ज्योतिष के अनुसार इस रत्न को बुध के लिए अच्छा माना गया है , पन्ना को अंग्रजी भाषा में एमराल्ड कहा जाता है , यह रत्न बुध का ही एक हिस्सा है इसमें इस ग्रह के गुण होते हैं , ज्योतिष के अनुसार पन्ना बुध ग्रह को परसन करता है और मजबूत बनाता है, इस रत्न में हरे रंग की चमक होती है। इसे धारण करने से कुंडली में जो भी दिक्कत परेशानी है वह कम हो जाता है। इसके अलावा पन्ना रत्न अच्छे भविष्य को मजबूत करता है, ज्ञान को बढ़ाता है और मुश्किलों को कम करता है।
बुध ग्रह व्यापार, संचार, अंतर्ज्ञान, शिक्षा और बुद्धि का ग्रह है। यह एक ऐसा ग्रह है जो प्रेम और रिश्तो को मजबूत बनाता है, यदि एक प्रेमी जोड़ा एक-दूसरे को यह रत्न गिफ्ट करते हैं तो उनके बिच प्रेम ओर भी बढ़ जाता है, यह भी माना जाता है की अगर पन्ना रत्न गर्भवती महिला की कमर पर बांध दिया जाए तो डिलीवरी के समय दर्द से आराम मिलता है।
क्या मेष लग्न/मेष राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं?
मेष राशि वालो को पन्ना रत्न नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए अशुभ माना जाता है। मेष राशि का स्वामी मंगल होता है इसलिए बुध के साथ संगठन नहीं होता है, दूसरा इस लग्न में बुध भाई-बहनों के साथ संबंध और रोगों, कर्ज और शत्रुओं के छठे भाव का स्वामी होता है।
पन्ना रत्न पहने की तभी सोचिए जब आपके जीवन में बुध का भाव चल रहा हो या बुध तीसरे, सातवें, दसवें भाव में स्थित हो। मेष राशि वाले लोगो को पन्ना तब धारण करना चाहिए जब बुध छठे भाव में हो या आपके जीवन में नकारात्मक परिस्थति उत्पन हो रही हो। पन्ना रत्न धारण करने से पहले पंडत जी से सहला लें – सहला लेना के लिए संपर्क करे – 9354299817 और बुध की महादशा ख़तम होने के बाद पन्ना रत्न को उतार दे।
वृषभ राशि के लिए बुध एक बहुत महत्वपूर्ण और शुभ ग्रह है यह लग्नेश शुक्र का मित्र है और इसे वृषभ राशि में शक्ति और शुभ भावो का स्वामी माना गया है, वृषभ राशि का स्वामी बुध दूसरे भाव में होता है। धन, बैंक बैलेंस, वाणी, घरेलू वातावरण और उच्च ज्ञान,सट्टे में लाभ, वार्ता और मंत्रों के कारण पाचवे भाव का स्वामी बन जाता है।
जिन लोगो का बुध पहले, दूसरे, पांचवे, नोवे और दसवे भाव में हो उनको पन्ना रत्न जीवनभर धारण करना चाहिए, पर जिन लोगो का बुध पांचवे भाव को छोड़कर अन्य घरो में बुध-शुक्र का योग हो उन्हें पन्ना और हीरा दोनों एक ही अंगूठी में पहनने चाहिएं। पन्ना रत्न धारण करने से धन का प्रभाव बढ़ जाता है, करियर में तरक्की मिलती है और समाज में इज़ात मिलने लगती है।
क्या मिथुन लग्न/मिथुना राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं?
इस लग्न के लिए बुध एक प्रबल ग्रह है। पन्ना रत्न धारण करने से बुध को बल प्राप्त होता है और यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दो चतुर्थांश भावों के कारण केंद्राधिपति दोष से पीड़ित होता है।
इस राशि के लिए बुध एक महत्वपूर्ण ग्रह है और मिथुन राशि वाले लोगो के लिए पन्ना जन्म का जरूरी रत्न है क्योंकि यह राशि बुध द्वारा शासित की जाती है। मिथुन राशि का प्रथम स्वामी बुध होता है और जीवन को 40-50 % नियंत्रित करता है। यह धन, सुख, भूमि, वाहन आदि को नियंत्रित करता है और प्रथम भाव का स्वामी होता है।
मिथुन राशि के लिए बुध एक प्रभावी ग्रह है। पन्ना रत्न धारण करने से बुध को बल मिलता है और जिन व्यक्तियों का बुध प्रथम, चतुर्थ भाव, पंचम, नौंवे या ग्यारवेह भाव में स्थित हो उन्हें जीवनभर पन्ना रत्न धारण रखना चाहिए।
जिन व्यक्तियों की कुण्डली में बुध सूर्य द्वारा शांत हो जाता है या आठवे भाव में होता है तो उन्हें अपने दाहिनी हाथ पर टेप या किसी कपडे की मदद से बांधकर 3 दिनों तक रत्न को धारण करना चाहिए। यदि आपको कोई बुरा प्रभाव या कोई बुरा सपना न आये तो आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हो। यदि आपको इससे प्रभाव या कोई बदलाव नहीं देखता है तो आप पन्ना रत्न की अंगूठी या लॉकेट धारण करिए। पन्ना रत्न पहनने से आत्मविश्वास, स्वास्थ्य , भूमि, भवन और सुख से संबंधित मामलों में सफलता मिलती है।
क्या कर्क लग्न/कर्क राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं?
