हिंदू धर्म में भगवान गणेश को शुभ का प्रतीक माना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर बड़ी धूमधाम से गणेश जी का पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा करने से वो कार्य संपन्न हो जाता है।
हिंदू धर्म में हर माह की कृष्ण पक्ष की चुतर्थी तिथि को मंगलकारी गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को Ganesh Chaturthi के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के कई शहरों एवं राज्यों में बड़ी धूमधाम से गणपति बप्पा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना 7 से 10 दिनों के लिए की जाती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विदाई की जाती है।
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आइए जानते हैं इस पावन पर्व के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।
गणेश चतुर्थी कब है 2020 में
गणेश जी के भक्त सोच रहे होंगे कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी कब की है। आपको बता दें कि गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की जाती है और फिर कुछ दिन पश्चात् मूर्ति का जल विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी व्रत 2020
गणेश चतुर्थी: शनिवार, 22 अगस्त, 2020
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त: प्रात: 11.06 से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक
समयावधि: 2 घंटे 36 मिनट
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 21 अगस्त, 2020 को प्रात: 11.02 पर
चतुर्थी तिथि समाप्त: 22 अगस्त, 2020 को प्रात: 7:57 पर
गणेश चतुर्थी व्रत एवं पूजन विधि
Ganesh Chaturthi के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और दोपहर को अपने सामर्थ्य के अनुसार चांदी, सोने, तांबे, मिट्टी या पीतल से निर्मित गणेश जी की मूर्ति की अपने घर के पूजन स्थल में स्थापना करें। अब गणेश चतुर्थी के व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद षोड़शोपचार से पूजन एवं आरती करें। गणेश जी मूर्ति पर सिंदूर अर्पित करें। इस मंत्र – ‘ऊं गं गणवतयै नम:’ का जाप करते हुए 21 दूर्वा चढ़ाएं। गणेश जी को लड्डू का भोग बहुत पसंद है इसलिए Ganesh Chaturthi के दिन उन्हें बूंदी या बेसन के लड्डुओं का भोग लगाएं।
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5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें और 5 ब्राह्मण को दान कर दें। अब बाकी बचे लड्डू प्रसाद के रूप में बाकी भक्तजनों में बांट दें। इसके बाद संकटनाशक स्तोत्र, श्रीगणेश स्तोत्र आदि का पाठ करें। पूजन के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें और रात के समय चांद निकलने पर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलें। ये है गणेश चतुर्थी व्रत विधि।
Ganesh Chaturthi पूजा के लाभ
गणेश जी के पूजन से पुत्र की प्राप्ति होती है। यदि कोई निसंतान स्त्री इस दिन सच्चे मन से पूजन एवं व्रत करती है तो उसे भगवान गणेश के आशीर्वाद से संतान की प्राप्ति होती है।
शुभ कार्यों से पहले गणेश जी की आराधना करने से सभी अड़चनें दूर होती हैं। आर्थिक तंगी और जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए भी गणेश चतुर्थी का पर्व रखा जाता है।
अगर आपके जीवन में भी कोई संकट है तो उसके निवारण के लिए इस बार 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश के आशीर्वाद से उसे मुश्किल को दूर कर सकते हैं।
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