दिवाली 2021: दिवाली का पर्व वर्ष 2021 में कब है? जानें डेट और लक्ष्मी पूजा का टाइम
दिवाली रोशनी का त्योहार है। यह हर साल मनाया जाने वाला हिंन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। हिंदू महाकाव्य रामायाण के अनुसार, यह ऐसा दिन है, जब भगवान राम, देवी सीता और हनुमान 14 साल जंगलों में बिताने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म दिवाली पर महासागर के मंथन के दौरान हुआ था।
इस तरह दीवाली की पूजा में देवी लक्ष्मी की पूजा महत्वपूर्ण रूप से की जाती है। दीपों का यह पर्व धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज पर खत्म होता है। तो आइए यहां जानते हैं साल 2021 की दिवाली से जुड़ी वो सभी बातें, जो आपको जानना बेहद जरूरी है।
2021 में दिवाली कब है – Diwali 2021 date in India calendar Hindi
हिंदू कैंलेंडर के अनुसार, दिवाली अमावस्या पर मनाई जाती है। हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसे दीपावली पूजा या लक्ष्मी गणेश पूजन कहते हैं। इस साल पूरे देश में दिवाली 4 नवंबर को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 4 नवंबर 2021 को 6:03 से शुरू होकर 5 नवंबर 2021 को 2:44 बजे समाप्त होगी।
दिवाली का महत्व हिंदी में – Diwali importance in Hindi
दिवाली पूरे भारत और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाती है। अंधेरी रात में जलते हुए दीये देश को रोशन करते हैं और ये नजारा वास्तव में शानदार लगता है। दिवाली का इतिहास प्राचीन भारत से जुड़ा है। इसके साथ कई किवदंतियां भी जुड़ी हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि दिवाली वह उत्सव है, जो भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी का प्रतीक है। अन्य लोग इसे देवी लक्ष्मी के जन्म का उत्सव मानते हैं। हिंदुओं के लिए दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम कीअयोध्या वापसी का प्रतीक है।
जब वे वापस लौटे तो भगवान राम का उनके घर में दीयों से स्वागत किया गया। दीयों की रोशनी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दिवाली पर सभी धर्मों और जातियों के लोग एकजुट होते हैं और आपस में गले मिलकर एकदूसरे को बधाई देते हैं। दिवाली का त्योहार सभी के दिलों को पवित्रता की आभा से भर देता है। यह केवल रोशन और उत्साह से भरा त्योहार नहीं है बल्कि आने वाले वर्षों के लिए सही बदलाव करने का भी समय है। समृद्धि का उत्सव हमें सालभर के लिए अपने काम और सदभावना को जारी रखने की शक्ति देता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि यह हमारे भीतर को रोशनी को रोशन करता है।
दीपावली पर किसकी पूजा होती है 2021 – Diwali २०२१ par kiski puja hoti hai
दीपावली पर भगवान गणेश को सबसे पहले विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। देवी महालक्ष्मी को उनके दोनों रूपों में धन और समृद्धि की देवी सरस्वती और नकारात्मकता का नाश करने वाली काली देवी के साथ पूजा जाता है। देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। क्योंकि ये सुख और संतुष्टि के दाता है। भगवान कुबेर की भी पूजा इस दिन होती है। भगवान कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं, जिनकी मदद से देवी अपने भक्तों को आर्शीवाद देती हैं। अंत में गजेंद्र को धन के वाहक के रूप में पूजा जाता है।
दिवाली २०२१ पर देवी लक्ष्मी की पूजा क्यों होती है/दिवाली पर लक्ष्मी जी की कहानी – Diwali par laxmi puja kyu karte hai?
