कौन सा रत्न किस धातु में धारण करना चाहिए – kaun sa ratna kis dhaatu mein dhaaran karana chaahie
ज्योतिष के अनुसार रत्नों को धारण करने से जीवन की कई तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। कोई रत्न सेहत को फायदा पहुंचाता है तो किसी रत्न को पहनने से करियर को तरक्की मिलती है। हालांकि, रत्न तभी अपना असर दिखाते हैं जब इन्हें इनकी सही विधि के अनुसार धारण किया जाए साथ ही रत्नों के लिए कुछ विशेष धातु भी होते हैं। सौरमंडल में नौ ग्रह हैं और इन नौ ग्रहों को अपने पक्ष में करने और इनका सकारात्मक प्रभाव पाने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं। ग्रहों को मजबूती बनाने के लिए भी रत्न पहने जाते हैं। रत्न अपना असर तो दिखाते हैं लेकिन इन्हें किस धातु में पहना जा रहा है, ये बात भी महत्वपूर्ण होती है।
नीलम किस धातु में धारण करें?
नीलम सबसे शक्तिशाली और क्रूर कहे जाने वाले शनि ग्रह का रत्न है। कुंडली में शनि को बली करने के लिए नीलम रत्न पहना जाता है। नीलम रत्न को पंचधातु या स्टील की अंगूठी में जड़वाकर धारण करना चाहिए। नीलम रत्न को कम से कम चार रत्ती का तो धारण करना ही चाहिए। इसे आप अंगूठी या लॉकेट में पहन सकते हैं।
पन्ना किस धातु में धारण करें?
पन्ना रत्न बुद्धि के कारक बुध का रत्न है। जो भी इस रत्न को धारण करता है उसे बुद्धि के साथ-साथ सेहत की भी प्राप्ति होती है। पन्ना रत्न चांदी की धातु में सर्वोत्तम रहता है लेकिन आप इसे सोने में भी पहन सकते हैं। चांदी की धातु में पन्ना सबसे ज्यादा लाभ देता है। पन्ना कम से कम तीन रत्ती का तो होना ही चाहिए।
माणिक किस धातु में धारण करें?
माणिक्य को अंग्रेजी में रूबी भी कहा जाता है। सूर्य का यह रत्न आपको सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचा सकता है। रूबी स्टोन को सोने की अंगूठी में रविवार, सोमवार और गुरुवार के दिन पहनना चाहिए। रूबी पांच रत्ती का पहनें।
गोमेद किस धातु में धारण करें
राहू का रत्न है गोमेद और ये स्टोन व्यापारियों के लिए बहुत लाभप्रद होता है। स्टॉक मार्केट से जुड़े लोगों का भी गोमेद लाभ देता है। गोमेद रत्न को चांदी या अष्टधातु में धारण करना शुभ रहता है। शाम के समय विधि अनुसार राहू की उपासना कर इस रत्न की अंगूठी को मध्यमा अंगुली में धारण करें। गोमेद कम से कम 6 रत्ती का होना चाहिए।
मोती किस धातु में धारण करें
चंद्रमा का रत्न है मोती जोकि मन को शीतलता प्रदान करता है। चंद्रमा मन और मस्तिष्क का कारक होता है और इसलिए इस रत्न को धारण करने से चंचल मन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। मोती रत्न केवल चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए। आप 2, 4, 6 या 11 रत्ती का मोती पहन सकते हैं।
लहसुनिया किस धातु में धारण करें
केतु का रत्न लहसुनिया भी आपके जीवन की परेशानियों को दूर कर सकता है। केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण किया जाता है। चांदी की धातु में लहसुनिया पहनना शुभ रहता है। इसे शनिवार के दिन पहनना चाहिए।
पुखराज किस धातु में धारण करें
पीला पुखराज देवताओं के गुरु बृहस्पति का रत्न है। बृहस्पति के शुभ फल प्राप्त करने के लिए पुखराज रत्न धारण किया जाता है। इस रत्न को सोने की धातु में पहनना सबसे ज्यादा शुभ रहता है।
मूँगा किस धातु में धारण करें
मंगल का रत्न मूंगा है। ये रत्न कमजोर और डरपोक लोगों के लिए किसी वरदान से कम नही है। मूंगा रत्न को सोने की अंगूठी में धारण करना शुभ रहता है। सोने के अलावा चांदी या तांबे की धातु में भी आप इसे पहने सकते हैं। कम से कम 6 रत्ती का मूंगा धारण करें।
ओपल किस धातु में धारण करें
वैसे तो शुक्र का रत्न डायमंड है लेकिन हर कोई डायमंड नहीं खरीद सकता है इसलिए डायमंड के स्थान पर शुक्र के लिए ओपल रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। ओपल को सोने की धातु में पहनना चाहिए। यदि सोने में संभव ना हो तो चांदी या व्हाईट गोल्ड में इस रत्न को जड़वाकर धारण कर सकते हैं।