राहु और केतु क्या है?
राहु-केतु के लक्षण?
यदि कोई व्यक्ति जादू-टोने के चक्कर में पड़ जाए तो यह भी राहु – केतु के खराब होने के कारण होता है। रात में नींद न आना, हर समय चिंता में, बेचैनी में जीना, डरावने सपने आना, कोई भी फ़ैसला न ले पाना राहु – केतु के खराब होने का इशारा है और पानी, आग और ऊंचाई से डरना, बार-बार बीमार होना, परेशान रहना , असफलताओं का पीछा न छोड़ना भी खराब राहु – केतु का लक्षण है। घर के पत्थरों, कांच के अचानक चटकने की घटनाएं होना। बेवजह लोगों से दुश्मनी होना, लोगों के साथ धोखेबाजी करना, उनके खिलाफ शाहजिस करने की बातें सोचना भी खराब राहु करवाता है। गंदे नाखून रखना, गंदगी से रहना राहु के निर्बल होने का इशारा है और खराब राहु कई महिलाओं से संबंध बनवाता है , धन हानि कराता है। राहु का कमजोर होना जीवन में दुर्घटनाएं खड़ी करता है।
राहु केतु के प्रभाव से क्या होता है?
ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह माना गया है। बता दें कि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के कारण ही कालसर्प योग का निर्माण होता है। मान्यता यह भी है कि राहु-केतु की स्थिति व्यक्ति के पक्ष में न होने से उसका जीवन में बहुत परेशानियां आ जाती हैं।
केतु खराब होने से क्या होता है?
राहु खराब होने से क्या होता है?
राहु खराब हो तो घर की देहरी दब जाती है या खराब हो जाती है। वहीं घर की सीढ़ियों का गलत दिशा में बनना या टूटा-फूटा रहना राहु दोष पैदा करता है। यदि किसकी कुंडली में राहु का बुरा प्रभाव हो तो व्यक्ति नशे की लत में पड़ जाता है। व्यक्ति बात-बात पर चिड़चिड़ाता लगता है , साथ ही ऐसे लोग हमेशा अपना रोना ही रोते हैं और भविष्य को लेकर बुरी तरह उदासीन हो जाते हैं। घर में बॉशरूम-टॉयलेट का गंदा या टूटा-फूटा रहना राहु को खराब करता है। इसलिए इस मामले में सावधानी बरतें।
राहु केतु को कैसे शांत करें?
राहु – केतु को शांत करने के लिए ये 5 चीज़ करे। साथ ही गोमेद रत्न धारण करे ये रत्न राहु – केतु को शांत करने में सहायता करगा।
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मां दुर्गा की करें पूजा
मां दुर्गा को छायारूपेण कहा जाता है। राहु-केतु छाया ग्रह हैं। इस लिए राहु-केतु के बुरे प्रभावों के बचने के लिए माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए जिससे की राहु – केतु शांत रहे।
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा
राहु-केतु के बुरे प्रभावों से बचने के लिए नाग पर नाचते हुए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। साथ ही मंत्र (ओम नमः भगवते वासुदेवाय) का जाप करें।
इन मंत्रों का करें जाप
राहु-केतु से जुड़ी समस्या से बचने के लिए उनके बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन की परेशानियां कम होती हैं।
राहु का बीज मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
केतु का बीज मंत्र – ऊं स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
शनिवार को करें पूजा
राहु-केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए 18 शनिवार उनकी पूजा करें। वहीं रत्न गोमेद और लहसुनिया का दान करना चाहिए।
इन चीजों का करें दान
राहु ग्रह से जुड़ी समस्या से बचने के लिए सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज दान करना चाहिए। वहीं केतु के लिए केला, तिल के बीज, काला कंबल दान करना लाभकारी है।
राहु को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?
राहु को खुश करने के लिए इन सब चीज़ो का विश्वास ध्यान रखे।
- ॐ रां राहवे नमः प्रतिदिन एक माला जप करें।
- दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- पक्षियों को रोजाना बाजरा खिलाएं।
- शिवलिंग को जल दे।
- एक नारियल 11 साबुत बादाम काले कपड़े में बांधकर बहते पानी में भाह दे।
- मासा और शराब का सेवन बिल्कुल ना करें।
केतु के लिए क्या दान करना चाहिए?
राहु केतु को शांत करने के लिए इन चीज़ो का दान करे। राहु ग्रह से जुड़ी समस्या से बचने के लिए सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज दान करना चाहिए। वहीं केतु के लिए केला, तिल के बीज, काला कंबल दान करना लाभकारी है।
केतु कितने साल की होती है?
केतु की महादशा 7 साल की होती है और अंतरदशा 11 महीने से सवा साल तक की होती है। केतु की महादशा बुध और शुक्र के बीच में आती है, यानी पहले बुध की महादशा होती है, फिर केतु के सात साल और बाद में शुक्र के बीस साल।
राहु की महादशा में किसकी पूजा करनी चाहिए?
राहु-केतु का बीज मंत्र
राहु का बीज मंत्र – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
केतु का बीज मंत्र – ऊं स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
राहु-केतु कालसर्प दोष
अगर राहु-केतु के शुभ प्रभाव किसी व्यक्ति पर हो जाये तो उसे भिखारी से राजा बन सकता है और अशुभ होने पर जमीन पर ला सकता है। राहु-केतु के कारण ही कुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण होता है। इसे बहुत ही अशुभ योग माना गया है। जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसे अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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