गुरु का रत्न है पुखराज
देवताओं के गुरु बृहस्पति को पुखराज का अधिपति ग्रह माना गया है। बृहस्पति से संबंधित क्षेत्रों में अच्छे फल एवं सफलता पाने के लिए पुखराज पहन सकते हैं।
पुखराज धारण करने से लाभ
- अगर किसी लड़की के विवाह में देरी आ रही है या उसे अपने वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो उसे पुखराज रत्न धारण करना चाहिए।
- इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति की धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
- पुखराज पहनने से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर हो पाती है। ये रत्न धारणकर्ता की बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाता है।
- पुत्र की कामना एवं धन की कमी से परेशान व्यक्ति को पुखराज पहनने से लाभ होता है।
पुखराज धारण करने का नियम
पुखराज को सोने की धातु में पहनना चाहिए। गुरुवार की सुबह 11000 बार ‘ऊं बृं बृहस्पताये नम:’ मंत्र का जाप करके इस रत्न को धारण करना चाहिए।
पुखराज रत्न कौन पहन सकता है
21 नवंबर से 20 दिसंबर वाले धनु राशि के जातक मूंगा रत्न पहन सकते हैं। इसके अलावा जिनका जन्म 21 फरवरी से 20 मार्च के बीच हुआ है तो वो मीन राशि वाले लोग भी पुखराज स्टोन पहन सकते हैं।
कहां से लें
हमेशा पुखराज रत्न अभिमंत्रित करने के बाद ही धारण करना चाहिए वरना आपको इसका पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। अभिमंत्रित और सर्टिफाइड पुखराज ऑर्डर करने के लिए इस नंबर पर व्हॉट्सऐप मैसेज करें – 9354299817
nitesh goel –
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