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6 mukhi rudraksh mala

6 मुखी रुद्राक्ष माला क्या है – 6 mukhi rudraksh mala kya hai

6 मुखी रुद्राक्ष का मनका शुक्र ग्रह से संबंधित है। तो यह सुंदरता, धन, यौवन और हर प्रकार का भौतिक सुख देने वाला भी माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से शक्‍ति बढ़ती है। भगवान कार्तिकेय की कृपा से छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्‍यक्‍ति की बुद्धि एवं ज्ञान में इजाफा होता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं।

6 मुखी रुद्राक्ष माला में करें किस मंत्र का जाप – 6 mukhi rudraksh mala mein karen kis mantr ka jap

  • 6 मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह से संबंधित है। शुक्र ग्रह सुंदरता और सुख को देखते हैं अत: यदि शुक्र ग्रह के शुभ फल न मिल रहे हों तो इस माला में ‘ऊं शुक्र शुक्राए नम:’ का जप करें। इसके प्रभाव से शुभ फल मिलेंगे। जिससे सुखों में वृद्धि होगी और जीवन स्‍तर में तेजी से विकास होगा।
  • शुक्र से संबंधित काम काज में भी तेजी से वृद्धि होगी। आपको आकर्षण बढ़ता है और शुक्र से आ रही परेशानियां दूर होती हैं।
  • ग्‍लेमर, सिनेमा जैसे क्षेत्र में यदि काम करना चाहते हैं तो सफलता के लिए शुक्र को मजबूत करना बहुत जरूरी है। ऐसे में 6 मुखी रुद्राक्ष माला पर मंत्रों का जप बहुत अच्‍छे फल देता है।
  • पैसा होते हुए भी यदि जीवन का आनंद नहीं ले पा रहे हों तो 6 मुखी माला में शिव के आनंद नटराज स्‍वरूप की स्‍तुति कीजिए अवश्‍य जीवन में आनंद आएगा।
  • शिव के रुद्र स्‍वरूप का स्‍मरण करन से शुक्र जनित रोग दूर होते हैं और व्‍यक्ति स्‍वस्‍थ्‍य रहता है।

6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे – 6 mukhi rudraksh pahanane ke fyade

  • यह पहनने वाले के आकर्षण को बढ़ाता है
  • यह व्यक्ति में बुद्धिमानी से सोचने के लिए ज्ञान को बढ़ाता है
  • यह बुद्धि और स्थिर मन को अनुदान देता है
  • यह व्यक्ति के वक्तव्य कौशल को बढ़ाता है और कलात्मक गुणों को बढ़ाता है.
  • यह शुक्र ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करता है
  • यह पहनने वाले के मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है
  • यह गाइनो की संमस्याओं को दूर करने में मदद करता है
  • यह मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को मजबूत करने में मदद करता है
  • यह इच्छाशक्ति और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है
  • यह व्यक्ति को मजाकिया और आकर्षक बनाता है
  • यह पहनने वाले के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने में मदद करता है
  • यह धारक की यौन समस्याओं के इलाज में मदद करता है
  • यह पहनने वाले के कानूनी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है
  • यह व्यक्ति को भावनात्मक आघात से उबरने में मदद करता है और जीवन से दुख को दूर कर देता है

6 मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि – 6 mukhi rudraksh pahanane ke vidhi

आप 6 मुखी रुद्राक्ष माला पहनने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें। वह आपकी जन्मकुंडली को देखकर आपको उचित रुद्राक्ष धारण करने की सलाह देगा। अगर रुद्राक्ष ऊर्जावान नहीं है तो यह किसी काम का नहीं है और किसी भी सामान्य फैशन ज्वैलरी के जैसा होगा। इसलिए अगर आप इसे अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए पहनना चाहते हैं, इसलिए आपको अपने पैसे से रुद्राक्ष खरीदना चाहिए। 6 मुखी रुद्राक्ष माला को पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ होता है। इसे सुर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर “ओम ह्रीं हं नम:” का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन पांच माला ऊँ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए।

राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष – rashi ke anusaar dhaaran karen rudraksh

मेष राशि: मेष राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष दारण करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही तीन मुखी या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना गया है।

वृष राशि: वृषभ राशि के जातक अगर लाइफ में शुभ फलों की प्राप्ति का इंतजार कर रहे हैं, तो चार मुखी, छह मुखी और चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

मिथुन राशि: मान्यता है कि इस राशि के जातक रुद्राक्ष की प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर चार, पांच या तेरह मुखी रूद्राक्ष धारण कर सकते हैं। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

कर्क राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के लोग तीन, पांच या फिर गौरी शंकर रुद्राक् भी धारण कर सकते हैं।

सिंह राशि: इस राशि के जातकों को एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कन्या राशि: इस राशि के जातक जीवन में सकारात्मक परिणाम और भगवान शिव की  कृपा पाने के लिए चार, पांच या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

तुला राशि: इन्हें चार, छः अथवा चौदह मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है। इसलिए शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ये धारण करें।