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा विशेषतौर पर की जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी का संहारक रूप बहुत सक्रिय होता है। भक्त देवी लक्ष्मी के मारक रूप को आसानी से खुश कर सकते हैं । देवी लक्ष्मी के प्रतीकात्मक रूप का अपने आप में गहरा अर्थ है। देवी लक्ष्मी एक शांत और प्रेममयी महिला के रूप में प्रकट होती है। वह लाल रंग के कपड़ों और चमकीले गहनों से सजी होती हैं। उनकी चार भुजाओं मानव जीवन के चार सिरों काम, अर्थ और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं।
वह अपने दो हाथों में कमल की कली रखती हैं, जो सुंदरता और पवित्रता का प्रतीक है। वह खिले हुए कमल पर विराजमान रहती हैं, जो सत्य के आसन का प्रतीक है। हाथी शाही शक्ति का प्रतीक देता है। उसके हाथों से सोने के सिक्कों का झडऩा धन की देवी के रूप में दर्शाता है। दो हाथियों को देवी लक्ष्मी के आसपास खड़ा दिखाया गया है। यह बताता है कि यदि कोई ज्ञान और पवित्रता से शासित है, तो वह भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की समृद्धि हासिल कर सकता है। इस प्रकार महालक्ष्मी से प्रार्थना करके व्यक्ति विश्वास, पवित्रता प्राप्त करने का आर्शीवाद ले सकता है।
2021 में दिवाली पूजा का शुभ मूहर्त – Diwali 2021 shubh muhurat in Hindi
दिवाली के पर्व पर देवी लक्ष्मी की पूजा -अर्चना पूरे विधि विधान से की जाती है। मान्यता है कि देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में यश वैभव बना रहता है और धन की कमी नहीं होती। इस बार दिवाली की पूजा का शुभ मूहर्त दिवाली के दिन शाम 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक है। कुल मिलाकर 1 घंटे 55 मिनट का मूहर्त है।
प्रदोष काल 17:34:09 से 20:10:27 तक और वृषभ काल 18:10:29 से 20:06:20 तक है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में की जानी चाहिए। जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलती है। कुछ स्त्रोत महानिशिता काल को भी लक्ष्मी पूजा करने के लिए कहते हैं।
वैसे माहनिशिता काल तांत्रिक समुदाय और अभ्यास करने वाले पंडितों के लिए सबसे उपयुक्त है। आम लोगों को प्रदोष काल के मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, चौघडिय़ा मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा नहीं करनी चाहिए। ये मुहूर्त केवल यात्रा के लिए अच्छे हैं। लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा समय प्रदोष काल के दौरान होता है जब स्थिर लग्र प्रबल होता है। यदि स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी पूजा की जाती है, तो लक्ष्मीजी आपके घर में रहेंगी। इसलिए यह समय लक्ष्मी पूजन के लिए अच्छा है। वृषभ लग्न को स्थिर माना जाता है और ज्यादातर दिवाली उत्सव के दौरान प्रदोष काल के साथ ओवरलैप होता है।
दिवाली पूजा के दौरान कई समुदाय विशेष रूप से गुजराती व्यवसायी चोपड़ा पूजन करते हैं। चोपड़ा पूजा के दौरान अगले वित्तीय वर्ष के लिए देवी लक्ष्मी का आर्शीवाद लेने के लिए नए बहीखाता का उद्घाटन किया जाता है। दिवाली पूजा को दीपावली पूजा और लक्ष्मी गणेश पूजन के नाम से भी जाना जाता है।
दीपावली लक्ष्मी पूजा व्रत विधि और कथा – Diwali Laxmi puja vrat vidhi aur katha in Hindi
दिवाली के दिन पर लोगों को सुबह जल्दी उठकर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए और परिवार के देवता की पूजा करनी चाहिए। अमावस्या का दिन होने के कारण लोग अपने पूर्वजों का श्राद भी करते हैं। अधिकांश पूजा एक दिन का व्रत रखने के बाद की जाती है। इसलिए देवी लक्ष्मी के भक्त देवी पूजा के दिन एक दिन का व्रत रखते हैं। शाम को लक्ष्मी पूजा के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।
दिवाली पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी – Diwali pooja samagri
