेने के कारण भी व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है जैसे आइसोट्रेटिनोनिन (जिसका प्रयोग मुंहासों को ठीक करने के लिए किया जाता है), एंटी वायरल ड्रग इंटरफेरॉन-अल्फा और कॉर्टिकोस्टेरॉइड।
- यदि किसी व्यक्ति में कोई जन्म जात विकार है तो समाज, दोस्तों या परिवार द्वारा बहस होने पर व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है
- किसी अपने की मृत्यु या दूर हो जाना। किसी अपने की मृत्यु के दुःख या अलगाव के कारण भी व्यक्ति में डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है
- अनुवांशिक कारण। कई व्यक्तियों के परिवार में संबंधियों के डिप्रेशन का मरीज होने के कारण भी व्यक्ति में डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि यह माना जाता है कि डिप्रेशन एक जटिल लक्षण है। इसलिए डिप्रेशन में केवल किसी एक जीन का प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि कई सारे जीन से इस रोग का खतरा बढ़ सकता है। डिप्रेशन के अनुवांशिक कारण अन्य मानसिक रोगों की तरह होता है जैसे हंटिनगटन कोरिया (Huntington’s chorea) या सिस्टिक फाइब्रोसिस।
- जीवन के बड़े बदलाव। शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि जीवन में होने वाली अच्छी घटनाओं के कारण भी व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है जैसे – नौकरी लगना, शादी होना, ग्रैजुएट होना आदि। ऐसा ही विपरीत स्थितियों के कारण भी हो सकता है जैसे नौकरी छूट जाना, नौकरी न लगना, तलाक आदि। हालांकि क्लिनिकल डिप्रेशन में व्यक्ति का इन घटनाओं के प्रति सामान्य से अलग व्यवहार होता है।
- अन्य निजी समस्याएं। समस्याएं जैसे समाज में अकेले पड़ जाना, किसी मानसिक स्थिति के कारण या फिर परिवार व दोस्तों द्वारा अलगाव महसूस करवाना। जिसके कारण भी व्यक्ति को क्लिनिकल डिप्रेशन हो सकता है।
- गंभीर रोग। कभी-कभी डिप्रेशन किसी बड़ी बीमारी के साथ हो सकता है या किसी स्वास्थ्य स्थिति के कारण पैदा हो सकता है।
- नशे करना। लगभग 30 प्रतिशत तक लोग जो नशे करते हैं उन्हें मेजर या क्लिनिकल डिप्रेशन हो सकता है। अगर ड्रग्स एल्कोहॉल या केवल थोड़े समय के लिए ही आनंद देती है तब भी व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है।
निम्न मेडिकल स्थितियों के कारण भी व्यक्ति को डिप्रेशन व अन्य मानसिक विकार हो सकते हैं –
- डिजेनेरेटिव न्यूरोलॉजिकल स्थितियां जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसन रोग, अल्झाइमर रोग, हंटिंग्टन रोग आदि
- स्ट्रोक
- कुछ पोषण संबंधी कमियां जैसे विटामिन बी12 की कमी
- अन्य एंडोक्राइन विकार जैसे पैराथायराइड या एड्रेनल ग्रंथि में समस्या जिसके कारण बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन बनते हैं
- प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े हुए रोग जैसे लुपस
- कुछ वायरस या कुछ विशेष संक्रमण जैसे मोनोन्युक्लॉयोसिस, हेपेटाइटिस और एचआईवी
- कैंसर
- शीघ्र पतन
अन्य स्थितियां जिनके कारण व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है उनमें बीमारी, लंबे समय से भावनात्मक तनाव, नींद की समस्या और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर शामिल हैं।
यदि आपको ऐसा लगता है कि आप डिप्रेशन में हैं तो इसे और कठिन न बनाएं। डॉक्टर से मिलें बात-चीत करें। कई सारे ट्रीटमेंट हैं जिसे व्यक्ति को मदद मिल सकती है जैसे एंटीडिप्रेस्सेंट और टॉक थेरेपी। अपने मित्रों से, परिवारजनों से, प्रेमी से बात करें। कोशिश करें कि स्थिति को समझें। स्वयं को समय दें।
डिप्रेशन कैसे पहचाने – Diagnosis of Depression in Hindi
डिप्रेशन की जांच – यदि किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है कि उसे डिप्रेशन है या किसी व्यक्ति के शरीर में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं तो किसी डॉक्टर या मानसिक हेल्थ विशेषज्ञ को दिखाएं।
एक शिक्षित स्वास्थ्य कर्मी आपके सटीक कारणों का पता लगा सकता है और सही परीक्षण कर के व्यक्ति को सुरक्षित और प्रभावी इलाज कर सकता है। डॉक्टर आपका परीक्षण करते समय आपके लक्षणों के बारे में, आपके स्वास्थ्य इतिहास के बारे में और आपके पिछले अनुभवों के बारे में पूछेंगे जिससे उन्हें आपको समझने में आसानी होगी और वे आपका इलाज सही तरह से कर पाएंगे। डॉक्टर शारीरिक कारणों व मेडिकल स्थितियों का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी कर सकते हैं।