वृश्चिक राशि: जीवन ने सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए वृश्चिक राशि के लोगों को तीन, पांच मुखी या गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

धनु राशि: एक मुखी, तीन या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना धनु राशि वालों के लिए शुभ माना गया है।

मकर राशि: मकर राशि के जातक भगवान शिव की कृपा पाने  के लिए चार मुखी, छः या चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। ये रुद्राक्ष इनके लिए शुभ फलदायी होते हैं।

कुंभ राशि: इस राशि के जातक चार, छः या फिर चौदह मुखी रूद्राक्ष धारण करें।

मीन राशि: जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए इस राशि के जातकों को तीन, पांच या गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।

  • रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह की पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा से दूरी बना लेना चाहिए।
  • एक महत्वपूर्ण बात यह है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना चाहिए।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करें।इ सके साथ ही शिव मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
  • रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में पहनना चाहिए। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • रुद्राक्ष माला को आपने धारण कर लिया है तो अब इसे किसी और को बिल्कुल न दें। इसके साथ ही दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करें।
  • रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए। लेकिन 27 मनकों से कम नहीं होनी चाहिए।
  • रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें। मनके के छिद्रों में धूल और गंदगी जम सकती है। जितनी बार हो सके इन्हें साफ करें.. अगर धागा गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसे बदल दें। सफाई के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो लें। यह इसकी पवित्रता बनाए रखने में मदद करता है।
  • रुद्राक्ष गर्म प्रकृति के होते हैं। जिसके कारण कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। इसलिए बेहतर है कि इसका उपयोग न करें बल्कि पूजा घर में रखकर रोजाना पूजा करें।

स्वास्थ्य सुविधाएं

  • यह मधुमेह के स्तर को बनाए रखता है।
  • यह थायराइड को नियंत्रित करने में उपयोगी है।
  • प्रजनन अंगों की सुचारू प्रक्रिया के लिए अच्छा है
  • यह महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी मुद्दों को सही ठहराने में मदद करता है।
  • यह नैनटेस और मांसपेशियों के कार्यों को मजबूत करने में भी उपयोगी पाया गया है।

रुद्राक्ष के विभिन्न रंग हैं

  • सफेद रुद्राक्ष- जो लोग सफेद रंग का रुद्राक्ष धारण करते हैं उनमें आत्मविश्वास की शक्ति प्रबल होती है, शारीरिक रूप से स्वस्थ हो जाते हैं और यह पहनने वाले के जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर कर देता है।
  • लाल रुद्राक्ष – ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी इस लाल रुद्राक्ष को पहनता है या उसकी पूजा करता है, वह पिछले जन्म के सभी पापों से मुक्त हो जाता है और प्रभावी रूप से जल जाता है।
  • पीला रुद्राक्ष – पीले रंग का रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति सुखमय जीवन प्राप्त करते हैं।
  • काला रुद्राक्ष – इस रुद्राक्ष का सबसे महत्वपूर्ण गुण यह है कि इसे पहनने वाले को स्वास्थ्य लाभ, आध्यात्मिक लाभ, धन, सफलता मिलती है, सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है और लोगों की समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है।

छह मुखी रुद्राक्ष का क्या महत्व है – 6 mukhi rudraksh ka kya mahatv hai

  • यह रुद्राक्ष पहनने वाले के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है।
  • यह मुखी पहनने वाले के मन और धन पर अत्यधिक शक्तिशाली प्रभाव के लिए जानी जाती है।
  • रुद्राक्ष धारण करने वाले का हृदय निर्मल होता है।
  • रुद्राक्ष को इसके शांत गुण के लिए भी पहना जाता है।

रुद्राक्ष की माला जपने से क्या होता है – rudraksh kee mala japane se kya hota hai

रुद्राक्ष की माला से शिवजी की उपासना, करने का विधान माना गया है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही अंश माना जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्x200dपत्ति भगवान शिव से ही हुई थी। इसलिए भगवान शिव की माला के लिए रुद्राक्ष की माला को सर्वथा उपयोगी माना गया है।

रुद्राक्ष किसे नहीं पहनना चाहिए – rudraksh kise nahin pahanana chaahie

नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष से बचना चाहिए। संभोग के समय कभी भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान या मासिक धर्म होने पर रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए , रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें।

रुद्राक्ष कितने बजे पहनना चाहिए – rudraksh kitane baje pahanana chaahie

अगर, फिर भी आप इसे धारण करना चाहते हैं तो पहले खुद को शराब और तामसिक भोजन का त्याग करने के लिए तैयार कर लीजिए, अन्यथा आपको इसका फायदा नहीं मिलेगा। सोते समय उतार दें रुद्राक्ष सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। माना जाता है कि सोते समय शरीर अशुद्ध रहता है।

6 मुखी रुद्राक्ष माला का कीमत क्या है – 6 mukhi rudraksh maala ka kimat kya hai

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