– पूजा करने के लिए भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की नई मूर्तियां
– पूजा करने के लिए बही खाता।
– देवी लक्ष्मी की मूर्ति को ढंकने के लिए एक पीला और एक लाल रेशमी कपड़ा और एक पेन स्याही के साथ।
– भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए स्टूल या पटा
– पूजा के लिए पांच बड़े मिट्टी के दीपक
– 25 छोटे मिट्टी के दीये
– एक मिट्टी का कलश
– ताजे तोड़े गए फूलों से बनी तीन माला
– तुलसी और बिल्व के पौधे से ली गई पत्तियां
– मिठाई, फल जैसे केला, सेब
पान के पत्तों से बने तीन पैन
– दूर्वा घास
– पीपल, बरगद, बकुल, पलाश और आम के पेड़ों की टहनियां
– लक्ष्मी पूजन के अनुष्ठान को करने के लिए दस तरह की जड़ी-बूटियों की जरूरत होती है। जैसे मुस्ता, चंपक, सुन्ही, दारू , हराड़ी, शैलेय, कुस्थ, बख, जटामासी।
दिवाली पर किस रंग के कपड़े पहनें – Diwali par kis rang ke kapde pehne
दिवाली एक ऐसा त्योहार है, जिसे लोग उत्साह के साथ मनाना पसंद करते हैं। इस दिन के लिए लोग कई दिन पहले से ही अपने परिधान खरीदना अएैर बनवाना शुरू कर देते हैं। सही एक्सेसरीज से लेकर फुटवियर तक का खास सिलेक्शन करते हैं । अगर आप भी इसी उलझन में हैं, कि दिवाली पर क्या पहनें , तो इस बार ज्योतिष को अपना स्टाइलिस्ट बनाएं।
इसकी मदद से आप जान सकते हैं कि राशि के अनुसार, दिवाली पर किस रंग के कपड़े आपको पहनने चाहिए –
मेष – मेष राशि के जातकों को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। यह आपके भीतर न केवल आत्मविश्वास पैदा करता है, बल्कि खुशी भी देता है।
वृषभ – इस राशि के लोगों के लिए नीला रंग अच्छा है। इस दिन पुरूष नीले रंग का सूट और महिलाएं नीले रंग की साड़ी पहन सकती हैं।
मिथुन- मिथुन राशि के जातकों पर नारंगी रंग खूब फबेगा। यह रंग आपकी दिवाली की चमक को और बढ़ा देगा।
कर्क- कर्क राशि वाले लोगों को दिवाली पर हरा रंग पहनना चाहिए। शांति और प्रकृति से प्रेम करने वाले लोग इस रंग के ही कपड़े पहनें।
सिंह- खुद को अभिव्यक्त करने के लिए इस राशि के लोग कपड़ों पर बेहद ध्यान देते हैं। उनका स्टाइल स्टेटमेंट कभी-कभी बोल्ड , आलीशान और क्लासी होता है। उन्हें भूरे रंग के कपड़े इस मौके पर पहनने चाहिए।
कन्या- कन्या राशि वालों को गहनों के साथ सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
तुला- कपड़ों की बात करें, तो पीला वह रंग है, जो इस दिवाली लोगों के पारंपरिक परिधान पर सूट करेगा।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को बोल्ड , इंटेंस और रिच कपड़े पहनना पसंद होता है। उनके लिए मैरून रंग की साड़ी या सूट पहनना अच्छा होगा।
धनु- धनु राशि के जातकों का स्टाइल स्टेटमेंट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।इस राशि के लोगों के लिए बैंगनी रंग की साड़ी या सूट सबसे अच्छा पहनावा होगा।
मकर- स्टाइलिश और एवरग्रीन काला कुर्ता या साड़ी इस राशि वाले लोगों के लिए एकदम परफेक्ट ड्रेस है।
कुंभ – दिवाली पर अपनी पारंपरिक पोशाक में खूबसूरत दिखने के लिए इस राशि के लोगों को ग्रे रंग पहनना चाहिए।
मीन- वहीं मीन राशि के जातकों पर गुलाबी रंग खूब जचेगा।
दीपावली पर धन प्राप्ति के अचूक उपाय/टोटके – Diwali par dhan prapti ke upay
धन शारूत्रों में ऐसे कई टोटके बताए गए हैं, जिन्हें करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सालभर उनकी कृपा आप पर बरसती रहती है। तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ चमत्कारिक टोटकों के उपायों के बारे में।
– माना जाता है कि दिवाली के दिन किसी किन्नर से एक सिक्का लेने पर अइौर उसे अपने पर्स में रखने पर बरकत बनी रहती है।
– अगर घर के आसपास कोई पीपल का पेड हो , तो तेल का दीपक जलाएं। यहउपाय सआपको दीपावली की रात में करना है। ध्यान रखें, दीपक लगाकर वहां से चुपचपाप लौट आएं, पीछे मुड़कर ना देखें।
– दिवाली के दिन झाडू खरीदना चाहिए और मंदिर में झाडू दान भी करनी चाहिए।