डिप्रेशन का इलाज कैसे करें – Depression Treatment in Hindi
डिप्रेशन का इलाज किया जा सकता है और इसके लक्षणों को ठीक करने में मुख्य तौर से तीन बातें जरूरी है –
- सपोर्ट या सहारा – इसमें परिवार जनों, मित्रों, थेरेपिस्ट, डॉक्टर आदि से सलाह ली जा सकती है और उन्हें आपके बारे में बता कर आपकी मदद की जा सकती है। साथ ही इसमें सही सुझाव दिए जाते हैं।
- मनोचिकित्सा – इसे टॉकिंग थेरेपी भी कहा जाता है। कई विकल्पों में व्यक्ति से बात करने के लिए सेशन होते हैं, सपोर्ट ग्रुप होते हैं जहां व्यक्ति अपने मन की बातें रख सकता है।
- ड्रग ट्रीटमेंट – इसके अंतर्गत व्यक्ति को डॉक्टर एंटी-डिप्रेस्सेंट दवाएं देते हैं।
डिप्रेशन की दवा – Depression Medicine in Hindi
डिप्रेशन की दवा का नाम (Medicine for depression in Hindi)
एंटी-डिप्रेशन दवाओं की मदद से सामान्य से गंभीर डिप्रेशन को भी ठीक किया जा सकता है। एंटी-डिप्रेस्सेंट की कुछ श्रेणियां मौजूद हैं जिनका प्रयोग किया जा सकता है
- सेलेक्टिव सेरोटोनिन रेप्युटेक इन्हीबिटर (एसएसआरआई)
- मोनोएमिन ऑक्सीडेज इन्हीबिटर
- ट्राईसिलिक एंटी-डिप्रेस्सेंट
- अटीपिकल एंटी-डिप्रेस्सेंट
- सेलेक्टिव सेरोटोनिन और नोरेपिनेफ्राइन रीअपटेक इन्हीबिटर
प्रत्येक श्रेणी अलग न्यूरोट्रांसमीटर या न्यूरोट्रांसमीटर के ग्रुप कार्य करती है। व्यक्ति को ये दवाएं केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए। कुछ दवाओं को असर दिखाने में समय भी लग सकता है। यदि व्यक्ति दवाएं लेना बंद कर देता है तो उस पर दवा का प्रभाव होना बंद हो जाता है।
कुछ लोगों लक्षणों के ठीक हो जाने के बाद दवाएं लेना बंद कर देते हैं लेकिन इससे डिप्रेशन के दोबारा आने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आपको एंटी-डिप्रेस्सेंट के बारे में कोई भी प्रश्न है तो आप इसके बारे में डॉक्टर से पूछ सकते हैं। इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं।
एसएसआरआई और एसएनआरआई के अतिरिक्त प्रभावों में निम्न शामिल हैं –
- जी मिचलाना
- कब्ज
- दस्त
- लो ब्लड शुगर
- वजन घटना
- चकत्ते
- यौन उत्तेजना में कमी
एफडीए के अनुसार एंटी-डिप्रेस्सेंट बनाने वाली कंपनी के लिए दवाओं पर चेतावनी देना आवश्यक कर दिया है लेकिन फिर भी कई दवाओं पर चेतावनी नहीं होती है ऐसे में यह सलाह दी जाती है कि आप बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। इन दवाओं से व्यक्ति को मृत्यु के ख्याल आ सकते हैं।
डिप्रेशन का पक्का इलाज – Home Remedies for Depression in Hindi
कुछ लोग डिप्रेशन को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार अपनाते हैं, इससे सामान्य से गंभीर डिप्रेशन को ठीक किया जा सकता है। चूंकि एफडीऐ हर्बल दवाओं को नहीं देखता है ऐसे में हो सकता है कि दवा बनाने वाली कम्पनी सच न बोलें। हो सकता है कि सुरक्षित और प्रभावकारी न हो।
डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज – Ayurvedic Medicine for Depression in Hindi
- सेंत जॉन वोर्ट – जिन लोगों को बाइपोलर डिसऑर्डर होता है उन्हें यह दवा न लेने की सलाह दी जाती है।
- गिनसेंग – इस दवा का प्रयोग मानसिक चेतना को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है
- केमोमाइल – इसमें कई फ्लेवर होते हैं जिनका प्रयोग एंटी-डिप्रेशन प्रभावों को कम करने के लिए किया सकता है
- मोगरा – मोगरा की खुशबु बहुत ही मोहक होती है जिसके कारण व्यक्ति को नींद संबंधी समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलती है।
कुछ हर्ब्स से लक्षण और अधिक खराब हो सकते हैं, इसलिए इन्हें डॉक्टर की सलाह द्वारा ही लें।
डिप्रेशन को दूर करने के तरीके हैं सप्लिमेंट्स – Supplements for Depression in Hindi
कुछ लोग डिप्रेशन को ठीक करने के लिए हर्बल सप्लीमेंट ले सकते हैं। अन्य तरह के सप्लीमेंट से भी डिप्रेशन को ठीक करने में मदद मिल सकती है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि एफडीऐ सप्लीमेंट को नहीं देखता है ऐसे में हो सकता है कि दवा बनाने वाली कम्पनी सच न बोलें। हो सकता है कि सुरक्षित और प्रभावकारी न हो।