कर्क राशि वालो के लिए बुध महत्वपूर्ण ग्रह नहीं है क्योंकि ये तीसरे भाव का स्वामी होता है जिसकी वज़ह से कम दुरी की यात्रा नहीं करता और भाई – बहनों के संबंधों में अर्चन लाता है और बारहवे भाव का स्वामी होने के कारण नींद ना आना , पैसो की हानि और बुरी आदतों की लत्त लत जाती है। कर्क राशि के लोगों को पन्ना रत्न तब पहनना चाहिए जब बुध कुंडली के प्रथम, तीसरे, चौथे, सातवे या ग्यारवेह भाव में स्थित हो।
सिंह लग्न/सिंह राशि कर सकते हैं व्यक्ति पन्ना रत्न पहनते हैं
सिंह राशि में बुध ग्यारवेह ग्रह का स्वामी होता है जो की धन प्राप्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह बैंक बैलेंस , धन , घरेलू वातावरण , वाणी को प्रभवित करता है। अगर बुध दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवे, नौंवे, दसवे या ग्यारवेह भाव में हो तो पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। पन्ना पहने से धन में लाभ, शक्ति में वृद्धि और समाज में इजात प्राप्त होती है।
क्या कन्या लग्न/कन्या राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं?
कन्या राशि में बुध स्वयं स्वामी बन जाता ओर इस राशि के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होता है। कन्या राशि वाले व्यक्ति के जीवन में बुध सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है क्योंकि यह जीवन की 40 – 50% कार्यों को प्रभावित करता है। इस राशि में बुध पहले भाव का स्वामी और करियर का दसवां चतुर्थांश भाव का स्वामी होता है। जिन व्यक्तियों का बुध प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, नौंवे दसवे या ग्यारवेह भाव में स्थित हो, उन्हें जीवनभर पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
क्या तुला लग्न/तुला राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं
तुला राशि के लिए बुध एक बेहद शुभ ग्रह माना जाता है क्योंकि यह इस राशि में शुभ भावो का स्वामी होता है और लग्नेश शुक्र का मित्र भी होता है जो इसे अधिक लाभकारी बनाता है।
जिन लोगो का बुध प्रथम, चतुर्थ, पंचम, सातवें, नवम भाव, दशम भाव या ग्यारवेह भाव में हो वो पन्ना रत्न जीवन भर धारण कर सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगो का बुध 10 वे भाव में हो वो पहले 3 दिन रत्न धारण करके देखें अगर अच्छा प्रभाव महसूस होता है तो आप इसे धारण कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि वालो को पन्ना रत्न तभी धारण करना चाहिए जब बुध की प्रमुख अवधि या बुध की उप अवधि चल रही हो क्योंकि बुध का मेल मंगल के ससाथ नहीं होता वृश्चिक राशि में बुध हानि और दुर्घटना के आठवें भाव और लाभ के ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है। जिन लोगो का बुध चौथे भाव , सातवे भाव , 11 वे भाव में हो पन्ना रत्न तभी धारण करना चाहिए जब बुध की प्रमुख अवधि या उप अवधि चल रही हो तो पहले 3 दिन इस्तमाल करके देखे अच्छा प्रभाव होता है उसके बाद धारण करके।
क्या धनु लग्न/धनु राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं?
धनु राशि में बुध रिश्ते , विवहा के 7 वे भाव और करियर के 10 वे भाव का स्वामी बन जाता है जिन व्यक्तियों की कुण्डली में बुध प्रथम भाव, सप्तम भाव, नवम भाव, दशम भाव या 11वें भाव में स्थित हो उन्हें पन्ना रत्न उस समय धारण करना चाहिए जब बुध प्रमुख काल या उप अवधि चल रही हो।
क्या मकर लग्न/मकर राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं
कर्म ग्रह-शनि द्वारा शासित किया गया है मकर राशि में बुध महत्वपूर्ण ग्रह बनता है मकर राशि में बुध शत्रुओं और ऋणों के छठे भाव का स्वामी तथा भाग्य का नवम भाव का स्वामी बनता है। जिन लोगो का बुध प्रथम, द्वितीय, पंचम, नवम, नवम, दशम भाव में स्थित हो, उन्हें जीवन भर पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। पन्ना रत्न पहने से भाग्य अच्छा होता है और जीवन में चुनौतियो में विजय प्राप्त होती है
क्या कुंभ लग्न/कुंभ राशि के जातक पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं
कुंभ राशि वाले लोग पन्ना रत्न पहने सकते है क्योंकि उनके लिए सुभ रत्न माना जाता है बुध पंचम भाव और नवम भाव का स्वामी है जो कुंभ राशि में लिए लाभकारी ग्रह है , धारण करने वाले को संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह , स्मृति , ज्ञान , बुद्धि को बढ़ता है और वाणी पर अधिकार देता है। और करियर में लाभ होता है।
शनि का रत्न नीलम के साथ पन्ना धारण करने से ये अधिक प्रभाव ला सकता है , शनि कुंभ राशि का स्वामी और बुध का मित्र होता है यदि बुध की महादशा और अंतर्दशा में इसे पहना जाए तो पन्ना शानदार परिणाम देता है।
मीन लग्न के लिए पन्ना
मीन राशि में जन्म लेना वाले लोगो के लिया पन्ना लाभकारी रत्न नहीं है बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है , जो लगन स्वामी बृहस्पति के मेल ग्रह नहीं है इसलिए प्राचीन ऋषियों और संतों ने मीन राशि के लोगो के लिए पन्ना रत्न पहने की सहला नहीं दी है।
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