– दिवाली के दिन महालक्ष्मी के पूजन में पीले रंग की कौडिय़ा जरूर रखें। पूजा में रखने से पैसों से संबंधित समरुया खत्म हो जाती है।
– लक्ष्मी पूजन के समय हल्दी की गांठ रखने से भी धन संबंधी लाभ होता है।
– लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में घंटी और शंख बजाने से भी धन प्राप्ति होती है।
– अगर चांदी की कटोरी में कपूर जलाकर लक्ष्मी जी की आरती करें, तो पैसों से जुड़ी तमाम समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
– दिवाली के दिन सात सुपारी लेकर चांदी की पन्नी से ढंककर लक्ष्मी पूजन की जगह पर रख दें। इसके बाद सात सोमवार को इन्हें फिर से पन्नी में लपेट दें। आंठवे सामवेार को पूजा स्थल से सभी सुपारी एकत्रित करें और उन्हें भगवान विष्णु के मंदिर में चढाएं।
– यदि आप अपनी आय बचा नहीं पा रहे हैं और लगातार नुकसान हो रहा है, तो जिस पलंग पर आ सो रहे हैं, उसके नीचे लोहे की कोई वस्तु रख दें शनिवार की रात को बिस्तर के नीचे पानी से भरा लोहे का बर्तन रखें। अगले दिन सुबहउ ठकर बोधि पेड़ की जड़ में डाल दें। 40 दिनों तक इस उपाय को दोहराने से बहुत लाभ होगा।
– लक्ष्मीपूजन के साथ गन्ने की पूजा करने से भी धन संपदा में वृद्धि होगी।
– दिवाली से हर अमावस्या के दिन शाम को किसी दिवंगत को भोजन कराने से धन वैभव में वृद्धि होती है।
– दुकानदारों को अपने व्यापार में वृद्धि लाने के लिए दिवाली की रात को एक साबुत फिटकरी का टकड़ा लेकर दुकान के चारों तरफ घुमा दें। और चौरोह पर जाकर उत्तर दिशा में फेंक दें। इन टोटकों को करने से मां लक्ष्मी आपके घर में विराजमान रहेंगी।
2021 दिवाली का प्रसाद – 2021 Deepawali prasad in Hindi
दिवाली पर उन सभी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए, जो मां लक्ष्मी की प्रिय हैं। इससे आप पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है।
मखाना- मां लक्ष्मी की पूजा में मखाना जरूर शामिल किया जाना चाहिए। यह लक्ष्मी के आसन माने जाने वाले पौधे कमल से मिलता है। यह उनका प्रिय है।
बताशे – मां लक्ष्मी को बताशे अति प्रिय है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए आप भोग में बताशे भी रख सकते हैं। चूंकि बताशे का संबंध चंद्रमा से है,इसलिए इस दिन बताशे और चीनी से बने खिलौने भी मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं।
- सिंघाड़ा– मां लक्ष्मी को चढऩे वाले प्रसाद या भोग में सिंघाड़े से बनी कोई मिठाई शामिल करनी चाहिए।
- नारियल– मां लक्षमी की हर पूजा में श्रीफल यानि नारियल का भोग जरूर लगाना चाहिए।
- अनार– मां लक्ष्मी की पूजन सामग्री में अनार जरूर शामिल करें।
- कड़ा प्रसाद– यह प्रसाद आटे, देसी घी और चीनी से बनता है। इसे बनाते वक्त ध्यान रखें कि तीनों का अनुपात एकदम सही होना चाहिए।
- मालपुए– आप दिवाली पूजन के बाद मालपूए का प्रसाद बनाकर भोग लगा सकते हैं। इसमें बस मैदा, सूजी, चीनी मिलाकर तवे पर सेकें और चाशनी में डुबो दें।
- बूंदी के लड्डू- एक और प्रसाद , जिसका भोग हर पूजा में लगाया जाता है वो है बूंदी का लड्डू।
- गुलाबजामुन– आप दिवाली के प्रसाद के रूप में गुलाब जामुन का भी भोग लगा सकते हैं।
- खील बताशे- हर दिवाली पूजा का महत्व खील बताशे से जुड़ा हुआ है। बताशे जहां मीठे और कुरकुरे होते हैं, वहीं खील फूली और मुलायम होती है। इसे कई मंदिरों में भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
दीपावली पूजन विधि, मंत्र और तारीख – Diwali puja vidhi at home in Hindi
दिवाली को सिद्धी और समृद्धि का त्योहार कहा गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा भगवान गणेश और कुबेर संग की जाती है। दिवाली के अवसर पर देवी लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा विधि और मंत्र के बारे में जानें। ओम अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोपिवा। य:स्मरेतपुंडरीकाक्षं स ब्रंहाभ्यंतर: शुचि:।।