नॉन हर्बल सप्लीमेंट जिनसे डिप्रेशन को ठीक करने में मदद मिल सकती है उनमें निम्न शामिल हैं –
- S-adenosylmethionine (SAMe): यह शरीर में पाए जाने वाले केमिकल का एक सिंथेटिक फॉर्म है।
- 5-hydroxytryptophan: इससे सेरोटोनिन को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो व्यक्ति के मूड पर प्रभाव डालता है।
कुछ शोध के अनुसार एसएएमइ भी एंटी-डिप्रेस्सेंट जैसे इमिप्रामाइन और एस्कॉटलोप्राम (escitalopram) की तरह कार्य कर सकते है लेकिन इसमें भी डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
डिप्रेशन का पक्का इलाज है मस्तिष्क को उत्तेजित करने वाली थेरेपी
मस्तिष्क को उत्तेजित करने वाली थेरेपी के एक अन्य ट्रीटमेंट ऑप्शन या विकल्प है। उदाहरण के तौर पर रेपेटिटिव ट्रांसक्रेनियल मैग्नेटिक स्टिम्युलेशन मस्तिष्क को मैग्नेटिक पल्स भेजता है जिससे मेजर डिप्रेशन को ठीक करने में मदद मिल सकती है। यदि डिप्रेशन ड्रग ट्रीटमेंट से ठीक नहीं होता है तो व्यक्ति को इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी से मदद मिल सकती है ,यह तब और अधिक प्रभावकारी होती है जब व्यक्ति को साइकोसिस हो गया हो।
डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए – Diet for Depression in Hindi
अत्यधिक मीठा खाने से, बाहर का खाना खाने से कई स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती है। 2019 के एक शोध के अनुसार जिन युवाओं के भोजन में अत्यधिक मैदा, तेल और बाहरी पदार्थ होते हैं और जो पौष्टिक भोजन नहीं करते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य ज्यादा ख़राब होता है।
शोध के अनुसार व्यक्ति को निम्न भोजन का अधिक सेवन करना चाहिए ताकि डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सके –
- फल
- सब्जियां
- मछली
- ओलिव आयल
डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए मनोचिकित्स – Depression Ke Liye Doctor in Hindi
इसमें लोगों से बातचीत करना, थेरेपी लेना जिसमें सीबीटी शामिल है, इंटर पर्सनल साइकोथेरपी आदि तरीकों से मनोचिकित्सा दी जा सकती है। डिप्रेशन के कुछ प्रकारों में साइकोथेरपी सब पहले दिया जाने वाला ट्रीटमेंट है जिसमें लोग जल्दी ठीक होते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ लोग इसके प्रति देर में रियेक्ट करते हैं। सीबीटी और इंटर पर्सनल साइकोथेरपी डिप्रेशन के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली सबसे सामान्य विधियां है। कुछ लोगों को यह थेरेपी फोन पर,बातचीत द्वारा या ग्रुप में दी जा सकती है। इंटर पर्सनल थेरेपी में लोगों का लक्ष्य निम्न को पहचानना होता है –
- व्यक्ति जिन भावनात्मक समस्याओं से जूझ रहा है
- ये समस्याएं व्यक्ति के मूड को किस तरह से प्रभावित करती हैं
- इन्हें ठीक होने में कितना समय लगेगा
डिप्रेशन का रामबाण इलाज है योग – Exercise for Depression in Hindi
एरोबिक व्यायाम की मदद से एंडोर्फिन के स्तर बढ़ सकते हैं और नोरएपिनेफ्रीन न्यूरोट्रांसमीटर उत्तेजित होता है जिससे मूड बदलता है। इससे व्यक्ति को सामान्य डिप्रेशन को ठीक करने में मदद मिलती है।
डिप्रेशन से खुद बाहर कैसे निकले – Depression Treatment in Hindi
ऐसे बहुत से साधन और चीज़ें हैं जिनकी मदद से व्यक्ति डिप्रेशन के लक्षणों को ठीक कर सकता है या कम कर सकता है। बहुत से लोगों के लिए सामान्य व्यायाम काम करता है और वे इससे पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त करते हैं जिससे उनका मूड ठीक हो जाता है। नियमित रूप से अच्छी नींद लेने, पौष्टिक आहार खाने और शराब आदि से दूर रहकर भी व्यक्ति स्वयं को डिप्रेशन से दूर रख सकता है।
हमें यह समझना होगा कि डिप्रेशन एक रोग है और इसके लिए मदद भी उपलब्ध है। ठीक तरह से परीक्षण व इलाज करने से बहुत लोगों को ठीक किया जा चुका है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं तो सबसे पहले किसी परिवार जन या मनोचिकितस्क को बताएँ। अपनी समस्याओं को समझें उनके बारे में बात करें। इससे आप अपने मानसिक स्वास्थ्य की जरूरत को समझ पाएंगे क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही जरूरी होता है। खुश रहें और स्वस्थ रहें।