नीलम रत्न धारण करने से क्या लाभ होता है?
नीलम रत्न धारण करने से आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और रोगों से छुटकारा मिलता है , साथ ही नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है और धन लाभ होने लगता है। रत्न शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि यदि नीलम रत्न किसी व्यक्ति को सूट हो जाए तो शुभ एवं लाभकारी फल देता है।
नीलम रत्न कितने दिनों में असर करना शुरू करता है?
नीलम का असर बहुत ही तेजी से होता है। यह लगभग 24 घंटे में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। नीलम इन्हीं शक्तियों का कारण ज्योतिष सलाह देते है की नीलम रत्न धारण करने से पहले इसकी जांच जरूर करे , यह आपके लिए लाभदायक है या नहीं। इसके लिए नीलम रत्न को रात के समय तकिये के नीचे रखें यदि सोते समय बुरे सपने नहीं आए , स्वास्थ्य सामान्य रहे और चेहरे में कोई बदलाव नहीं हो तब नीलम को पंचधातु , लोहा अथवा सोने की अंगूठी में धारण करे। अगर इनमें से कोई भी परेशानी आती है तब नीलम पहनने की भूल नहीं करनी चाहिए।
नीलम रत्न को कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?
नीलम कम से कम कितने रत्ती का पहनना चाहिए?
नीलम रत्न कम से कम 5.25 रत्ती का पहनना चाहिए और सभी रत्न अपने वजन के हिसाब से पहनने चाहिए जिसे आपका वजन 50 से 60 के बीच है तो आपको 5.25 रत्ती का पहनना चाहिए यदि आपका वजन इससे कम है तो जब भी आपको 5.25 रत्ती का ही पहनना चाहिए या 60 से 70 के बीच है तो 6.25 रत्ती , 70 से 80 के बीच तो 7.25 इस प्रकार से आपको रत्न धारण करने चाहिए जिसे आपको ज्यादा लाभ मिले।
नीलम रत्न कब और कैसे पहने?
नीलम रत्न शनिवार के दिन धारण करे , नीलम धारण करने के बाद दान जरूर करे। साथ ही शनिवार के दिन शराब एवं मासाहारी भोजन बिल्कुन न करें। ऐसा माना जाता है की मेष, वृष, तुला एवं वृश्चिक राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न धारण करना लाभदायक एवं शुभ रहता है।
नीलम के उपरत्न क्या है?
नीलम का उपरत्न नीली, कटैला, फ़िरोज़ा ,जमुनिया और लाजवर्त है।
असली नीलम चिकना, चमकदार, साफ और मोर के पंख के समान सोभा वाला होता है। नीलम को आप कांच के गिलास में डाल देंगे तो आपको अगर नीली किरणें दिखाई देने लगती है तो नीलम असली है नहीं तो वो असली नीलम नहीं है।
मेष राशि –
मेष राशि के लोगो को नीलम रत्न बिलकुल धारण नहीं करना चाहिए। मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और नीलम शनि का रत्न है। इन दोनों ग्रहों के आपसी संबंध अच्छे नहीं हैं। इसलिए मेष राशि के लोगो को नीलम रत्न धारण करना उन्हें मुश्किल में डाल सकता है।
वृषभ राशि –
वृषभ राशि के लोग नीलम रत्न बिना किसी डर के धारण कर सकते हैं। वृषभ का स्वामी ग्रह शुक्र है और इसके शनि के साथ अच्छे संबंध हैं। वृषभ राशि के लोगो के जीवन में नीलम रत्न खुशियां, समृद्धि और अच्छा समय लाएगा।
मिथुन राशि –
बुध और शनि की आपस में नहीं बनती और इसलिए बुध की राशि मिथुन को नीलत रत्न धारण करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। तो ज्योतिष दुवारा सहला लेकर ही धारण करे।
कर्क राशि –
चंद्रमा और शनि के बीच में हमेशा लड़ाई ही रहती है इसलिए इस राशि के लोगो को नीलम रत्न बिलकुल भी धारण नहीं करना चाहिए।
सिंह राशि –
सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। शनि और सूर्य के बुरे संबंध होने के कारण नीलम रत्न सिंह राशि के लोगो के लिए अच्छा नहीं रहता है। ये रत्न आपके जीवन में मुस्किले खड़ी कर सकता है तो सिंह राशि वाले नीलम रत्न धारण ना करे।
कन्या राशि –
कन्या राशि के लोगों को नीलम रत्न धारण करने से न तो ज्यादा फायदा होगा और न ही ज्यादा नुकसान। आप चाहें तो ये रत्न धारण कर सकते हैं। एक बार ज्योतिष से सहला करके धारण करे।
तुला राशि –
शुक्र और शनि के बीच में शुभ संबंध होने के कारण इस राशि के लोग नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। ज्यादा लाभ के लिए आप नीलम रत्न को डायमंड या पन्ना के साथ भी धारण कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि –
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह शनि ही है लेकिन आप नीलम रत्न तभी धारण करें जब आपकी कुंडली में शनि पांचवें, नौंवें और दसवें भाव में बैठा हो। तब ही नीलम रत्न धारण करे।
धनु राशि –
धनु राशि गुरु की राशि है धनु एवं गुरु और शनि के बीच में शत्रुता का संबंध है। धनु राशि के लोगो को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
मकर राशि –
मकर राशि के लोगो के लिए नीलम रत्न जितना शुभ और कोई रत्न नहीं हो सकता है। मकर राशि का स्वामी शनि है एवं इस राशि के लोग बिना किसी डर के नीलम रत्न धारण कर सकते हैं और इससे उन्हें आदिक लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि –
कुंभ राशि का स्वामी शनि है एवं नीलम रत्न कुंभ राशि के लोगो के जीवन में अच्छा समय , धन प्राप्ति , शुक – शांति और खुशिया लेकर आता है।
मीन राशि –
मीन गुरु की राशि है मीन एवं गुरु और शनि के बीच में शत्रुता का संबंध है। इसलिए मीन राशि के लोगो को नीलम रत्न धारण नहीं करना चाहिए।