इन मंत्रों को बोलकर अपने ऊपर, आसन और पूजा सामग्री पर 3-3 बार पुष्पादि से छीटें लगाएं। अब आचमन करें। ऊं केशवाय नमं: , ऊं माधवाय नम:, ऊं नारायण नम: बोलें फिर अपने हाथ धो लें। अब आसन के शुद्धिकरण के लिए ऊं पृथ्वी त्वयाधृता लोका देवि त्वयं विष्णुनाधृता। त्वं च धारयमां देवि पवित्रं कुरू चासनम् का मंत्र पढ़ें। अब चंदन लगाते हुए मंत्र बोले चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशम्, आपदां हरते नित्यम् लक्ष्मी तिष्ठ सर्वदा
दिवाली पर लक्ष्मीजी की मूर्ति कैसे रखें – Diwali par laxmi ji ki murti kaise rakhein
देवी लक्ष्मी की मूर्ति अगर सही दिशा में रखी जाए, तो बहुत लाभ मिलता है। लेकिन गलत दिशा में रखने से अनर्थ तक हो जाता है। तो आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी जी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए और इसे कैसे रखना चाहिए।
– लक्ष्मीजी की मूर्ति दक्षिण दिशा में कभी नहीं रखना चाहिए।
– लक्ष्मी -गणेश की पूजा करते समय लक्ष्मीजी को हमेशा गणेशजी के दाएं हाथ की तरफ होना चाहिए। दिवाली पूजा के लिए उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। दरअसल, उत्तर दिशा में कुबेरजी का वास होता है।
– हिंदू धर्म के अनुसार, लक्ष्मी जी की मूर्ति या प्रतिमा कभी भी खड़ी अवस्था में नहीं रखना चाहिए।
– घर में कभी भी या दिवाली पर लक्ष्मीजी की बहुत उऊंची प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। इससे निर्धनता आती है।
– दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा भगवान गणेश के साथ ही की जानी चाहिए।
– अगर आप दिवाली पर लक्ष्मीजी की मूर्ति घर ला रहे हैं, तो कोशिशर करें कि ये सिरेमिक की ना हो। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मीजी की प्रतिमा हमेशा पीतल, कांसा या मिट्टी से बनी होनी चाहिए। इस तरह की मूर्ति को ही शुद्ध माना जाता है।
– लक्ष्मी जी की मूर्ति को दीवार से सटाकर न रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह एक तरह का दोष है। लक्ष्मीजी की मूर्ति से किसी भी चीज की दूरी कम से कम दो इंच की दूरी होनी चाहिए।
– कई लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को पूजन के बाद सालभर घर में रखते हैं और फिर अगले साल विसर्जित करते हैं।। लेकिन ऐसा करना गलत माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पूजन के बाद दूसरे ही दिन मूर्तियों को विसर्जित कर देना चाहिए।
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त, विधि और आरती – Diwali lakshmi puja 2021 in Hindi
दिवाली की सफाई बहुत जरूरी है। इसलिए अपने घर के हर कोने को साफ करें, क्योंकि देवी लक्ष्मी वहीं विराजती हैं, जहां साफ-सफाई हो। सफाई के बाद आसपास की जगह को शुद्ध करने के लिए गंगाजल छिड़कें।
– पूजा के लिए प्लेटफॉर्म स्थापित करें।
– अपने पूजा कक्ष में स्टूल या पटे पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुठ्ठीभर अनाज रखें।
– अब बीच में एक कलश रखें।
– कलश में 75 प्रतिशत पानी भरकर एक सुपारी, एक गेंदा फूल, एक सिक्का और चावल के कुछ दाने डालें। कलश में 5 आम के पत्ते गोलाकार में रखें।
– अब पूजा के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें।- बीच में लक्ष्मीजी की मूर्ति और कलश के दाहिने ओर में भगवान गणेश की मूर्ति रखें। एक छोटी थाली लें और चावल के दानों का एक छोटा सा सपाट पहाड़ बनाएं। हल्दी से कमल का पुूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें ऑर मूिर्त के सामने रखें।
– बहीखाता और धन से जुड़ी चीजें रखें।
– अब अपने व्यापार, लेखा किताब और अन्य धन से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखे।
– तिलक लगाएं और दीपक जलाएं।
– अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। कलश पर भी तिलक लगाएं।
– भगवान पर फूल चढ़ाएं और कुछ फूल अपने हाथों में रखें।
– पूजा मंत्र का पाठ करें।
– हथेली में फूल रखकर हाथों को जोड़ें। अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें। पूजा के बाद हथेली में रखे फूल को गणेश और लक्ष्मी जी को अर्पित कर दें।
– अब लक्ष्मीजी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान करवाएं। इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। इसे फिर से पानी से स्नान कराएं। एक साफ कपड़े से पोछें और वापस कलश पर रख दें।
-अब मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें। माला देवी के गले में डालें। अगरबत्ती जलाएं ।
– अब नारियल, सुपारी , पान का पत्ता लेकर देवी को अर्पित करे। देवी को फल और मिठाई का भोग लगाएं। मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें।
– अब थाली में दीपक लें , पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मीजी की आरती करके पूजा संपन्न करें।
दिवाली पर श्रीयंत्र का महत्व और पूजा करने की विधि – Diwali par Shriyantra ka mahtva aur puja vidhi
श्री यंत्र एक शुभ और शक्तिशाली यंत्र है, जो देवी लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि श्रीयंत्र स्वास्थ्य , धन और सफलता प्रदान करता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से श्री यंत्र की पूजा करता है वह सफलता प्राप्त करता है और खुश रहता है। इसे धन का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। यह व्यक्ति को नाम और यश प्रदान करता है।
यदि आप स्वास्थ्य, धन और समृद्धि से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो आप दिवाली पर श्रीयंत्र की पूजा कर सकते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके घर में देवी लक्ष्मी की कृपा बरसे, तो इसके साथ आपको पूरे विधि से पूजा करनी चाहिए।
– सबसे पहले सुबह उठें, नहाएं और साफ सुथरे कपड़े पहनकर श्रीयंत्र की पूजा करें।
– अब श्रीयंत्र को लाल साफ कपड़े में रखें और उसे दूध और गंगाजल से स्नान कराएं।
– इसके बाद आप श्रीयंद्ध को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर उस पर लाल चंदन, लाल फूल और चावल चढ़ाएं। इसके साथ श्रीश्ंत्र पर लाल चुनरी चढ़ाएं। अब श्रीयंत्र की आरती करें।
– आपको श्रीयंत्र के सामने खड़े होकर ओम श्रीं ह्मिं श्री नम: व ॐ श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री हीं श्रीं ओम महालक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
दीपावली पर क्या खाएं/दिवाली पर क्या-क्या बनाया जाता है – Diwali par kya Banaye in Hindi
दीपावली का त्योहार मिठाई के बिना अधूरा है। दिवाली की पूर्व शाम पर परोसे जाने वाले कुछ पारंपरिक व्यंजनों में छोड्डोशक, गुझिया, बर्फी, मठ्ठी, गुलाबजामुन, पपड़ी, चिवड़ा, पिन्नी, मावा कचौरी, गाजर का हलवा, पूरनपोली, रसबली और अनारसा शामिल है।
लक्ष्मी माता की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत , हरि विष्णु विधाता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
उमा , रमा, ब्रहमाणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋिद्धदी-सिद्धी धन पाता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म -प्रभाव प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ।।
ओम जस लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता ।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यत्र न होते , वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चर्तुदश तुम बिन, कोई नहीं पाता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
महालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई जन गाता ।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ।।
ओम जय लक्ष्मी माता ।।
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय , लक्ष्मी नारायण की जय ।।